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अल्पसंख्यक कौन ?पार्ट-२

4 अक्टूबर 2017

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1947 में देश का बंटवारा धर्म के आधार पर हुआ। बंटवारे के समय राष्ट्रीय स्तर पर हिन्दूओं को बहुसंख्यक व् मुस्लिम को अल्पसंख्यक कहा जाने लगा। जैसा कि विदित ही है- “सामाजिक नियम फिजिक्स, मैथ्स की तरह स्थायी नहीं होते। इसके मूल्यों, नियमों व् जनसंख्या समीकरणों में समय, स्थान के अनुसार निरंतर परिवर्तन होता रहता है। आजादी के 70 वर्ष बाद भारत में भी जनसख्या समीकरणों में निरंतर बदलाव हो रहा है। परन्तु फिर भी देश में बहुसंख्यक-अल्पसंख्यक का पैमाना वही वर्ष 1947 वाला ही चला आ रहा है । समयानुकूल इसके मापदंड में परिवर्तन अति आवश्यक है। अब सवाल यह है कि आखिर अल्पसंख्यक हैं कौन ? मन में ढेरों प्रश्न है। इस समय देश में अल्पसंख्यक घोषित करने के क्या मापदण्ड हैं ? क्या परिभाषा है? सीमापार से आये घुसपैठिये, जो अपने देश में बहुसंख्यक है , भारत में चोरी छुपे सीमा पर करते ही कैसे अल्पसंख्यक बन जाते है ? सीमा पार से अवैध रूप से प्रवेश करने वाले बांग्लादेशी, पाकिस्तानी , रोहिंग्या लोगों का हिन्दुस्तान में प्रवेश आकर्षण कहीं यहां मिलने वाले अल्पसंख्यक दर्जे व् विशेष सुविधाएँ तो नहीं है । जिसकी भरपाई यहाँ के नागरिक ऊचीं कर दर चुका कर करतें है । भारत में अल्पसंख्यकों को समान अधिकार के साथ साथ ,विशेषाधिकार भी प्राप्त है जिसमें अन्य सुविधाओं के अतिरिक्त , सरकारी नौकरियों में 5% आरक्षण भी शामिल है। व्यावहारिक अर्थों में देखें तो भारत में अल्पसंख्यक शब्द आज एक धर्म विशेष का पर्यायवाची (Alternate Word ) शब्द बन कर रह गया है ? मजेदार बात यह है कि सरकार , मीडिया में सही माइनों में अन्य अल्पसंख्यक को कोई प्रतिनिधित्व ही नहीं दिया जाता !

क्या किसी जैन , सिख , बौद्ध , पारसी अल्पसंख्यक को देश अहिष्णू नजर आता है ? फिर मीडिया में इस वर्ग का पक्ष क्यों नहीं रखा जाता ? मीडिया भी पक्षपाती नजर आता है ? मीडिया में , सरकार में सभी अल्पसंख्यकों का केवल एक वर्ग विशेष ही प्रतिनिधित्व करता नजर आ रहा है। हजारों वर्ष पुरानी भारतीय संस्कृति में शायद ही अल्पसंख्यक शब्द का कहीं प्रयोग हुआ हो।

1977 की जनता क्रांति से केंद्र में एक पार्टी का एकाधिकार खत्म होने से वोट बैंक को लेकर अल्पसंख्यक वर्ग पर जोरदार बयानबाजी व् बहस होनी होने लगी है । कोई देश के संसाधनों पर उनका पहला हक़ बताता है तो कोई उन पर सत्ता के लिए जान देने को तैयार है। यह बात अलग है कि हाथी के दाँत खाने के कुछ और है व् दिखाने के कुछ और !

नेतागण चुनाव जीतने के लिए - M-Y (मुस्लिम-यादव), D-M( दलित- मुस्लिम ), D-M-Y( दलित-मुस्लिम-यादव)जैसे चुनावी समीकरण बनाने लगे है । कुछ नेता सत्ता सुख की खातिर अल्पसंख्यक शब्द को एक ढाल की तरह इस्तेमाल करते है।

अल्प + संख्यक दो शब्दों से मिलकर "अल्पंख्यक" बना है। अल्प का अर्थ कम व् संख्यक से आशय संख्या से है। अर्थात जिसकी संख्या कम हो वो अल्पसंख्यक है । परन्तु विभिन्न धर्मों में जनसख्या अनुपात कितना हो, इसका कोई मापदंड ,कोई परिभाषा नहीं है। जनसंख्या अनुपात, कुल जनसंख्या का 8%, 25% 47 % या 60%, 70% या 100 %,कितना हो ? यहां तो 68% भी भी अपने को अल्पसंख्यक घोषित कर , दी जाने वाली सभी सुविधा भोग रहा है । यह तो यही बात हुई अंधा बांटें रेवड़ी फिरी-फिरी अपनों को दे । काश्मीर इसका ताजा उदाहरण है। जहां 68% अल्पसंख्यक अपने बच्चों को अल्पसंख्यक छात्र वृत्ति दे रहें है। अल्पसंख्यक छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति को लेकर इसी तरह का एक वाद माननीय सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है । कश्मीर में कथित बहुसंख्यकों को छात्रवृत्ति से वंचित किया जा रहा है।

अंतरराष्ट्रीय नियमों, परम्पराओं, मान्यताओं के अनुसार किसी धार्मिक समूह को अल्पसंख्यक घोषित करते समय निम्न मापदंड होते है - " अल्पसंख्यक धर्म के अनुयाइयों की जनसख्या कुल जनसख्या अनुपात का 8 % से कम होना चाहिए अर्थात 8% या उससे अधिक की जनसख्या अनुपात वाले धार्मिक समूह को अल्पसंख्यक श्रेणी में नहीं रखा सकता।" देश में इस समय 6 धर्मों के अनुयाइयों को अल्पसंख्यक का दर्जा प्राप्त है :- 1- मुस्लिम

2- ईसाई

3- बौध्ध,

4- -सिख,

5- जैन

6- पारसी

यद्यपि भारत में यहूदी धर्म के अनुयाइयों का अनुपात भारत की कुल जनसख्या से काफी कम है, को अल्पसंख्यक नहीं माना जाता। शायद उनका चुनावी वोट कम है ,इसी लिए उनको उपरोक्त समूह में नहीं रखा गया।

