उदयपुर, दक्षिणी राजस्थान राज्य में अरावली पर्वतश्रेणी पर स्थित है। उदयपुर राजस्थान का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है और जो अपने इतिहास, संस्कृति और अपने अाकर्षक स्थलों के लिये भी प्रचलित है। उदयपुर 'झीलों का शहर' के रूप में भी जाना जाता है| उदयपुर में पिछोला, फतहसागर, स्वरुप सागर, रंग सागर, गोवर्धन सागर, उदय सागर, दूध तलाई आदि झीलें है तो आस पास में राजसमन्द, जयसमंद सहित अन्य कई छोटे बड़े जलाशय है| झीलों के साथ रेगिस्तान का अनोखा संगम अन्य कहीं और कही देखने को नहीं मिलता है। यह शहर अपने शानदार किलों , मंदिरों ,खूबसूरत झीलों महलों संग्रहालयों और वन्यजीव अभयारण्यों के लिए प्रसिद्ध है। इस शहर की स्थापना महाराणा उदय सिंह द्वितीय ने वर्ष 1559 में में की थी|
पूर्व का वेनिस कहे जाने वाले उदयपुर में कई भारतीय फिल्मों के अलावा कई हॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग भी हो चुकी है। उदयपुर की पिछोला झील और इसके आसपास के स्थान भारतीय पर्यटकों को लुभाते हैं। हाल ही में रिलीज़ हुई फिल्म धड़क के अधिकतर हिस्से को उदयपुर में ही फिल्माया गया है। उदयपुर को सूर्योदय का शहर भी कहा जाता है|
उदयपुर में देखने लायक स्थल:
सिटी पैलेस: सिटी पैलैस को उदयपुर की शान कहा जाता है। ये पैलेस सफेद संगमरमर पत्थरों से बना हुआ है। ये प्राचीन स्थापत्य कला का उत्कृष्ट उदाहरण है। ये सिर्फ उदयपुर ही नहीं,बल्कि पूरे राजस्थान के सबसे बड़े महलों में से एक है।सिटी पैलेस से करीब २ कि.मी दूर स्थित है विंटेज और पुरानी कारों का संग्रहालय। यहां करीब दो दर्जन कारें पर्यटकों के देखने के लिए रखी हुई हैं। इन कारों में 1934 की रॉल्स रॉयल फैंटम कार भी है। सिटी पैलेस पिछोला सरोवर के तट पर बना हुआ है और महल के परिसर में भी बहुत सी छोटी-छोटी इमारतो का निर्माण किया गया है। इस पैलेस का जो भाग पब्लिक के लिए खुला हुआ है उसके दो हिस्से हैं। मर्दाना महल और ज़नाना महल। मर्दाना महल मे कई संग्रहालय और दार्शनिक स्थल हैं जैसे, बड़ी पॉल ,तोरण, त्रिपोलिया, मानक चौक, असलहखाना, गणेश देवडी, राई आँगन, प्रताप हल्दी घाटी कक्ष, बाड़ी महल ,दिलखुश महल ,काँच की बुरज
और मोर चौक।
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कुंमाभलगढ़ किला: कुम्भलगढ़ का दुर्ग राजस्थान ही नहीं भारत के सभी दुर्गों में विशिष्ठ स्थान रखता है। इस दुर्ग का निर्माण महाराणा कुम्भा ने कराया था। इस किले को 'अजेयगढ' कहा जाता था क्योंकि इस किले पर विजय प्राप्त करना दुष्कर कार्य था। वास्तुशास्त्र के नियमानुसार बने इस दुर्ग में प्रवेश द्वार, प्राचीर. जलाशय,बाहर जाने के लिए संकटकालीन द्वार, महल, मंदिर, आवासीय इमारतें,यज्ञ वेदी, स्तम्भ छत्रियां आदि बने है।
इस किले में सात बड़े दरवाजे हैं। इनमें से सबसे बड़ा राम पोल के नाम से जाना जाता है। किले की ओर जाने वाले मुख्य रास्ते हनुमान पोल पर पर्यटक एक मंदिर देख सकते हैं। हल्ला पोल, राम पोल, पाघरा पोल, निम्बू पोल, भैरव पोल एवं तोप-खाना पोल किले के अन्य दरवाजे हैं।
