न्यूज पेपर्स के आंकड़ों के अनुसार नोटबंदी से पूर्व देश में 500 व् 1000 के नोटों का चलन में शेयर लगभग 25% था । जिसमें 500 के नोट लगभग 17% व् 1000 के नोट की संख्या कुल नोटों की संख्या का 7% थी। जिनका मूल्य चलन में टोटल करेंसी का 86% था। नोटबंदी के बाद चलन में छोटे मूल्य की केवल 14% मुद्रा ही रह गयी। भारत में 90% काम-काज नकदी पर आधारित होने के कारण, देश में चलन में नकदी का प्रवाह अचानक से रूक गया। समस्या यह भी रही कि नोटबंदी के बाद चलन में पर्याप्त 500 के नये नोट समय पर नहीं आ पाये। देश में मौजूद लगभग 2 लाख से ऊपर ATM नेटवर्क को नोटबंदी 10 दिन होने के बाद भी अभी तक पटरी पर नहीं लाया जा सका। नकदी की भारी कमी ने लोगों को बैकों की ओर भागने को पर मजबूर कर दिया है। लोग बैकों की लाइन में कुछ लोग पैसे लेकर लगे है। कुछ लोगों की मजबूरी का फायदा उठा नोट एक्सचेंज पर कमीशन वसूलने पर लगें है। दुखद पहलू यह भी है, देश में नोटबंदी से कई मौतों भी हो चुकी है। मांगलिक कार्य भी रूक गए है। इतनी कठिनाइयों के बावजूद केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले का 125 करोड़ की टीम इंडिया पूरी तरह से समर्थन करती है। कोई भी यह नहीं चाहता कि नोटबंदी के फैसले को वापस लिया जाये। सरकार को किसी भी दशा में इस निर्णय को बदलना भी नहीं चाहिए। परन्तु पर्याप्त मात्रा में नये 500 के नोट चलन में न आने के कारण देश में अफरा-तफरी का माहौल है। शासित पार्टी को राजनैतिक नुकसान की आशंका भी है। व्यापार , कृषि , रोजगार सभी पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। ऐसे में सरकार को निम्न उपाय करने की जरूरत है -
1-नॉन बैंक अकाउंट होल्डरों को 2000 रूपये तक नोट एक्सचेंज की सुविधा केवल चुनी हुई बैंक ब्रांचों में देनी चाहिये। जहाँ पर्याप्त कैश की व्यवस्था की जाए। ऐसी बैंक ब्रांचों के समय घण्टे बढाकर स्टाफ रोटेशन को आधार पर लगाया जाये ताकि सबको जरूरत का कैश मिल सके व् बैंक स्टाफ पर काम का अधिक दबाव भी न पड़े। इससे बैंकों के अन्य काम बाधित भी नहीं होंगे ।
2- सभी बैंक अकाउंट होल्डर्स को केवल अपने बैंक की पेरेन्ट ब्राँच में नकदी जमा करने को कहा जाए। ऐसे में बैंक में भीड़ भी न होगी व् जरूरतमंद नोट एक्सचेंज अथवा लिमिटेड मात्रा में पैसा निकाल सकते है।
3- सबसे महत्वपूर्ण बात यह है बंद हुए 500 व् 1000 के नोटों को 30 Dec,16 तक सभी लेन-देन के लिए पुनः मान्य किया जाये।
4- कैश वैन सुविधा का तेजी से विस्तार किया जाये।
साथ ही सावर्जनिक स्थानों जैसे रेलवे स्टेशन, शॉपिग मॉल, बस स्टैंड आदि पर 1000-500 तक के नोट तुरन्त बदलने की सुविधा दी जाये इस कदम से देश में चलन में नकदी का प्रवाह बढ़ जाएगा। RBI को बाजार में नये करेंसी नोट बाजार में उतारने का समय मिल जाएगा। इतने समय देश में मौजूद सभी ATM नेटवर्क को पुनः पटरी पर लाया जा सकेगा। राज्य सभा में श्री सीताराम येचुरी जी का भी पुराने नोटों की मियाद सीमा 30 Dec.16 तक ही बढ़ाने का सुझाव था। केंद सरकार यदि जनहित में उपरोक्त कदम उठाये तो निश्चित ही नोटबंदी के बुरे असर को काम किया जा सकता है।