आज जिस प्रकार से रोजगार, शिक्षा व् विशेषकर कुछ राज्यों में सुरक्षा कारणों से लोगों का लगातार पलायन हो रहा है, इससे देश के कई राज्यों , जिलों , कस्बों आदि में बहुसंख्यक जनसख्या अनुपात में इतना बड़ा बदलाव आ गया है कि जहाँ बहुसंख्यक को अल्पसंख्यक श्रेणी में रखा जा सकता है। ऐसे स्थानों में बहुसंख्यक की सुरक्षा, रोजगार , धार्मिक आजादी पर उचित ध्यान देने की जरूरत है। जिससे वहां वह धार्मिक पर्व स्वछंद रूप से मना सके । पश्चिम बंगाल में मां दुर्गा के विसर्जन में राज्य सरकार दवरा लगाई गई पाबंदी जिसे कलकत्ता है हाई कोर्ट ने निरस्त कर दिया , इसका जीता जागता उदाहरण है।

इस समय बहुसंख्यक वर्ग को समझ में नहीं आ रहा कि वह अपने को अल्पसंख्यक माने या बहुसंख्यक। UP, बिहार, केरल, असम, J&K राज्य के कुछ जिलों में धार्मिक जनसख्या समीकरण पूरी तरह से बदल गया है। वहां राष्ट्रीय स्तर पर बहुसंख्यक आज स्थानीय व् क्षेत्रीय स्तर पर अल्पसंख्यक है । ऐसे में ऐसे सभी नागरिकों के हितों की रक्षा करनी जरूरी है ।

शामली-कैराना (UP) से सुरक्षा के कारण पलायन , कश्मीर से कश्मीरी पंडितों का पलायन इसके ज्वलंत उदाहरण है। देश में घोषित अल्पसंख्यक-बहुसंख्यक अनुपात देख आप ज़रा सोचिये क्षेत्रीय , स्थानीय स्तर पर कौन बहुसंख्यक है ?

स्पष्ट है आज 70 वर्ष बाद जनसख्या अनुपात में क्षेत्रीय , स्थानीय स्तर पर सुरक्षा व् अन्य कारणों से पलायन के कारण जनसंख्या समीकरणों में बदलाव आया है । अतः अल्पसंख्यक व् बहुसंख्यक घोषित करने का वर्तमान मापदंड एकदम पक्षपात पूर्ण व् गलत है। यह निरंतर चलने वाली प्रकिर्या है जिसे प्रत्येक दस वर्ष बाद होने वाली जनगणना के साथ ही क्षेत्रीय स्तर पर अल्पसंख्यक- बहुसंख्यक घोषित किया जाए। ताकि जनसख्या अनुपात के अनुसार उचित अल्पसंख्यक- बहुसंख्यक का निर्धारण किया जा सके ।

सभी को रोजगार , सुरक्षा , धार्मिक आजादी दी जा सके। । सभी भारतीयों का यदि विकास करना है तो सरकारों , कार्यपालिका को अल्पसंख्यक व् बहुसंख्यक नाम के " फूट डालों व् राज करो की नीति को त्यागना होगा। यदि चुनावी मजबूरी के कारण ऐसा करना जरूरी लगे तो फिर अल्पसंख्यक-बहुसंख्यक के आंकड़े राष्ट्रीय जनसख्या स्तर के बजाय राज्य, जिला, तहसील आदि के आधार पर एकत्रित किये जाने चाहिए और उसी जनसंख्या अनुपात के आधार पर अल्पसंख्यक-बहुसंख्यक की श्रेणी बननी चाहिए। ताकि भारत के सभी नागरिकों का समान विकास हो। सभी नागरिकों की शिक्षा, चिकित्सा , रोजगार व् सुरक्षा की गारंटी हो। सुरक्षा के अभाव में किसी भी राज्य से , जिले या तहसील से पलायन न हो ।

आइये मिलकर विचार करें कि हमें हिंदुस्तान को हिन्दुस्तानियों का देश बनानां है या अल्पसंख्यक-बहुसंख्यक का।

देश है- तो हम है ! देश बढ़ेगा ! तो हम बढेंगे !

जय हिन्द , जय भारत !

अजीत सिंहः

अजीत सिंहः

बहुत ही मार्मिक और विषद लेख है। राष्ट्र पतन की ओर बड रहा है यह कौन है जो नहीं जानता हो या इससे असहमत हो..? सम्भवतः कोई नहीं होगा। दुःख है सब जानते हैं राष्ट्र की दिशा गलत है फिर भी सब चुप हैं।

4 अक्टूबर 2017

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प्याज ईमानदारी पर भारी

30 अगस्त 2015
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पानी, बिजली, सड़क, सीवर, परिवहन, शिक्षा, हेल्थ, राशन, बुजुर्ग पेंशन आदि दिल्ली-सरकार के पास है । 6 माह से अधिक का समय बीत जाने पर भी आम जनता को उपरोक्त विभागों में कोई भी प्रभावी कार्य नजर नहीं आता । राज्य स्तर की समस्या के लिए भी रटा-रटाया जवाब होता है – “मोदी जिम्मेदार है “। जनता ने उपरोक्त कामों

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मानसरोवर पार्क अंडर-पास

1 मई 2016
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शाहदरा-शामली रेल लाइन परबनने वाला मानसरोवर पार्क अंडर-पास दिल्ली की शाहदरा व् रोहतासनगर विधान सभा को जोड़ता है।  खेड़ा गावं व् मानसरोवर पार्क मेट्रो स्टेशनके एक ओर जहां शाहदरा विधानसभा है तो दूसरी ओर रोहतास नगर विधान सभा। इस अंडर-पास काउद्घाटन पूर्व सांसद श्री जय प्रकाश अग्रवाल ने वर्ष 2013 में किया।

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देश में अल्पसंख्यक घोषित करने के क्या हैं मापदण्ड?

