कुछ कविताएँ महाभारत के पात्रों को लेकर और कुछ समाज के अन्य पहलुओं का चित्रण करती हुई
लोककथाएं इतनी पुरानी हैं कि कोई भी नहीं बता सकता कि उन्हें पहले-पहल किसने कहा होगा। लोक-कथाएं एक कान से दूसरे कान में, एक देश से दूसरे देश में जाती रहती हैं। एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने पर इन कथाओं का रूपरंग भी बदलता जाता है। एक ही कहानी अलग-अलग
सुदामा ने कृष्ण से पूछा ये माया क्या है
जब सत्ता का नशा किसी व्यक्ति छा जाता है तब उसे ऐसा लगने लगता है कि वो सौरमंडल के सूर्य की तरह पूरे विश्व का केंद्र है और पूरी दुनिया उसी के चारो ओर ठीक वैसे हीं चक्कर लगा रही है जैसे कि सौर मंडल के ग्रह जैसे कि पृथ्वी, मांगल, शुक्र, शनि इत्यादि सूर्य
इस किताब में आपको ऐसी कहानियां जो आपकी है जो मेरी है,जो दोस्तों के बीच से ,परिवार के बीच से,आफिस से,चलते फिरते रिश्तों के भीड़ से निकल कर आती हैं जो आपको जोड़ेंगी अक्कड़ बक्कड़ सी जिंदगी से,,,
आमुख "ताप-परिताप"उपन्यास उदय नामक एक ऐसे लड़के की कहानी है जो स्कूली अवस्था से ही दिग्भ्रमित होकर बुरी संगति में पड़ जाता है। माता पिता के बहुत समझाने पर भी उसे कोई असर नहीं होता है। उदय के लिए उसके दोस्त माता-पिता से ज्यादा महत्व रखते हैं। थक हार कर
” उड़ान ” मन है एक ऐसा पंछी , जिसके ख्वाहिशों के पर है होते , जो भरना चाहता है उन्मुक्त उड़ान , और छूना चाहता है आसमान ! लेकिन वक्त की अग्नि-सी प्रखर तपती किरणें , जला देती है वो पर ख्वाहिशों के , और मन अनमना-सा रह जाता है यहीं , एक उड़ान क
इस पुस्तक में मैं अपनी कविताओं का संग्रह कर रहीं हूं जिससे मेरी सभी कविताएं एक साथ पाठकों तक पहुंच सकें मेरी कविताएं बहुयामी हैं।
मन से लिखी ,मनो मे घर करने वाली कहानियां।
इस किताब में आपको सिर्फ भोजपुरी कविताएं पढ़ने को मिलेंगी।
इस एक बालक विक्रम जो अपने घर की तंग हालत में अपने जीवन को बहुत ही कठिन दौर में व्यतीत करता है लेकिन उसके बावजूद भी वह अपनी मेहनत और कर्मों से कभी भी मुंह नहीं मोडता है। वह काफी प्यास करने के बाद जीवन में कैसे सफल होता है।
मेरी भावनाएं जो विखर कर महकना चाहें
ये मेरी कविताओं का संग्रह है जिसमें मैंने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों को दर्शाया है।
ईश्वर की बनाई ममता की मूरत है ‘माँ’ , ईश्वर ने गढ़ी वो अनमोल कृति है ‘पिता’ ! जीवन की तपती धूप में शीतल छाँव है ‘माँ’ , जीवन के अंधेरों में प्रदीप्त लौ है ‘पिता’ ! ज़िन्दगी के आशियाने का स्तंभ है ‘माँ’ , उस स्तंभ का आधार-‘नींव’ है ‘पिता’ ! मेरे ज
यह पुस्तक लघु कथाओं का संग्रह है। एक सोच है हमारे समाज की । एक आईना है युवा पीढ़ी के लिए। समाज के हर तबके के लिए हमारे दिल मे कितनी इज्जत है। हम कितना सहयोग कर सकते हैं।
एक ऐसी लड़की की कहानी जो अपने प्रेमी संग घर से भाग जाती है लेकिन उसके प्रेमी का परिवार उसको नहीं अपनाता न ही उसका प्रेमी।....पर वक्त सारे पासे पलट कर रख देता है अचानक से।
2050 मैं उत्पन्न समस्याएं, सुविधाएं, धरती का वातावरण। भाईचारे में आई दूरीयो का वर्णन करेंगी यह किताब । इसमें हास्य के साथ-साथ कुछ प्रेरणा भी मिलेगी।
मन मयूर प्रफुल्लित हो जब नृत्य करने लगता है।सच पूछो तो तन मन प्यार पा गा उठता है। प्रेम जीवन में बहार लाता है और खुशियों की सौगात लाता है। जहां प्रेम नहीं है वहां जीवन नीरसता से भरा हुआ होता है। प्रेम बंजर जमीन में भी फसलें उगा सकता है।।
काव्य तरंग मेरी कविताओं का संकलन है जिसमें मैंने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों को दर्शाया है। ये मेरी स्वरचित कविताओं पर सिर्फ मेरा कॉपी राइट है।
“खुली आंखों वाले सपने’ गीता शर्मा की चार कहानियों का संग्रह है। चारों कहानियां जिंदगी के अलग-अलग पहलुओं को छूती हुई जिदंगी जीने का नया अंदाज सिखाती हैं। कहीं प्रेम में समर्पण है तो कहीं सच्ची दोस्ती की पहचान कराते किस्से, कहीं रिश्तों की मासूमियत