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पारिवारिक की किताबें

Familial books in hindi

पारिवारिक विषयों के सर्वश्रेष्ठ पुस्तकों के संग्रह को पढ़िए Shabd.in पर। हमारे इस संग्रह में विभिन्न पारिवारिक विषय एवं उसके सम्बन्धों पर कहानियों का आधार बनाया गया है। इस संग्रह में परिवार के सदस्यों के बीच प्रेम-द्वेष का कालजयी वर्णन है। रिश्तों के धागे वाले इस संग्रह में भाई अपने भाई के लिए कुर्बानी भी देता है और बंटवारे में हथियार भी उठाता है। तो चलते हैं जीवनचक्र के इस संग्रह में सराबोर होने Shabd.in पर।
वचन

एक ऐसे भाई की कहानी जो अपने पिता को दिए हुए वचन को निभाते हुए अपने छोटे भाई को गलत रास्ते से हटाकर सही रास्ते पर ले आता है...

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अपना कौन

एक जवान विधवा के हालात पर आधारित है ये कहानी।

1 पाठक
1 अध्याय
16 फरवरी 2022
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हास्पितल जनित समस्याएं

इंदू गुप्ता मेकाहारा हास्पिट्ल रायपुर में डेलिवरी के लिये भर्ती हैं । डेलिवरी के तुरंत बाद उसे बताया गया कि उसने एक बेटे को जन्म दिया है पर बाद में उसके हाथ में एक बेटी सौंपी गई कि तू ही इसकी जन्म दात्रि है।

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Love

good morning I should have kept chasing my dream person stumbling on a winding narrow road I don't wanna go back to those days looking for the lost sky like a sacrifice so that you can understand stop sad faces tears are no

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अनचाहा बंधन

हम इंसान है इसलिए हमारे पास रिश्ते हैं, पर हर रिश्ता खुशी, सकून देने वाला हो ये जरूरी तो नहीं कुछ सिर्फ बंधन बनकर रह जाते हैं उलझनों वाला, दर्द तकलीफ वाला एक अनचाहा बंधन ,, मिहिर और चाहत ऐसे ही अनचाहे बंधन की उलझनों, दर्द तकलीफों से निकलने के लिए दो

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किसान आंदोलन

किताब के बारे मे हमारा भारतदेश क़ृषिप्रधान देश है, फिर भी आज के समय मे किसान की स्तिथि बहुत ही बुरी है | वह आज भी ग़रीबी और लाचारी से परेशान है, कभी अतिवृष्टि की वजह से फसल का नुकसान हो जाता है तो कभी अल्पवृष्टि से | किसान खेतो मे बीज बोने से लेकर फसल

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झूठी महबूबा, पागल महबूब ? मगर बेवफा नहीं वो

इस किताब का नाम ‘झूठी महबूबा, पागल महबूब है' इस किताब में इक ऐसी महबूबा की कहानी है जो बहुत झूठी होती है लेकिन सच्ची प्रेमी होती है और इक ऐसा महबूब होता है जो बहुत बड़ा पागल होता है उसके प्रेम को और उसके झूट को समझना नहीं पाता है

1 पाठक
1 अध्याय
11 नवम्बर 2022
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नौकरी का पहला दिन

यह कुदरत भी ना !  हम गरीबों पर ही  सारे कहर ढ़ाहती  है । छोटा सा तो परिवार है हमारा । अम्मा .. बाबूजी ..  रज्जो ... मैं और मेरी फूल सी  ढाई वर्ष की बिटिया कमली । सब कुछ कितना अच्छे से चल रहा था । बाबूजी के साथ मिलकर मैं अपनी  जमीन के छोटे से टुकड़े प

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बहू बनने की कीमत

एक कहानी सत्य घटना पे आधारित हैं।इसमें एक लड़की की शादीशुदा जिंदगी के बारे में बताया गया हैं।

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18 फरवरी 2022
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चीची