21 अगस्त 2016
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"सामाजिक नियम फिजिक्स अथवा मैथ्स की तरह स्थायी नहीं होते। इसके मूल्यों व् नियमों में समय, स्थान आदि के अनुसार निरंतर परिवर्तन होता रहता है। समयानुकूल उचित परिवर्तन ही समाज को जीवंत बनाता है।" देश का बंटव

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खाट से ठाठ

10 सितम्बर 2016
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जुड़ने का नाम ही जीवन है। मानव शरीर करोड़ों सेल्स से जुड़ कर बना है। नेता हो, अभिनेता हो, गरीब हो, अमीर हो या साधारण आदमी या खास आदमी हर कोई कहीं न कहीं, किसी न किसी से जुड़ा है। कोई भगवान् से जुड़ा है, कोई रोजगार से जुड़ा है। जब से नेताजी गरीब आदमी से जुड़ अमीर होने लगे

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अनारक्षित रेलवे टिकट यात्रियों की

25 सितम्बर 2016
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भारी भीड़ के बीच ट्रेन में अनारक्षित यात्रा के लिए “अनारक्षित टिकट” रेलवे टिकट खिड़की से कम समय में प्राप्त करना बच्चों का खेल नहीं । वर्ष 2016 रेल बजट में रेल मंत्री CA सुरेश प्रभाकर प्रभु ने अनारक्षित टिकट के “आपरेशन फाइव मिनट्स”( Ope

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सर्जिकल स्ट्राइक का पोस्ट मोर्टम

7 अक्टूबर 2016
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इंडियन आर्मी के सम्मान का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि यह एक सौ पच्चीस करोड़ भारतीयों के दिलों की धड़कनों में दिन-रात दौड़ती है। युद्ध काल के अतिरिक्त शांति काल में किसी प्राकृतिक आपदा बाढ़ , भूकंप आदि के समय भारतीय सेना के जवान ईश्वरीय दूत की तरह हमारे बीच हाजिर होकर, हमारे जान-माल की रक

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बड़े पुराने करेंसी नोट बंद

10 नवम्बर 2016
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8th Nov,16 की शाम 500 व् 1000 के बड़े ( High Value) पुराने करेंसी नोटो के बंद करने की घोषणा होते ही आम जन को चलन (CIRCULATION) में मान्य छोटे नोट अर्थात 100, 50 के नोटोँ की कमी के कारण परेशानी का सामना करना पड रहा है। ऐसे लोगों के पास न ब्लैक मनी है, न नंबर दो का पैसा। निम्न वर्ग, मध्ध्

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नोटबंदी से बैंकों में भीड़……

13 नवम्बर 2016
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रविवार(13thNov.16), दिल्ली । बच्चे को CA एग्जाम सेंटर “लवली पब्लिक स्कूल, प्रियदर्शिनी विहार” छोड़ने गया । सोचा वापसी में बैंक से रोममर्रा के जरूरी खर्च-दवाई आदि के लिए कुछ रूपये लूं। जाते-आते समय रास्ते में लगभग 10-12 बैंक पड़े (शाहदरा, विवेक विहार, दिलशाद गार्डन, प्रियदर्शिनी विहार ,कृष्णा नगर आदि

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नोटबंदी पर पुनर्विचार

14 नवम्बर 2016
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9thNov,16 से पुराने 500 व् 1000 रूपये की नोटबंदी से देश में अव्यवस्था का माहौल है। नोटबंदी निर्णय की समर्थक आम जनता ने इस तरह के हालात की सपने में भी कल्पना न की थी। आजकल लोग जरूरी चीजें खरीदने के लिए पैसे-पैसे से मोहताज है। बैंकों में लंबी लाईन, अफरा-तफरी, अव्यवस्था का माहौल है । सॉफ्वेयर, व् हार

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नोट एक्सचेंज कारोबार

18 नवम्बर 2016
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न्यूज पेपर्स के आंकड़ों के अनुसार नोटबंदी से पूर्व देश में 500 व् 1000 के नोटों का चलन में शेयर लगभग 25% था । जिसमें 500 के नोट लगभग 17% व् 1000 के नोट की संख्या कुल नोटों की संख्या का 7% थी। जिनका मूल्य चलन में टोटल करेंसी का 86% था। नोटबंदी के बाद चलन में छोटे मूल्य

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दिल्ली-हरिद्वार इंटरसिटी ट्रेन

27 नवम्बर 2016
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माननीय रेल मंत्री , नयी दिल्ली । विषय- नयी ट्रेन दिल्ली-हरिद्वार इंटरसिटी (अनारक्षित) एक्सप्रेस चलाने के लिए अनुरोध महोदय, दिल्ली व् उसके आस-पास से हजारों की संख्या में यात्री विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों जैसे मुंडन, अस्थि विसर्जन, गंगा स्नान आदि के लिए हरिद्वार आते-जाते है। ज्यादातर यात्

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डीमॉनेटाइजेशन का निर्णय

11 दिसम्बर 2016
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डीमॉनेटाइजेशन (Demonetisation)(विमुद्रीकरण अथवा नोटबंदी )के निर्णय पर विचार करने से पहले हम देश की आजादी के बाद लिए गये कुछ एक निंर्णयों पर प्रकाश डालते है। जिनमें से कुछ सफल रहे, कुछ विवादास्पद रहे, कुछ का नतीजा सिफर अर्थात ठन-ठन गोपाल रहा। किसी-किसी निर्णय में देश की जनता को जान-माल के

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ग्लोबल हिंदी

3 जनवरी 2017
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भाषा वो सशक्त माध्यम है जिसके माध्यम से हम अपनी बात एक दूसरे तक पहुचा सकते है। भाषा सरल व् लचीली हो तो उसका जादू लोगों के सर चढ़कर बोलने लगता है। ग्लोबलाइजेशन के युग ने हिंदी को सात समंदर पार बसे लोगों के दिल तक पहुचा दिया है। इंग्लैंड के चुनाव हों या अमेरिका के, दोनों में हिंदी के वाक्य "अब की बार

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गधा पहलवान... हैप्पी होली !

