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शिक्षक और समाज निर्माण

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मंटू बाबू अपनी कक्षा में पढ़ाते हुए बोल गए कि शिक्षक समाज का निर्माता होता है। एक लड़की शिवानी ने सलीनता के साथ उनसे प्रश्न किया - सर क्या शिक्षक ही समाज का निर्माण करते है, शिक्षिका नहीं? मंटू बाबू न

एक तू ही है गुरु,जो दूर कर विकार,दे सके आकार,प्रदान कर ज्ञान,बना सके महान।🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏नैतिकता की नींव रख,सदाचार सिखाती है ,वो माँ ही है जो,प्रथम गुरु कहलाती है।🙏🙏🙏🙏🙏🙏दर्पण सच्चा शिक्षक जो,अपना

जब समाज का निर्माण हुआ    जब शिक्षक का जन्म हुआ     शिक्षक ने सिखाया बड़ो का    आदर सम्मान करना कभी अपने    से बड़ो का अपमान मत करना    खूब लिखना प

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5/9/2022प्रिय डायरी,               आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं शिक्षक दिवस की,

प्रिय सखी।कैसी हो।मै अच्छी हूं ‌।कल ही समूह मे शैलेश जी किसी लेखक को प्रतियोगिता का विवरण दे रहे थे।उसमे उन्होंने कहा कि पुस्तक प्रतियोगिता में पेड पुस्तक दोनों ही पहले द्वीतिय स्थान पर आयी है।हमने भी

आदर्शों की मिसाल बना के,सदा ज्ञान का प्रकाश जगाता।बाल पन महकता शिक्षक,भाग्य हमारा शिक्षक बनाता।।गुरु ज्ञान का दीप जलाकर,जीवन हमारा महकता शिक्षक।विद्या का धन देकर ऐसे,मन आलोकित करता शिक्षक।।धैर्य का हम

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शिक्षक को राष्ट्र का निर्माता और उसकी संस्कृति का संरक्षक माना जाता है। वे शिक्षा द्वारा छात्र-छात्राओं को सुसंस्कृतवान बनाकर उनके अज्ञान रूपी अंधकार को दूर कर देश को श्रेष्ठ नागरिक प्रदान करने मे

शिक्षक तो है बहता पानी,उसका नहीं है कोई सानी,उसके ज्ञान की गंगा में बहकर,अज्ञानी बन जाते हैं ज्ञानी।शिक्षक सड़क हैं एक समान,दोनों के हैं कर्तव्य महान,इन दोनों की राह पर चलकर,मँजिल हो जाती है आसान।गुरु

समाज की नींव है, युवा पीढी का कहलाते भविष्य, शिक्षक ही कहलाते हमारे मार्गदर्शक, उनके तीन रामबाण, "निडर होकर हर वक्त अभ्यास करो, गलतियों से सीख अपने लक्ष्य को साधो, कोशिश करते रहना सफल इंसान की निशा

डायरी दिनांक ०५/०९/२०२२   सुबह के आठ बजकर तीस मिनट हो रहे हैं ।   सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी भारत के दूसरे राष्ट्रपति थे। राष्ट्रपति बनने से पूर्व वह दर्शन शास्त्र के अध्यापक थे। भारतीय दर्शन क

एक आठ-दस साल की मासूम सी गरीब लड़की ने बुक स्टोर पर एक पेंसिल और दस रुपये वाली कापी खरीदी। फिर उसने खड़ी होकर एक आदमी से पूछा, "अंकल, एक काम कहूँ करोगे?" अंकल ने पूछा, "बताओ, बेटा, क्या काम है?" लड़की

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