एक चिड़िया और बच्चे की मित्रता

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संघर्ष की कहानी

यह कहानी उस महिला के जीवन की है जिसने महज 43 की उम्र मे ही ज़िन्दगी के हर पड़ाव को हस्ते -मुस्कराते हुए पार किया है न जाने उसने कितनी ही विपरीत परिस्थितयो का डटकर मुकाबला किया और आज वो अध्यापिका के पद पर कार्यरत है । इस कहानी से हमे जीवन मे बहुत कुछ

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21 फरवरी 2022
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दूसरी माॅं

मैंने सुना था कि माॅं का दूसरा नाम स्वर्ग होता है लेकिन माॅं जब से आप हमारे घर आई आपने हमारे घर को नर्क से भी बदतर बना दिया । माॅं से बढ़कर कोई गुरु नहीं होता । क्या ऐसा ही होता है ?? आप गुरु का मतलब भी जानती है माॅं । सब जानते है कि हमारी संस्कृति

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वीरान गाॅंव

जीवन में हर कोई सफल  बनना चाहता है । वह पढ़ लिख कर आगे बढ़ना चाहता हैं । हर कोई किसी न किसी तरीके से अपने जीवन में आगे बढ़ता  हैं  और हर किसी का कुछ ना कुछ बनने का सपना जरूर होता है  जैसे  कि  कोई डॉक्टर बनना चाहता है । कोई  इंजीनियरिंग तो कोई  वकील

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 झूलेलाल भगवान

यह एक सिंधी पारिवारिक कहानी है , उस परिवार की बहु भगवान झुलेला की भक्त है ,वह किस तरह भगवान झूलेलाल की भक्ति से अपना बिखरा जीवन सवारती है,

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धरती का अमृत

कहते है कि समय के साथ सब कुछ बदल जाता है, पृथ्वी हो या पाताल, स्वर्ग या यम लोक । समय के अनुसार सब कुछ बदल जाता है। ओर बदल जाते हे वहाँ के लोग। जब पृथ्वी पर इंसान बदल गए तो यम लोक में देव ओर बाक़ी के लोग केसे ना बदलते? इसी कहानी पर आधारित है हमारी यह

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23 फरवरी 2022
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क्रोध के बारे मे

क्रोध को हि जितने मे सच्ची मर्दानगी है। क्रोध तो मधुमक्खी के छत्ते पर पत्थर क्रोध का मतलब है दूसरे की गलतियो की सजा खुद को देना। क्रोध समझदारी को घर से फेकने के समन तो। क्रोध मे मनुष्य की आंखे बंद हो जाति है जुबान खुल जाता है क्रोधहिन मनुष्य देवता ह

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25 फरवरी 2022
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पचास के पार

14 कहानियों का संग्रह है पचास के पार कहानियां - 1. छत्रछाया. 2.चीफ द बॉस 3. एक हम सफर 4. घरेलू पति. 5. गिरगिट का जाल 6. कमरे का अभिशाप 7. लाल का पतन. 8. मिस चक्रव्यूह 9.मिस्टर लक्ष्मण 10. पचास के पार 11. प्रारम्भ 12. प्रत

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एक मां और एक बहेन

में गुजरात के एक छोटे से शहर सुरत में रहता हु ,में अपने घर मैं अपनी मां और अपनी एक बड़ी बहन के साथ रहता हु ,पिताजी का तो बोहत साल पहले ही कैंसर की वजन से मृत्यु हो गया था उसके बाद घर मैं सिर्फ मैं और मेरी मां और मेरी बड़ी बहन सिर्फ हम तीनो लोग ही रहत

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28 फरवरी 2022
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कजकजंजक

कज्बकजब

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अजबसिंह

रहिमन इस संसार में भांति भांति के लोग। यह बात शत प्रतिशत सत्य है, इस संसार में हम प्रतिदिन भिन्न भिन्न प्रकार के लोगो से मिलते हैं।कुछ हमारी समझ में आते हैं और कुछ हमारी समझ के परे होते हैं, जो हमारी समझ के परे होते हैं , हम उन्हें अजब, गजब , पागल या

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13 मार्च 2022
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