12 मार्च 2017
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U.P. चुनावी परिणाम से तथाकथित सेक्युलर नेता व् चुनावी पंडित अवाक व् भोचक्के है। सभी तरह-तरह के तर्क-वितर्क में उलझे है। विकास, जाति, सेक्युलरिज़्म, नोटबंदी, सर्जिकल स्ट्राइक, ट्रिप्पल तलाक, अल्पसंख्यक-बहुसंख्यक, महागठबंधन, क़ानून-व्यवस्था, न

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अल्पसंख्यक कौन ?पार्ट-२

4 अक्टूबर 2017
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1947 में देश का बंटवारा धर्म के आधार पर हुआ। बंटवारे के समय राष्ट्रीय स्तर पर हिन्दूओं को बहुसंख्यक व् मुस्लिम को अल्पसंख्यक कहा जाने लगा। जैसा कि विदित ही है- “सामाजिक नियम फिजिक्स, मैथ्स की तरह स्थायी नहीं होते। इसके मूल्यों, नियमों व् जनसंख्या समीकरणों में समय, स्थ

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LED पर EESL की 3 Yrs. वारंटी

20 अक्टूबर 2017
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वर्ष 2015 मेंकेंद्र सरकार व् राज्य सरकार के सहयोग से बिजली की खपत कम करने व् विद्युत् उपभोगताओंकी बचत करने के उद्देश्य से दिल्ली में Energy EfficiencyServices Ltd ( “EESL”) ने Cropton Greaves Ltd (“CGL” ) दवरा निर्मित7 वाट के LED बल्ब सभी घरेलू विद्युत उपभोगताओं को प्रति बिजलीकनेक्शन 4 बल्ब को

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दिल्ली-रुड़की इंटरसिटी ट्रेन

10 दिसम्बर 2017
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रुड़की उत्तराखंड राज्य का तेजी से उभरता हुआ एक शहर है। उत्तराखंड बनने के बाद इसके आस पास के क्षेत्रों का तेजी से विकास हुआ है। मिलिट्री के बंगाल इंजीनियरिंग ग्रुप व् IIT-रुड़की , पिरान कलियर , रुड़की में सोलानी नदी को पार कर कल-कल बहती गंग नहर जिसकी खुदाई में देश में पहली बार रेल का उपयोग किया गया

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दिल्ली-रूड़की इंटरसिटी

4 मार्च 2018
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रुड़की- उत्तराखंडका एक तेजी से उभरता हुआ एक शहर है। नया राज्य बनने से इसके आस-पासके क्षेत्रों का तेजी से विकास हुआ है। रुड़की मिलिट्री , IIT- रुड़की,पिरान-कलियर, सोलानी नदी के ऊपर से कल-कल बहती मन मोहती गंग-नहर । जहाँ गंग-नहरकी खुदाई में देश में पहली बार रेल इंजन का उपयोग किया गया। गंग-नहरके गंगा-जल से

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हिंदुस्तान की बदलती डेमोग्राफी

10 मई 2018
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पृथ्वीसूर्य का चक्कर काटती है ,चन्द्रमा पृथ्वी का चक्कर काटता है। सूर्य हमेशा पूर्व से उगता है। यह एक सार्वभौमिक सत्य (UniversalTruth) है। परन्तु सामजिक, राजनैतिक नियमों को यूनिवर्शल ट्रूथ (अटल) नहींकहा जा सकता। इनमेंनिरंतर परिवर्तन होता रहता है. देश-काल अनुसार यह नियम बदलते रहते है । समय के अनुस

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सिक्का-बंदी

27 मई 2018
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4 वर्ष के कार्यकाल में मोदीसरकार ने काफी चर्चित व् सराहनीय कार्य किये जैसे अरब देशों में फंसे भारतीयों कीसुरक्षित व् सफल वापसी, सर्जिकल स्ट्राइक, ऑपरेशन ऑल आउट, नोट बंदी, एकदेश-एक टैक्स- GST, आदि-आदि । परन्तु अभी भी एक कार्य ऐसा है जिसे तुरंतपूरा किये जाने की आवश्यक

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“मेट्रो-वॉक”

1 जून 2018
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मॉर्निंगवॉक , इवनिंग वॉक तो सभी ने सुना है, पर “मेट्रो-वॉक”भी हो सकती है , यह 01.06.2018 को घटित हुआ। शाम लगभग 6-7के बीच आंधी के कारण दिलशाद-रिठाला मेट्रो लाइन पर लाइन नंबर-1 मेंरूकावट पैदा होने से मेट्रो सर्विस में रुकावट पैदा हो गई। मेट्रोसेवा काफी लंबे अंतराल से रिठाला से तीस हजारी के ब

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सरकारी नौकरी

5 जून 2018
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न्यूज-पेपर्समें हाल के दिनों में न्यूज आयी कि रेलवे की 90,000 रिक्तियों(vacancies) के लिए 2.50 करोड़ उम्मीदवारों ने आवेदन किया।यदि सभी आवेदकों को 500 रूपये के आवेदन शुल्क वाला उम्मीदवारमान लिया जाए तो रेलवे के पास लगभग 1250 करोड़ की भारी भरकमरकम आवेदन शुल्क जमा हो गई। अधिसंख्ययुवा रोजगार सुरक्षा,

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मानसरोवर रेलवे अंडर पास -2

17 जून 2018
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दिल्ली-शाहदरा-शामली रेल लाइन का मानसरोवर अंडर-पास शाहदरा व् रोहतासनगर विधान सभा को आपस में जोड़ता है। इसके एक ओर खेड़ागावं व् मानसरोवर पार्क मेट्रो स्टेशन है तो दूसरी ओर मानसरोवर पार्ककालोनी। इस अंडर-पास के निर्माण कार्य का उद्घाटन पूर्वीदिल्ली के तत्कालीन सांसद श्रीजय प्रकाश अग्रवाल ने वर्ष 2013 में

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दिल्ली-मेरठ रेल कॉरिडोर का हरिद्वार तक विस्तार

