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राजनीति

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‘‘गिलास आधा खाली हैं या आधा भरा हैं’’, यह भारतीय जनता पार्टी के उत्तर प्रदेश के उपाध्यक्ष दयाशंकर द्वारा सुश्री मायावती पर की गई अभद्र, अमर्यादित टिप्पणी व उससे उत्पन्न प्रतिक्रिया व उस पर अगली क्रिया-प्रतिक्रिया पर लगभग सही बैठती हैैं। यह घटना निम्न महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर देश की जम्हूरियत का ध्यान

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देश में यूं तो समय-समय पर कई घोटाले हुए, मगर कुछ घोटाले इतने बड़े रहे कि वे भुलाए नहीं भूलते। इसमें केंद्रीय मंत्रियों से लेकर बड़े नौकरशाह शामिल रहे। हम आपको कुछ बडे़ घोटालों से रूबरू करा रहे। जिसमें जनता का तीन लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का पैसा नेता-नौकरशाह मिलकर खा गए। कोयला घोटाले 1.86 लाख करोड़

भारतीय राजनीति के रंगमंच मायावती जी लड़ाई अब माँ हैभाषा के विषय में निर्मला जोशी जी के बेहद खूबसूरत शब्द  'माता की ममता यही  , निर्मल गंगा नीर  इसका अर्चन कर गए तुलसी सूर कबीर ' आज भारत की राजनीति ने उस भाषा को जिस स्तर तक गिरा दिया है वह वाकई निंदनीय है। उत्तर प्रदेश   बीजेपी के वाइस प्रेसीडेन्ट दया

लोग मुझे देवी की तरह पूजते हैं - मायावतीथांक गॉड सौंदर्य की देवी नहीं कहा...नहीं तो एक साथ आत्महत्या करने वालोँ का वर्ल्ड रिकॉर्ड बन जाता

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कांग्रेस ने आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अहम घोषणा करते हुए राज बब्बर को प्रदेश कांग्रेस का नया अध्यक्ष बनाया है। राजेश मिश्र को उपाध्यक्ष बनाया गया। यूपी चुनाव को लेकर कांग्रेस का अहम ऐलान, राज बब्बर होंगे प्रदेश अध्यक्ष

कल तक जो विश्लेषक यूपी की समाजवादी पार्टी सरकार को अपराधियों की मददगार मानते थे, वही आज अखिलेश यादव की मुक्तकंठ से सराहना कर रहे हैं. पिछले दिनों कई लेख और रिपोर्ट देखी, जिसमें अखिलेश यादव ने अपनी सरकार के आगे जाने का रोडमैप बेहद सख्ती से लागू किया. अभी ज्यादा दिन नहीं हुए, जब भाजपा के राष्ट्रीय अध्

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हमारे देश के बच्चे अश्लीलता का शिकार हो रहे हैं इसका वजह सिर्फ बॉलीवुड है |और एक बात और है कि आज के बच्चे सभ्यता से बेखबर हैं कहने का मतलब अंग्रेज की औलाद जैसे कुछ भी स्वदेशी नहीं सिर्फ विदेशी कपड़ा विदेशी ,चप्पल विदेशी और घर भी विदेशी ,पत्नी विदेशी जैसी लटके -झटके वाली ये है हमारे देश की नयीं पीढ़

हम जानते है कि भारत देश में राजनीति और आरक्षण दो ऐसे मुद्दे है जो आजकल बच्चे बच्चे की जुबान पर है और यही दो मुद्दे देश के विकास को रोक रहे है कहने को तो भारत देश काफी विकसित देश है और ये सच भी है पर इस देश में से राजनीति और आरक्षण हटा दिए जाये तो ये देश कहाँ से कहाँ पहुंच जाये ! देश के नेता सिर्फ वा

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रोहित की शहादत, राजनीति करण एवं हमहरेश परमार कुछ परिदृश्य ऐसेहोते है जिसे हम देखना नहीं चाहते, हम उनसे आँखे मूंदना चाहते है, फिर भी वह मंजरहमारी आँखों के सामने आ जाते है | हम लाख कोशिश करें पर फिर भी ऐसे वक्त में हमउनसे आँख चुराकर भी देख ही लेते है | समर्थन में हो या असमर्थन में पर हमारे सामनेयव यथा

