वृश्चिक में गुरु के गोचर का वृषभ राशि पर सम्भावित प्रभाव
जैसा सभी जानते हैं, देवगुरु बृहस्पति 11 अक्टूबर को रात्रि 8:39 के लगभग अपने शत्रु ग्रह शुक्र की राशि तुला से निकल कर मित्र ग्रह मंगल की वृश्चिक राशि में प्रस्थान करेंगे | 10 अप्रेल 2019 को 22:05 के लगभग गुरु का वक्री होना आरम्भ होगा और वक्री होते हुए 23 अप्रेल की रात को पुनः वृश्चिक राशि में लौट आएँगे | 11 अगस्त को 19:42 के लगभग गुरु मार्गी हो जाएँगे और इसी अवस्था में पाँच नवम्बर तक भ्रमण करते हुए अन्त में पाँच नवम्बर को प्रातः सूर्योदय से पूर्व 05:16 के लगभग पुनः अपनी स्वयं की धनु राशि में प्रविष्ट हो जाएँगे | इस विषय में विस्तार से आरम्भ में ही लिखा जा चुका है | आज जानने का प्रयास करते हैं कि वृषभ राशि के जातकों के लिए इस गोचर के क्या सम्भावित परिणाम हो सकते हैं...
जैसा कि पहले भी लिखा है, वृश्चिक राशि में गोचर करते हुए गुरु वृश्चिक राशि को तो प्रभावित करेगा ही, साथ ही गुरु की दृष्टियाँ वृश्चिक राशि से पञ्चम भाव यानी स्वयं अपनी राशि मीन पर, वृश्चिक से सप्तम भाव यानी वृषभ राशि और वृश्चिक राशि से भाग्य स्थान यानी कर्क राशि पर रहेंगी | इस प्रकार गुरु अपने इस गोचर में वृश्चिक, मीन, वृषभ तथा कर्क राशियों को प्रभावित करेगा | निश्चित रूप से इन राशियों के लिए यह गोचर भाग्यवर्द्धक रहने की सम्भावना की जा सकती है |
वृषभ राशि से अष्टमेश और एकादशेश होकर गुरु का गोचर इस राशि से सप्तम भाव में हो रहा है | जहाँ से गुरु की दृष्टियाँ आपके लाभ स्थान, लग्न तथा तृतीय भाव पर आ रही हैं | यदि आपका कार्य पार्टनरशिप में है तो उसमें लाभ की सम्भावना की जा सकती है | किन्तु यदि आपने अपना Temperament आपने ठीक नहीं रखा तो किसी भी प्रकार की पार्टनरशिप में समस्या भी उत्पन हो सकती है | साथ ही गुप्त शत्रुओं की ओर से भी सावधान रहने की आवश्यकता है | किसी नौकरी में हैं बॉस से किसी प्रकार का पंगा लेने का प्रयास न करें | साथ ही पैसे के लेन देन में भी सावधानी रखने की आवश्यकता है | नौकरी तथा पैसे के लेन देन से सम्बन्धित जो भी निर्णय लें अच्छी तरह सोच समझ कर ही लें | किसी घनिष्ठ मित्र की ओर से भी सावधान रहने की आवश्यकता है |
पार्टनरशिप में कोई नया कार्य आरम्भ करना चाहते हिं तो उसके लिए यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | नौकरी की तलाश है तो वह भी इस अवधि में पूर्ण हो सकती है | नौकरी में पदोन्नति की भी सम्भावना है | छोटे भाई बहनों के साथ सम्बन्ध सौहार्दपूर्ण बने रह सकते हैं |
वैवाहिक जीवन के लिए यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | दाम्पत्य जीवन में बना रहने की सम्भावना है | किन्तु जीवन साथी के प्रति ईमानदार रहने की आवश्यकता है |
स्वास्थ्य का ध्यान रखने की आवश्यकता है | विशेष रूप से पेट अथवा लीवर से सम्बन्धित कोई समस्या इस अवधि में हो सकती है | अतः खान पान में सावधानी बरतने की आवश्यकता है |
अन्त में, उपरोक्त परिणाम सामान्य हैं | किसी कुण्डली के विस्तृत फलादेश के लिए केवल एक ही ग्रह के गोचर को नहीं देखा जाता अपितु उस कुण्डली का विभिन्न सूत्रों के आधार पर विस्तृत अध्ययन आवश्यक है |
साथ ही, ग्रहों के गोचर अपने नियत समय पर होते ही रहते हैं | सबसे प्रमुख तो व्यक्ति का अपना कर्म होता है | तो, कर्मशील रहते हुए अपने लक्ष्य की ओर हम सभी अग्रसर रहें यही कामना है...
https://www.astrologerdrpurnimasharma.com/2018/10/09/jupiter-transit-in-scorpio-for-taurus/