12 अगस्त 2018
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दिल्ली-मेरठ सेमी हाईस्पीड रेल कॉरिडोर (RRTS ) पर मोदी सरकार जोर-शोरसे कार्यरत है। जनता इस सपने को जल्द से जल्द साकार देखनाचाहती है। अभी यह कॉरिडोर दिल्ली से मेरठ (मोदीपुरम) तक प्रस्तावित है। 9th Aug.,18 मानसून सत्र में मुजफ्फरनगर सांसद व् पूर्व राज्य मंत्री Dr.संजीव बालियान ने इस प्रोजेक्ट को

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बचपन एक प्ले स्कूल

3 सितम्बर 2018
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हमारेबचपन में आज की तरह प्ले-स्कूल नहीं होता था। बस एक ही प्ले-स्कूल थाजो किताबी ज्ञान पर आधारित न हो, व्यवहारिकज्ञान व् प्रकृति करीब से जुड़ा था । प्लेस्कूल के लिए पांच-छह बरस तक हम अपने फार्म हाउस ( खेत खलियान) में घूमना, गन्ने

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सावधान ! सावधान !-सफाई कर्मी हड़ताल पर !

6 अक्टूबर 2018
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12 Sep.,18 से पूर्वी दिल्ली नगर निगम ( “EDMC “)के सफाई कर्मी लगातार हड़ताल पर है। गलियों , सड़कों परकूड़े के ढेर लगे है। दिल्ली राज्य सरकार के अंतर्गतआने वाले दिल्ली के तीन निगमों से एक “ EDMC” की कमजोर वित्तीय स्तिथि ने अपने कर्मियोंकी सैलरी के लिए पूर्ण रूप से राज्य की सरकार फंडिंग पर

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चलन में सिक्कों की बहुतायतता

30 अक्टूबर 2018
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नोटबंदी के बाद लोगोंने डिजिटल लेन-देन को व्यवहार में ज्यादा से ज्यादा लाना शुरू करदिया। छोटे-मोटे पेमेंट के लिए Paytm जैसे वालेट को बढ़ावामिला । जो कैश-लेश के साथ-साथ वेट-लेश भी था। आज अधिकतर लोग चाय-पानी बिजली- पानी , पेट्रोल , डॉक्टर फी ,मेडिशन आदि के भुगतान के कुछ इसी तरह के वालेट का प्रयोग

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दीवाली की शुभकामनाएं !

7 नवम्बर 2018
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सारादेश विदेश पावन दीवाली पर राममय है। इसी ६नवमबर ,१८ को अयोध्या में दीवाली परदीपोत्सव गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ।अयोध्या में देश-विदेश से आये मेहमानों के रामसमर्पित भाव को देख ह्रदय में राम नाम की धुन बज उठी। त्रेता युग के राम से मिलने कीलालसा और तीव्र हो उठी। अयोध

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EVM व् CA EXAM

1 फरवरी 2019
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जींद उपचुनाव में कांग्रेसी उम्मीदवार ने उम्मीदानुसारचुनाव हारते ही खिसियानी बिल्ली खम्बा नौचे की स्टाइल में हार का ठींकरा फिर से EVM परफोड़ दिया। कहने का अर्थ यह है -परिणाम पक्ष में आये तो ठीक, नहीं तोEVM खराब। मतलब- मीठा-मीठा गप-गप, कड़वा-कड़वा थू ! मानोंEVM ना हुई, ICAI का CA EXAM होगया ! जिसमें फे

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पितृ सत्ता

4 फरवरी 2019
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समाजसामाजिक मान्यताओं के आधार पर चलता है। लम्बे समय से चली आ रहीमान्यतायें को आधार बनाकर क़ानून बना दिया जाता है। मान्यताओंके आधार पर ही समाज में संतान की जाति-धर्म को तय किया जाता है । दो तरह की सत्ताएं होती हैं , एक - पितृ सत्ता , दूसरी मात्र सत्ता। संतान कीजाति व् धर्म जब पिता की जाति

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दिल्ली में ऊंचाई के आधार पर बिजली कनेक्शन

19 मई 2019
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देश में जहां हर गावं, हर घर में बिजली मिलने की धूम मची है,वहीं दिल्ली में बिजली का नया कनेक्शन के लिए उपभोगताको प्राइवेट बिजली कम्पनी ( जैसे BSES यमुना पॉवर लिमिटेड, जिसमें 49%हिस्सेदारी दिल्ली सरकार व् 51% हिस्सेदारी BSES की है)के सामने गिड़गिड़ाना पड़ रहा है।इसका कारण यह है कि DERC अधिनियम 2017 के

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वोटर्स में हनुमान बल

24 मई 2019
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चुनाव परिणामों ने दिखा दिया -वोटर्स को वही नेता पसंद है जो सुख-दुःख में साथहो, उसी की भाषा में बोले। देश हित में शीघ्र,उचितव् कठोर निर्णय लेने में भी न हिचके। करोड़ों वोटर्स नेEVM-VVPAT की पारदर्शिता को सलाम किया। जिसकों लेकर जनता के बीच जनाधार खोचुके नेता सवाल उठात

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हरिद्वार मेट्रो सेवा

23 जून 2019
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उत्तराखंड टूरिज्म पर नजर डाले तो देखते है कि 9 Nov, 2000, उत्तरप्रदेश के 13 जिले से मिलकर बना भारत का 27 वां राज्य उत्तराखंड में वर्ष 2019 तक लगभग 19 वर्षों में धार्मिक व् अन्य टूरिज्म मेंबहुत ही तेजी से वर्द्धिहुई है Ɩनिश्चित ही यह राज्यविकास, आर्थिक आधार को मजबूत बनाने

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370 व् 35 A पर केंद्र का फैसला

10 अगस्त 2019
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केंद्र की मोदी सरकार दवरा जम्मू व् कश्मीर से धारा 370 व 35A समाप्तकरने के ऐतिहासिक, साहसिक व् दूरगामी निर्णय ने सभी भारतीयों को चकित कर दिया। भारतीय कहने लगे-“ निर्णयलेने वाला हो,तो ऐसा ! इस प्रकार का निर्णय केवल मोदीव् अमित भाई शाह के कुशल नेतृत्व में ही लिया जा सकता है,जिसे पक्ष व् विप

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ट्रैफिक चालान पर 90% सब्सिडी ?

