चुनाव परिणामों ने दिखा दिया -
वोटर्स को वही नेता पसंद है जो सुख-दुःख में साथ
हो, उसी की भाषा में बोले। देश हित में शीघ्र,उचित
व् कठोर निर्णय लेने में भी न हिचके।
करोड़ों वोटर्स ने
EVM-VVPAT की पारदर्शिता को सलाम किया। जिसकों लेकर जनता के बीच जनाधार खो
चुके नेता सवाल उठाते है। VVPAT से छपी पर्ची करोड़ों वोटर्स
की निष्पक्षता का गवाह बनी ı EVM ने न
केवल कागज, समय व् खर्च बचाया वरन पेड़ व् पर्यावरण की अमूल्य रक्षा
की ।
पूर्वजों की पूंजी पर जबानी जमा खर्च करने वालों को
तरजीह ने दे, वोटर्स ने काम को तरजीह दिया । अमेठी इसका सटीक
उदाहरण है।
जाति-धर्म से ऊपर उठ, वोटर्स
ने देशहित में मजबूत सरकार चुन, बता दिया कि उसमें सचमुच का ही
हनुमान बल है! जिसे मोदी जैसे नेता ने याद
दिलवा दिया ı
और इसी बल से वोटर्स ने EVM
पर वोट रुपी-गदा से अटूट, अचूक प्रहार किया , जिसका परिणाम देश-दुनिया
के सामने है ı
जिसमें सन्देश निहित है "
ईश्वर उन्ही की मदद करते है, जो अपनी मदद खुद करते है।" (God
Helps Those Who Help Themselves)
वोटर्स ने आत्म सम्मान से समझौता न
कर, न्याय की "एंटाइटलमेंट"(खैरात) को ठुकरा "मोदी
की एम्पावरमेंट" को चुना, जिसका मूल मन्त्र ही - "सबका साथ-
सबका विकास है "
जय हिंद ! जय भारत !