भारी भीड़ के बीच ट्रेन में अनारक्षित यात्रा के लिए “अनारक्षित टिकट” रेलवे टिकट खिड़की से कम समय में प्राप्त करना बच्चों का खेल नहीं । वर्ष 2016 रेल बजट में रेल मंत्री CA सुरेश प्रभाकर प्रभु ने अनारक्षित टिकट के “आपरेशन फाइव मिनट्स”( Operation 5 Minutes ) की घोषणा की थी जिसे अभी धरातल पर उतरना बाकी है।
रेल यात्रियों की भारी संख्या अनारक्षित टिकट पर यात्रा करने वालों की है। रेलवे को इस ओर जितना ध्यान देना चाहिए, नहीं दे रहा है। नई रेलगाड़ी के सुझाव या इसी तरह के सुझाव की गेंद भारतीय रेलवे बड़ी ही तेजी व् चतुराई से, रेलवे बोर्ड के पाले में दाग देता है। डिजिटल इंडिया के दौर में रेलवे मंत्री व् रेलवे बोर्ड का मेल आई डी, भारतीय रेलवे बोर्ड की साइट पर कहीं दिखाई नहीं देता।
आइये सावर्जनिक रूप से भारतीय रेलवे, रेलवे मंत्री व् रेलवे बोर्ड “Operation 5 Minutes” को सफल बंनाने के लिए निम्न सुझाव तो दे ही सकते है।
1- सॉफ्टवेर में बदलाव कर ATVM (Automatic Ticket Vending Machines) से टिकट लेने के व्यवस्था रेलवे कार्ड के साथ-साथ बैंकों के डेबिड / क्रेडिट कार्ड से भी होनी चाहिए।
2- “जनसाधारण टिकिट बुकिंग सेवा “( J.T.B.S ) पब्लिक प्राईवेट पार्टनरसिप का एक अच्छा उदाहरण है। इनकी संख्या में भी वृद्धि हो। बिजली, कंप्यूटर आदि लागत को देखते हुए यात्री कमीशन एक रूपये से बढ़ाकर कम से कम दो रूपये किया जाए। वर्षों से इस राशि में कोई बदलाव नहीं हुआ रेलवे को भी J.T.B.S संचालक को लागत घटाने व् मोटिवेशन के उद्देश्य से मासिक आधार पर एक फिक्स राशि प्रदान की जानी चाहिए।
3- अनारक्षित टिकट यात्रा से तीन दिन पूर्व खरीदने की सुविधा नॉन रिफंड, वापसी जैसी शर्तों के साथ के प्रदान की जानी चाहिए। वर्तमान में यह सुविधा 200Km. या उससे अधिक की यात्रा करने पर लागू है।
उपरोक्त कदम उठाकर रेलवे ‘आपरेशन फाइव मिनट्स’(“Operation 5 Minutes”) न केवल सफल बना सकता है वरन रेलवे स्टेशन पर समय से घंटों पहले आने वाली यात्रियों की भीड़ कम कर सकता है। यात्रा से तीन दिन पूर्व मिलने वाले नॉन रिफंड पैसा को शार्ट टर्म में इन्वेस्ट कर ब्याज कमा अपनी आमदनी बढ़ा सकता है। निश्चित ही अनारक्षित टिकट के लिए उठाये गए उपरोक्त कदम रेल यात्री की यात्रा सुखद, सुविधापूर्वक व् तनावरहित व् समय बचने वाली बना सकता है।
यहां यह भी बताना उचित होगा जब रेलवे को इस सम्बंच में सुझाव दिया गया तो उत्तर तो तुरंत मिला पर जवाब गोल-मोल था। “आपरेशन फाइव मिनट्स” में यात्री संख्या के अनुसार ही अनारक्षित टिकट खिड़की खुलती है।
देश का सौभाग्य है इस समय देश के रेल मंत्री CA है। निश्चित ही वह रेल यात्री की सुविधा के ध्यान में शीघ्र निर्णय लेंगें व् रेलवे की आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत विकसित करने के बारे में सोचेगें जो हींग लगे न फिटकरी रंग चौखा आये जैसा कदम होगा।