भारत 1947 मेंअंग्रेजों के चंगुल से स्वतंत्र हुआ था। स्वतंत्रता प्राप्ति के उपरांत लंबे समयतक भारतीयों ने विभाजन का दर्द झेला। कुछ संभले तो 1962 का भारत-चीन युद्ध, 1965में भारत-पाक युद्ध और दक्षिण भारतीयों का हिंदी विरोधी आंदोलन। प्रधा
पूर्व प्रधानमंत्री और अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह ने नोटबंदी पर आज अपने 10 विशलेषण प्रस्तुत किए। उन्होंने नोटबंदी को सबसे बड़ा कुप्रबंधन बताया और कहा कि देश में इसे लेकर कोई दो राय नहीं हैं। मनमोहन सिंह आज विपक्ष की और से राज्यसभा में अपनी बात रख रहे थे उन्होंने नोटबंदी को लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर कई स
प्रधानमंत्री रविवार को आगरा में बोले. कुछ अतिरिक्त आक्रामक होकर बोले. वो यहां एक हाउसिंग स्कीम के उद्घाटन के लिए पहुंचे थे, जिसके तहत 3 साल में 1 करोड़ मकान बनाने का लक्ष्य लिया गया है. लेकिन उन्होंने अपने भाषण का बड़ा हिस्सा नोटबंदी के बचाव में खर्च किया.उन्होंने
भारत सरकार ने8 नवम्बर 2016 को रात 8 बजे हज़ार पांच सौ के नोटों को अमान्य किये जाने की घोषणा कीअगले चार घंटों में देश एटीएम के आगे कतारों में खड़ा हो गयासयाने लोग सोना खरीदते
एक देश में दो राजा थे, एक अँधा और एक काना. उस देश में 40 प्रतिशत ऐसे लोग थे जो अंधे थे, 40 प्रतिशत ऐसे थे जो काने थे, और 20 प्रतिशत लोगो की दोनो आँखे ठीक थी.अंधे लोग कानो से नफ़रत करते थे, काने अंधो से, और आँख वाले लोग अंधे और काने दोनो
आज प्रधानमंत्री मोदी जी ने जो कर दिखाया है वो इससे पहले न तो किसी भारतीय प्रधानमंत्री और न तो किसी विदेशी रा
जाति और राजनीति के हिसाब-किताब को देखें तो साफ हो जाता है कि पिछला दलित-पिछड़ों का उभार कोई लालू- नीतीश - मुलायम जैसे नेताओं का करिश्मा नहीं था, बल्कि वह जाति और राजनीति के रिश्तों की सहज उपज था। इन नेताओं ने उसी उभार की फसल काटी । जैसे जातिमें पैदा होने के लिए कुछ करना नहीं होता है। वैसे ही जाति की
एक ऐसा प्रधानमंत्री, जो दिन रात सिर्फ और सिर्फ देश के लिए सोचता है, जीता है. जिसके पास अपना कुछ भी नहीं, जिसके परिवार के लोग आज भी साधारण सा जीवन जीते हैं....सिलेंडर सस्ता हो गया 103.5 रूपये....पेट्रोल 73 से 56 हो गया....डॉलर 70 से 60 हो गया.....सारी सुविधाएं ऑनलाइन कर दी, जिससे टाइम पे जल्दी काम हो
आपने सोशल मीडिया पर मोदी भक्त शब्द तो कई बार सुना होगा लेकिन उनका असली भक्त कौन है ये शायद ही समझ में आया हो। लेकिन शाहजहांपुर के रहने वाले 12 साल के कार्तिक से मिलकर आप कह ही देंगे की यही है मोदी जी का असली भक्त। आठवीं में पढ़ने वाले इस मोदी भक्त कार्तिक ने अपने घर में पीएम मोदी की तस्वीर बनवा रखी ह
साहब, राहुल गांधी जी ने कभी कोई मुख्यमंत्री या किसी सरकारी पदवी का चुनाव नहीं लड़ा है। उन्हें इंदिरा गांधी व अत्यधिक अनुभवी कांग्रेसी नेताओं से तुलना करना वैसे ही है जैसे किसी प्राथमिक विद्यालय के छात्र की किसी प्रकाण्ड पंडित से की जाए। जहां तक भाजपा का सवाल है, उसका
हमारे एक साथी हैं वह खुद को कट्टर हिन्दुवादी वाली पार्टी का कट्टर हिन्दु नेता बताते हैं। बात गर छिड़ जाए हिन्दुv/sमुस्लिम की तो साहब चूकने में देर नहीं करते थे। बातों में उबाल ऐसा होता था कि अगर उनकी खुद की चलती तो देश में मुस्लिम न होते। अक्सर नेताजी से बात होती तो उनके
