,केवल पुरुषों को दोष देने से काम नहीं चलेगा।पुरानीयादें हमेशा हसीन और खूबसूरत नहीं होती। मी टू कैम्पेन के जरिए आज जब देश में कुछमहिलाएं अपनी जिंदगी के पुराने अनुभव साझा कर रही हैं तो यह पल निश्चित ही कुछपुरुषों के लिए उनकी नींदें उड़ाने वाले साबित हो रहे होंगे और कुछ अपनी सांसें थामकर बैठे होंगे। इति
कितनी वांछित है?✒️युवा वर्ग जो हीर सर्ग है, मर्म निहित करता संसृति काअकुलाया है अलसाया है, मोह भरा है दुर्व्यसनों कापिता-पौत्र में भेद नहीं है, नैतिकता ना ही कुदरत का;ऐसी बीहड़ कलि लीला में, आग्नेय मैं बाण चलाऊँकहो मुरारे ब्रह्म बाण की, महिमा तब कितनी वांछित है?जो भविष्य को पाने चल दे, वर्तमान का भा
यद्यपि हम विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश होने का दावा करते हैं, और हैं भी। तथापि जनता लोकशाही से, लोकतांत्रिक तरीके से लोकतांत्रिक मूल्यो के आधार पर देश चलाने की अपेक्षा करती है। लेकिन पिछले कई दशकांे से हमारे देश में लोकतंत्र के नाम पर ‘‘जुमले बाजी’’ ही चल रही है। एक ‘जुमले’ मात्र से कई बार सरका
मित्र कल से आज के बदले समय में, रूठ जायें हम तो फिर आश्चर्य क्या है.
कल भाद्रपद कृष्णअष्टमी को बालव करण और हर्षण योग में लगभग 21:07 पर बुध का प्रवेश सिंह राशि औरमघा नक्षत्र में सूर्य के साथ होने जा रहा है | यहाँसे 19 सितम्बर को प्रातः 04:15 के लगभग अपनी राशि कन्या में प्रविष्ट हो जाएगा | पाँच सितम्बर से बुध अस्त भी हो जाएगा | आइये जानने का प्रयास करते हैं बुध के सिंह
कल शनिवार एक सितम्बर को 23:27 केलगभग समस्त सांसारिक सुख, समृद्धि, विवाह, परिवार सुख, कला, शिल्प, सौन्दर्य, बौद्धिकता, राजनीतितथा समाज में मान प्रतिष्ठा में वृद्धि आदि का कारकशुक्र मित्र ग्रह बुध की कन्या राशि से निकल कर अपनी स्वयं की राशि तुला में प्रविष्टहो जाएगा | शुक्र के
प्यार रामा में है प्यारा अल्लाह लगे ,प्यार के सूर तुलसी ने किस्से लिखेप्यार बिन जीना दुनिया में बेकार है ,प्यार बिन सूना सारा ये संसार हैप्यार पाने को दुनिया में तरसे सभी, प्यार पाकर के हर्षित हुए है सभीप्यार से मिट गए सारे शिकबे गले ,प्यारी बातों पर हमको ऐतबार है प्य
मानवता की हार ✒️ विवश मनुज को तीर लगानेभोजन, वस्त्र, नीर पहुँचाने,भगवन रूप बदलकर आख़िरदेवदूत बन आए हैं;और निकम्मे से दिखते जोवीर, बंधु-बांधव सारे वोनाना प्रकार सहयोग बढ़ानेमुद्रा-द्रव्य भी लाये हैं।व्यथा बढ़ी है धरती परइक नहीं मनुज के जाति की,वक्त ज़रा सा भी हो साहिबकुछ बात कहो इक बात की;जीव-जंतु जो जं
"दोहा"इंसानों के महल में पलती ललक अनेक।खिले जहाँ इंसानियत उगता वहीँ विवेक।।जैसी मन की भावना वैसा उभरा चित्र।सुंदर छाया दे गया खिला साहसी मित्र।।अटल दिखी इंसानियत सुंदर मन व्यवहार।जीत लिया कवि ने जगत श्रद्धा सुमन अपार।।महातम मिश्र गौतम गोरखपुरी
सूर्य का सिंह में गोचरकल श्रावण शुक्ल सप्तमी यानी 17 अगस्तको 06:50 के लगभग सूर्यदेव अपने मित्र ग्रह चन्द्र की कर्क राशि से निकल कर अपनीस्वयं की राशि सिंह और मघा नक्षत्र में प्रस्थान कर जाएँगे, जहाँ तीन सितम्बर को बुध का प्रस्थान भी हो जाएगा |सिंह सूर्य की मूल त्रिकोण राशि भी