8 सितम्बर 2019
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The New Motor Vehicles (Amendment) Act ,19 , 1 Sep.19 से लागू हो जाने के बादसे देश में ट्रैफिक चालान की भारी भरकम कंपाउंड (मिश्रित) जुर्माने की राशि को लेकर चारों ओर हाहाकार मचा है। ₹- 15000/ की स्कूटी - ₹ -23000/-चालान राशि , ट्रैक्टर पर ₹-59000/- जुर्माना , भारी राशि जुर्माने पर नाराज

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PUC सर्टिफिकेट वैधता व् अनिवार्यता

17 सितम्बर 2019
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नया मोटर व्हीकल एक्ट विदेश में लाखों खर्च कर, वहां लागू क़ानून की स्टडी पर आधारित है, नए एक्ट में जुर्माने की भारी राशि अमेरिका, जापान, इंग्लैंड जैसे देशों को ध्यान मेंरख कर तय की गई है। ऐसा इस ए

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चालान की बीमा पालिसी ?

21 सितम्बर 2019
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देश भर में चालान को लेकर चर्चा है ! चालान भी अजीबोगरीब तरह के है। विदेशों की तर्ज पर भारत में नए मोटर व्हीकल एक्ट को लेकर आने वाले भीशायद इस तरह के चालानों को सुनकर दातों तले उंगुली दबाते हो । लेकिन जनहितमें चुप्पी जरूरी है।यही सोच कर सभी मुंह में दही जमा करबैठ

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एटीएम

15 जनवरी 2020
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ATM को लेकर आये दिन कोई न कोई खबर उछलती है Ɩ जैसे-ATMकार्ड क्लोनिंग, कार्ड बदलना, पासवर्ड चुराना , नकदी निकले बिना अकाउंटडेबिट होना, कम नकदी निकलना, कटे फटे या खराब नोट निकलना , एक आध जाली नोट निकलना , आदि-आदि-आदि ! जितने ATM ( मुहं) उतनी बात! सभी का अपना अलग-अलग अनुभव।अपनी ढपली अपना राग ! बस कोई यह

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PM-UDAY- एप्लीकेशन फाइल मे देरी

16 जनवरी 2020
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PM-UDAY ( पी एम–उदय) ! प्रधानमंत्री-अनधिकृत कॉलोनी दिल्ली आवासअधिकार योजना ! दिल्ली की 1731 अनधिकृत कॉलोनियों ( कच्चीकॉलोनी) को इस योजना का लाभ मिला है। इन्हीं कोलोनिंयों मेंसे एक नाम न्यू मॉडर्न शाहदरा, पॉकेट-२ दिल्ली-32 का भी है Ɩ दिल्ली अनधिकृत कालोनियों में दिल्ली की लगभग 2 करोड़ आबादीका

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दिल्ली में माघ माह में चुनावी महापर्व की धूम

8 फरवरी 2020
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8 Feb, 20 , दिल्ली ! दिल्ली विधान सभा चुनाव की वोटिंग में दिल्ली के स्मार्ट व् देश-दुनिया से बाखबर वोटर्स आज माघ मास की द्वादसी, दिन शनिवार, सुबह 8 बजे से ही चुनावी पर्व को मना रहें है। उन्ही वोटर्स में से एक मै और मेरा परिवार जो कल से चुनावी पर्व में भाग लेन

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“कोरोना” आत्मबल से ही हारेगा!

29 मार्च 2020
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कीचड में फंसी गाड़ी निकालने के लिए श्री हुनमान भक्त ने उनका स्मरण किया। हुनमान जी ने आते ही भक्तके गिरे आत्मबल/मनोबल भांप, प्रेरित कर ललकारा ! अज्ञानी ! मेरा बल तुझमें है ! तू थोड़ा प्रयास तो कर ! श्री हनुमान की वाणी से प्रेरित हो , भक्तने अपने आत्मबल से कीचड में अटकी गाड़ी एक क्षण में पार

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भाषा में जुड़ते नये शब्द

3 अप्रैल 2020
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कोरोना जैसी भयंकर विश्वव्यापीमाहमारी ने देश-जहान में देशों की सीमा व् भाषाकी दीवार को तोड़ दिया है। हिन्दुस्तान, भारतीय उपमहाद्वीप में बोली व्समझी जाने वाली हिन्दुस्तानी भाषा- हिंदी भी इससे अछूती नही रही। वैसे तोहिंदी में देश-विदेश की 18 से अधिक भाषा के शब्द

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लॉकडाउन-किरण उम्मीद की !

21 अप्रैल 2020
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वैश्विक माहमारी कोरोना के कारण देश भर में 3 May, 20 तक लॉकडाउन केकारण जनजीवन थम सा गया है। प्रधानमंत्री जी की अपील पर 22 March ,20 के जनता कर्फ्यू से ही सभी 130 करोड़ भारतीय, देश-दुनियाजहां के दुश्मन कोरोना जिसकी प्रकृति परमाणु बम फटने जैसी प्रतीत होती है,

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अहसास आजादी का !

29 अप्रैल 2020
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कोरोना माहमारी , जिसे चीनी वाइरस भीबोला जाने लगा है, के कहर के चलते लगभग 8 अरब (7.70 अरब) की दुनिया में 2 लाख से अधिकलोग अकाल मृत्यु की गोद में समा चुके हैं। रोज कीतरह ही आज 29 April ,20 को भी न्यूज़ पेपर्स में मेरी नजर मौतों की इन्हींआंकड़ों पर पडी। संपन्न व् अन्य देशों में जैसे अमेर

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अपने वेंडर्स को जाने (KYS)

3 मई 2020
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एक उपभोगता, क्रेता अथवा खरीदार, जब किसी व्यक्ति, समूह, वेंडर्स, फुटकर फल-सब्जी विक्रेता , किराना दुकानदार आदि से रोजमर्रा की आवश्यकताओंके लिए लेन-देन करता है तो वह विक्रेताओं, वेंडरों की बेसिक जानकारी अपने पास रखता है। मसलन ! वेंडर्स का व्यवहार कैसा है ? तोल कैसी है ? सामान,फल-सब्जी की