जय हिन्द, जय भारत , जय भारतीय पितृ! भारतीयों, हम सबने अपनी आंखों से देखा कि अंग्रेज़ों से पीछा छुड़ाने में भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने दो गुटों में - क्रांतिकारी गुट व शांतिप्रिय गुट - स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी। यदि किसी भी गुट का न
लगता है, अब पानी पेट्रोल से अधिक ज्वलनशील हो गयाहै । कावेरी नदी के पानी को लेकर तो ऐसा कह ही सकते हैं । 12 सितंबर को कावेरी जलबंटबारे को लेकर कर्नाटक में हुई हिंसा और आगजनी और तमिलनाडु में घटी घटनाएँ बेहद शर्मनाक एवं चिंतित करने वाली हैं।हद ये भी है कि यह सब उच्चतम न्यायालयके आदेश पारित करने के बाद
जेल के भीतर ..... कहीं दुबका, सुशासन रो रहा है..... बाहर एक मवाली गुंडा , मदमस्त हो रहा है...... शर्मसार है मानवता, अँधा कानून सो रहा है..... अट्टहास करता आज एक शैतान, भगवान हो रहा है...... आक्थू ! ऐसी व्यवस्था पर , कि समाज श्मशान हो र
नगर की घनी आबादी वाले क्षेत्र घंटाघर चौराहे पर नगर मजिस्ट्रेट कीअनुमति से स्थापित की गई गणेश प्रतिमा को हटाने के लिये एक दरोगा ने अपनी दबंगईदिखाई। उसने गणेश प्रतिमा हटाने की धमकी दे दी। इसके बाद गुस्साये व्यापारियों नेबाजार बंद कर विरोध शुरू कर दिया। हंगामा बढ़ता देख नगर मजिस्ट्रेट मौके परपहुंचे।
नगर की घनी आबादी वाले क्षेत्र घंटाघर चौराहे पर नगर मजिस्ट्रेट की अनुमति से स्थापित की गई गणेश प्रतिमा को हटाने के लिये एक दरोगा ने अपनी दबंगई दिखाई। उसने गणेश प्रतिमा हटाने की धमकी दे दी। इसके बाद गुस्साये व्यापारियों ने बाजार बंद कर विरोध शुरू कर दिया। हंगामा बढ़ता देख नगर मजिस्ट्रेट मौके पर पहुं
पिछले 2 सालो में देश में हुए तमाम बदलावो को कोई माने या ना माने लेकिन एक बात तो वर्तमान सरकार के धुरविरोधी भी मानते है की दुनिया का भारत को देखने का तरीका बदल है , उनका नजरिया बदला है ! आज जब भारत बोलता है तो दुनिया सुनती है ,आज हमारे पडोसी अपनी रननीति बनाते समय भारत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में आज बुधवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के भाषण का करारा जवाब देते हुए अपनी बातों को पूरी रोचकता से रखा। आईये जानें, उनके 5 करारे जवाब... 1. कुछ लोगों को नई चीजें समझने में समय लगता है इसलिए वक्त पर समझ नहीं पाते और उसकी कमियां बताते हैं, बुराई निकालते है
‘आप’ के एक विधायक ने अरविन्द केजरीवाल को पत्र लिख कर कहा है कि उन्हेंलोगों को बताना चाहिए की हमारा[ अर्थात आम आदमी पार्टी का] विश्वास है की हम राजनीति को बदल देंगे.आज से लगभग २५०० वर्ष पहले प्लेटो ने कहा था की जब तक दार्शनिक राजा नहींबनते या वह जिन्हें हम राजा मानते
... देश के नाम अधिक पदक नहीं आये इसका देशवासियों केलिए भावनात्मक महत्व है, किंतु इससे देश की व्यवस्था और खुशहाली पर कोई फ़र्क नहीं पड़ताहै। मुझे जिस बात पर घोर आपत्ति है वह है पदक-प्राप्त दोनों खिलाड़ियों को पुरस्कृत करने के लिएसरकारों द्वारा राजकोष यानी खजाना लुटाना । अधोलिखित बातों पर जरा विचारकरें।