देश हमारा बदल रहा हैदेश हमारा बदल रहा हैधीरे धीरे संभल रहा है दुनिया में खुद को साबित करने कोयुवा हदृय फिर मचल रहा है।।गॅाव -गाॅव और शहर -शहर में परिवर्तन का दौर चला हैंऐसा लगता है मानोदेश हमारा दौड़ पडा है।।नये अन्वेषण,नये लक्ष्य सेप्रतिपल भारत बदल रहा हैउन्नत तकनीको के प्रयोग सेकृषि जगत भी संभल रहा

वतन पड़ा है गिरवीं देखो पश्चिम वाले हाथों में ।भारत के नीति नियंता लेकिन भरमाते हैं बातों में ।देशप्रेम का मतलब अब निबट सियासी फंदा है ।राजनीति की खाई में गिर देश हो गया अंधा है ।अपने घर में ही हम सब बन गए आज गुलाम ।व्यर्थ गया बलिदान शहीदों व्यर्थ गया बलिदान ।सबको अपनी–अपनी चिन्ता किसे देश का ध्यान

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ब्रिटेन के लोगों के यूरोपियन यूनियन छोड़ने के पक्ष में वोट देने के बाद डेविड कैमरन ने प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है। कई देशों के बड़े-बड़े नेता नैतिकता के आधार पर अपने पदों की कुर्बानी दे चुके हैं। लेकिन भारत जैसे देश में ऐसा देखने को नहीं मिलता है। कैमरन की नैतिकता... क्या भा

देश वासी देश की तरक्कीमे सहयोग करें ============================आरक्षण जैसी कई बीमारिया की वजह से टीना डाभी पास हुई और अंकित श्री वास्तव फेल जो की अंकित कोsahyog तिनसे ज्यादा मार्क्स है ३५ मार्क ज्यादा लेकिन अंकित को आरक्षण व्यवस्ताने फेल करदिया और तिनको पास , ये बिमारिकि जड़ देश में डालने वाला नहेरु

किसी भी देश की राजनीति उस देश के विकास देशवासियों के हितार्थ होती है. भारत में पहले राजतंत्र था. तमाम राजा अपने प्रभुत्व अपनी शक्ति और पराक्रम से अपने राज्य काविस्तार करते थे.राजाओं की आपसी लड़ाई दुश्मनी के कारण ही भारत गुलाम हो गया.आठ सौ साल गुलामी झेलने के बाद बड़ी त्याग तपस्या और वलिदान के बाद भारत

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 उस रोज टेलीविजन पर मैं एक राजनेता का जन्म दिन उत्सव देख रहा था। लगा मानो किसी अवतारी पुरुष का जन्म दिन हो। नेताजी के बगल में उनका पूरा कुनबा मौजूद था। थोड़ी देर में मुख्यमंॊी से लेकर तमाम राजनेता उनके यहां पहुंचने लगे। दिखाया गया कि नेताजी ने  अपने किसी शुभचिंतक को निराश नहीं किया। सभी के हाथों से 

सपा-बसपा आैर भाजपा,कांग्रेस चुनाव में लगे हैं |जनता की सुध- बुध छोड़कर फार्चूनर लिए भगे हैं |चुनाव के वक्त झूठा वादा करके,जनता को बेवकूफ बनाते हैं|कुर्सी पाते ही वादा भूलकर,रेस्टोरेन्ट में खाना खातें हैं|एेसे तो हो गया देश का कल्याण|

@@@@@@ किया नेता ने घोटाला @@@@@@********************************किया नेता ने घोटाला ,दौलत के लिए |न कोई पुल बना नदी पर ,न कोई सड़क बनायी |बिना बने ही टूट गये दोनों ,घूस की जिनकी खायी ||किया नेता ने घोटाला ,ऐश के लिए |भुगतान कर दिया उस खाद का ,जो कभी नहीं आयी |खा गये नेता चारे को भी ,गायें खा नहीं पा

एक किसान सब के सामने फाँसी पर लटक जाता है  कोई उसको बचाने नही आता वहाँ पुलिस के साथ साथ मीडिया के लोग व अन्य लोग खङे थे और आज जब कोई माँफी माँग रहा है जो निर्दोश है  वह नही चाहता कि किसी किसान की मौत पर कोई राजनीति हो तो  अन्य उसकी इस सहानभूति पर भी राजनीति कर रहे है  वाह इन्सानियत

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