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जरूरी जरूरत (Needs) जीने की

5 मई 2020
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आदमी की जरुरतें (Needs) असीमितहोती है , जरूरतें पूरे करने के साधन कम । इसी लिए जीवन जीने लिए जरूरतों की चुनाव अर्थात वर्गीकरण करना पड़ता है। मूल रूप से सामान्य जीवन जीने के लिए रोटी, कपड़ा, मकान की जरूरत होतीहै Ɩ इसी आधार पर जरूरतों को तीन वर्ग 1- जीवन रक्षक जरुरत अथवा आवश्य

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कोरोना काल के कुछ तथ्य

31 मई 2020
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लॉकडाउन के 22 March ,२० से 31 May ,२० के दौरान, इन 71 दिनों के कोरोना काल में कुछ तथ्य -1- भारत के 28 राज्यों व् 8 केंद्र शासित प्रदेशों में बसी 135 करोड़ जनसख्या मेंगावों से शहरों की ओर देश की कुल आबादी में से एक तिहाई ने अर्थात 45 करोड़आबादी ने अपने मूल स्थान से रोजगार या अन्य कारणों से पलायनकिया

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वोटर कार्ड पर नवीनतम फोटो

5 जून 2020
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मतदान करते समय चुनावी पहचान पत्र ( Electoral Photo Identity Card(EPIC)/ वोटर कार्ड का अपना विशेष महत्व है। जहाँतक याद पड़ता है देश व् दिल्ली सहित देश में 1992 में मुख्य चुनाव आयुक्त श्री T. N. शेषन के कार्यकाल मेंपहली बार ब्लैक एंड वाइट फोटो सहित वोटर पहचान कार्ड बने। वर्तमानमें दिल्

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पूर्वी दिल्ली नगर निगम- ई-म्युटेशन

22 जून 2020
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पूर्वीदिल्ली नगर निगम वेब साइट पर ऑनलाइन सर्विसेज के तहत एक टेक्स पयेर्स म्युटेशन (नाम परिवर्तन) के लिए ई-म्युटेशन (e- Mutation) सेक्शनमें जाकर ई-एप्लीकेशन (आवेदन) फ़ाइल कर सकता है। यूंतो ऑन लाइन ई-म्युटेशन एप्लीकेशन भरना काफी सरल है , परन्त्तु अभी भी म्युटेशन की ई-एप्लीकेशन में कमी खट

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राम! राम-राम

5 अगस्त 2020
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दिनांक-5 अगस्त,20 ! प्रधानमंत्री श्री मोदी जीके कर कमलों से अयोध्या में भव्य राम मंदिर भूमि पूजन सचमुच किसी दिवा स्वप्नं के पूरा होने से कम नहीं है। इस दिनभारतीय जनमानस ने प्रधानमंत्री जी को एक महायोगी के रूप में देखा । उनके बोल-वचन, छवि नेता से अधिक किसी संत सी लग रही थी। सचमुच! आज देश को ऐ

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भारत में घुसपैठ व् घुसपैठियों की बढ़ती पैठ

23 अगस्त 2020
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135 करोड़ का भारत विश्व पटल पर आर्थिकशक्ति के रूप में एक उभरता देश बनरहा है। देश की यही आर्थिक खुशहाली कंगाल पड़ोसी मुल्क के लिएपरेशानी का सबब है। इसी लिए यह कंगाल मुल्क देश को बाहरी व् आंतरिक चुनौती देता रहता है । इसी तरह की चुनौती से निपटनेके लिए भारत को सर्जिकल स्ट्राइक , बालाकोट

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कोविड-19 के तहत ट्रैफिक चालानों में राहत !

13 सितम्बर 2020
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1 Sep.19 से संशोधित नये मोटर वाहन अधिनियम,19 को देश भर में लागू हुए एक वर्ष का समय बीत गया है। इसके अंतर्गत तय ट्रैफिक जुर्माने की भारी राशि ने लोगों की कमर तोड़ दी है। कोविड-19 से पहले जैसे-तैसे लोग ट्रैफिक जुर्माने की भारी राशि को भर रहे थे , परन्तु कोवि

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दिल्ली में सड़को की दयनीय दशा

21 सितम्बर 2020
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वित्तीय वर्ष २०-21 का ₹65 हजार करोड़ का दिल्ली-सरकार का बजट और इस पर भी दिल्लीमें सड़को की ऐसी दयनीय दशा, इस दयनीय स्तिथि का मेट्रो से सफर करने वाले दिल्ली वालोंको शायद ही पता चलता , यदि लॉक-डाउन के दौरान मेट्रो-सेवा बंद न होती। मेट्रो-सेवा बंद होने कीमजबूरी के चलते , दिल्ली में Ma

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रेलवे प्लेटफॉर्म पर कोच इंडिकेटर बोर्ड

25 जनवरी 2021
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कोविड-19 के कारण इन दिनों रेलवे दवरा केवलरिजर्व्ड कोच की स्पेशल ट्रेनों को ही चलाया जा रहा है। पूर्णतः रिजर्व्ड ट्रेन होनेके कारण रेलवे प्लेटफॉर्म पर यात्रियों के लिए “ कोच इंडिकेटर बोर्ड” की एक महत्वपूर्ण भूमिका है।वैसे तो सभी मेल /स्पेशल ट्रेनों के ठहराव वालेस्टेशनों पर यात्रियों की सुविधा के ल

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"किसान लीडर्स रेगुलेटरी अथॉरिटी "

21 फरवरी 2021
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आज किसान नेताओं की बाढ़ आ गयी है।ऐसे हीबिना जनाधार नेताओं ने राजनीती में उतरने व् खुद को चमकानेके लिए राजधानी के चारो ओर डेरा डाला है।इससे न केवल आम लोगों की नाक में दम कररखा हैƖ आंदोलन से नित्य दिनचर्या , रोजगार बुरी तरह से प्रभावित हुएहै। सड़क यातायात प्रभावित हुआहै। किसानों की फल