कुम्भलगढ़ वन्यजीव अभ्यारण्य उन लोगों के लिए एक आश्चर्यजनक स्थल है, जो राजस्थान को केवल एक रेगिस्तान मानते हैं। यह पूर्वी और दक्षिणी दोनों ओर से लगभग 600 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला है ,इससे पहले यह रॉयल्स का शिकार मैदान था लेकिन 1971 में इसे वन्यजीव अभयारण्य घोषित किया गया था।
लेक पैलेस: उदयपुर में लेक पैलेस है जो कि पिछोला झील के टापू पर बना हुआ है। यह पैलेस दुनिया के सबसे खूबसूरत महलों में से एक माना जाता है। अब इस महल में एक आलीशान होटल है।
लेक पैलेस की इमारत शानदार वास्तुकला और जटिल शिल्प कौशल का एक सुंदर उदाहरण प्रस्तुत करती है। वर्तमान समय में यह शानदार महल एक पाँच सितारा होटल में बदल गया है।
गुलाब बाग: उदयपुर पर्यट्न स्थल में यह गार्डन बहुत प्रसिद्ध है। इस विशाल पार्क की स्थापना महाराणा सज्जन सिंह ने सन् 1881 में की थी। यहाँ बच्चो के मनोरंजन के लिए टॉय ट्रैन, झूले और एक छोटा सा चिडियाघर भी है। टॉय ट्रैन की सवारी का बच्चे खूब आनंद उठाते है। टॉय ट्रैन बच्चो को पूरे पार्क की सैर कराती है।
जगदीश मंदिर: इस मंदिर में विष्णु तथा जगन्नाथ जी की मूर्तियाँ स्थापित हैं। महाराणा जगतसिंह प्रथम ने सन् 1651 में इस भव्य मंदिर का निर्माण किया था। यह मंदिर एक ऊँचे स्थान पर निर्मित है। मंदिर में प्रतिष्ठापित चार हाथ वाली विष्णु की छवि काले पत्थर से बनी है।
इसके बाहरी हिस्सों में चारों तरफ सुन्दर नक़्क़ाशी का काम किया गया है, जिसमें गजथर,अश्वथर तथा संसार थर को प्रदर्शित किया गया है।
मानसून पैलेस: मानसून पैलेस सज्जनगढ़ पैलेस के नाम से भी जाना जाता है | इसके ऊपर से झील का सुंदर दृश्य दिखाई देता है| इसका निर्माण महाराजा राजवंश ने किया था इस पैलेस से आसपास के सभी दृश्य और गांव को देखा जा सकता है |
मानसून पैलेस के नाम से पहचान रखने वाला सज्जनगढ़ समुद्री तल से 3100 फीट ऊंचाई पर है। शहर में इससे ज्यादा ऊंचाई पर कोई भी इमारत नहीं है। जिसे खास तौर पर मानसून के बादलों को देखने के लिए बनाया था। जो करीब 132 साल पुराना है।
महाराणा प्रताप स्मारक: महाराणा प्रताप के इस स्मारक को मोती मागरी के नाम से भी जाना जाता है। यह एक ऊचे हरे भरे टिले पर स्थित है। जिसपे पहुचने के लिए सडक और सीढियो का इस्तेमाल किया जाता है|
पिछोला झील: पिछोला झील उदयपुर शहर की सबसे प्रसिद्ध झील है। इसके बीच में जग मन्दिर और जग निवास महल है जिनका प्रतिबिम्ब झील में पड़ता है।इसका निर्माण १४वीं शताब्दी के अन्त में राणा लाखा के शासनकाल में एक बंजारे ने कराया था और बाद में राजा उदयसिंह ने इसे ठीक कराया। बादशाह बनने से पहले शाहजहाँ भी इस झील के महलों में आकर ठहरा था।इस झील में स्थित दो टापुओं पर जग मंदिर और जग-निवास दो सुंदर महल बने हैं। अब इन महलों को एक पंच-सितारा होटल (लेक पैलेस होटल) में बदल दिया गया है। जिसे राजस्थान, उदयपुर के भूत पूर्व राणा भगवन्त सिंह चलाते हैं।
फतेह सागर झील: फतेहसागर झील पर एक टापू है जिस पर नेहरू उद्यान विकसित किया गया है। साथ ही झील में एक सौर वेधशाला की भी स्थापना की गई है।इन प्रमुख स्थलों के अलावा सहेलियो की बाडी, शिल्प ग्राम ,दूध तलाई पार्क, जग मंदिर, पिछोला झील, एकलिंगजी मंदिर, सज्जनगढ़ पैलेस आदि देखने लायक आकर्षक स्थल है|
उदयपुर में वर्ष के अधिकांश समय गर्म और शुष्क जलवायु रहती है। सितंबर और मार्च के बीच का समय यहाँ घूमने के लिए सबसे अच्छा रहता है