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क्रांति की उम्मीद

8 मार्च 2021
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अरब क्रांति कीशुरूआत ट्यूनीशिया से हुई जो तेजी से अरब देशों में फ़ैल गयी, लीबिया के जालिम तानाशाह गद्दाफी इसी क्रांति की भेट चढ़ गए। धरने, हड़ताल, मार्च, रैली, विद्रोह आदिके माध्यम से वर्षों से जमे इन अरब अलोकतांत्रिकदेशों के तानाशाहों की अरब क्रांति से चूलेहिलने लगी उनकी सत्ता

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देश में अल्पसंख्यक मापने का पैमाना

3 अप्रैल 2021
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1993 में तत्कालीन केंद्र की कांग्रेसी सरकार दवरा वोट बैंक व् तुष्टिकरणकी राजनीति को ध्यान में रखते हुए , अल्पसंख्यक मापने के लिए बनाया गया पैमानावर्ष 2021 आते-आते पूरी तरह से धवस्त/ विफल होगया है।पैमाने केआधार पर वर्तमान में धर्म आधारित छह वर्ग अल्पसंख

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थप्पड़ की मार , कोरोना मार पर मारी

24 मई 2021
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चुनावी माहौल में नेताजी पर थप्पड़ों की बौछार देख, आम आदमी इस तरह के थप्पड़ कांड को वोटर्स की सहानुभूति लेने व् मीडिया की सुर्खिया बटोरने का केवल सिर्फकेवल हथकंडा मात्र मानता है। कुछ पक्षकार इसे नेताजी के लिए जीत का शुभ संकेत मानते है। नेताको लगे थप्पड़ को लेकर

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बचपन जो अब सपना लगता है

25 जुलाई 2021
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बचपन जो अब सपना लगता है बचपन गावं में गन्ने खेत में कान्छी (गन्ने का बीज) बोते ,गेहूं बोते व् काटते हुए खेतों में ही बीता। उन दिनों गावं में सुबह की सैर, प्राणायम , योगा का चलन या ऑप्शन न था। इसकी कमी हम लोग खेत में काम करके व् सिर पर चारे की गठरी को खेत से घर तक को लादकर पूरी करते

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दिल्ली - PWD सड़कों बीच गढ्ढे ! बने एक समस्या ! लंबे समय से मरम्मत के अभाव में दिल्ली- PWD की सड़कों के बीच जगह-ज

5 अगस्त 2021
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दिल्ली - PWD सड़कों बीच गढ्ढे ! बने एक समस्या ! लंबेसमय से मरम्मत के अभाव में दिल्ली- PWD कीसड़कों के बीच जगह-जगह गहरे गढ्ढे बन गए है।इससे सड़क पर वाहन चालकों , विशेषकर दुपहिया चालकों के दुर्घटना का खतरा हमेशाही मंडराया रहता है। यदि निष्पक्षरूप से विचार किया जाये तो आज के दिन दिल्

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जय श्री कृष्णा !

28 अक्टूबर 2021
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<p>बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया <br> सब दुःख दूर हुए जब तेरा नाम लिया <br>

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दिल्ली- निजी दफ्तर बंद ! कम्पनी एकाउंट्स सेक्शन मुश्किल में !

13 जनवरी 2022
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!    दिल्ली आपदा प्रबंधन  प्राधिकरण द्वारा ("DDMA") सोमवार 10 Jan.22 की बैठक में ओमीक्रॉन के बढ़ते फैलाव को दृटिगत रख,  लिए गए फैसले में  ,  कुछ दफ्तरों जैसे कूरियर कम्पनी,  फाइनेंस कम्पनी,  प्राइवेट

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दिल्ली में पानी फ्री , पर पानी है कहाँ ?

18 मई 2022
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 दिल्ली में फ्री-फ्री पानी का देश-दुनिया -जहान में ढिढोरा पीटा जा रहा है,  पर क्या पानी उपभोक्ता के घरों तक आ रहा है।     उदाहरण के लिए न्यू मॉडर्न शाहदरा पॉकेट -2 , पानी बिलकुल नहीं आता ,यहां पानी

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अल्पसंख्यक ही बहुसंख्यक! बहुसंख्यक ही अल्पसंख्यक !!

19 जून 2022
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  अल्पसंख्यक ही बहुसंख्यक! बहुसंख्यक ही अल्पसंख्यक !!   1992 में केंद्र सरकार ने बिना स्टडी, आँकड़े एकत्र किये,  मापदंड व् परिभाषा निर्धारितं किये बिना ,  भारतीय लोकत्नत्र के अश्वमेध यज्ञ के घोड़े को

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अखबार में नाम छपा- पद्मश्री की डिमांड !!

1 सितम्बर 2022
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अस्सी-नब्बे के दशक में अखबार में नाम छपने की बात , किसी दफ्तर में नाम छपने से कम न थी।  उन दिनों अखबार में नाम छपवाने के लिए बड़े पापड़ बेलने पड़ते थे। लोग तरह-तरह के जुगाड़ ,जुगत लगाते । न्यूज पेपर में

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केंद्रीय योजनाओं से बदलता जीवन स्तर

16 सितम्बर 2022
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 केंद्रीय योजनाओं से बदलता जीवन स्तर     इन दिनों गावों- शहरों में केंद्र द्वारा चलायी जा रही योजनाओं का प्रभाव साफ़ नजर आ रहा है। आइये केंद्र की उन योजना पर नजर डाले जो गांव-शहर में जमीनी स्तर पर उत

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देश में लागू एकपक्षीय विवादित क़ानून

16 सितम्बर 2022
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इन दिनों देश व् तमाम सोशल मीडिया में कांग्रेस की तत्कालीन सेक्युलर सरकार दवरा मनमाने ढंग से पारित एकपक्षीय दो कानूनों की खूब चर्चा है -   उनमें से पहला है -    सोशल मीडिया में आम भाषा में कहा ज

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रोहताश नगर में दयनीय सड़के

22 फरवरी 2023
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 रोहताश नगर में दयनीय सड़के  1993 से रोहताश नगर-दिल्ली विधान सभा की जनता ने अपने क्षेत्र से माननीय आलोक कुमार , राधेश्याम खन्ना  , रामबाबू शर्मा  , विपिन शर्मा  , सरिता सिंह, व् वर्तमान में  जि

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