हेपेटाइटिस एक खतरनाक बिमारी है। इसके बारे मे जगरूकता फैलाने एवं लोगों को शीघ्र निदान दिलाने, रोकथाम एवं इसके उपचार को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य प्रत्येक वर्ष २८ जुलाई को विश्व हेपेटाइटिस दिवस मनाया जाता है। हेपेटाइटिस संक्रामक बिमारियों का एक रूप है जो अनेक रूपों से जाना जाता है|
विश्व हेपेटाइटिस दिवस, हर वर्ष 28 जुलाई को विश्व भर में जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है और साथ ही इसकी रोकथाम ,रोग की पहचान और उपचार की जानकारी जन - जन तक पहुंचाने के लिए मनाया जाता है | ताकि साल 2030 तक इसका उन्मूलन किया जा सके | साल 2016 में वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन द्वारा 2030 तक हेपेटाइटिस को पूर्णतः समाप्त करने का लक्ष्य रखा गया है और सभी राष्ट इसके प्रति प्रतिबद्ध है| हेपेटाइटिस संक्रमण के कारण फैलने वाला लिवर सम्बन्धी रोग है | साल 2015 में हेपेटाइटिस से दुनियाभर में लगभग 13. 4 लाख लोगो की मौत हो गयी थी|हेपेटाइटिस से होने वाली मौतों में ज़्यदातर का कारण पुराणी यकृत बीमारी कैंसर का प्रथिमिक स्वरूप था | अभी भी समय के साथ हेपेटाइटिस संक्रमण से होने वाली मौतों की संख्या बढ़ रही है| हेपेटाइटिस संक्रमण एक जन स्वास्थ्या समस्या है | यह 5 प्रकार के हेपेटोट्रॉपिक विष्णु से हो सकती है| हेपेटाइटिस ए, बी, सी, डी और ई | ये विषाणु, अपनी संरचना ,जानपदिक, प्रसार प्रणाली, अंडे सेने की अवधि, लक्षण ,रोग की पहचान , बचाव, उपचार के विकल्प के सम्बन्ध में एक दूसरे से बहुत अधिक भिन्न है|
विश्व में लगभग 24 करोड़ लोग लम्बे समय से हेपेटाइटिस बी और लगभग 13 से 15 करोड़ लोग हेपेटाइटिस से संक्रमित है| वैश्विक हेपेटाइटिस रिपोर्ट 2017 बताती है की इन लोगो में से अधिकतर संख्या उन लोगो की है जिनकी पहुँच जीवन रक्षक जाँच और उपचार तक नहीं है| इसके परिणामसववरूप इन में से अधिकतर जीर्ण लिवर रोग और कैंसर के खतरे से जूझ रहे है | जिसके अंतत : उनकी मौत हो जाती है | जन स्वस्थ्य के इस खतरे को देखते हुए विश्व स्वस्थया संगठन के महानिर्देशक मार्गरेट चान ने सभी देशो से साल 2030 हेपेटाइटिस संक्रमण को दूर करने के लिए आवश्यक कदम उठाने और विश्व को इस जाणलेव बीमारी से मुक्त करने का अनुरोध किया है|
भारत में संक्रामक हेपेटाइटिस ( ए, बी, सी, डी, इ) बड़ी जान स्वास्थ्या चुनौती बन हुआ है| जिसमे हेपेटाइटिस बी के रोगियों की संख्या अधिक है| एक आंकलन के अनुसार 4 करोड़ लोग इससे ग्रसित है जो जनसंख्या का 3-4 % है | अरुणाचल प्रदेश और अंडमान निकोबार के निवासियों में हेपेटाइटिस की संख्या सर्वाधिक है|
जेनेवा में 69 वी विश्व स्वस्थया परिषद में 194 देशो की सरकारों ने विश्व स्वस्थया संगठन ने अगले 13 वर्षो में संक्रामक हेपेटाइटिस पर पर स्वस्थ्य एरिया की पहले वैश्विक रणनीति ( 2016-2021) को हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी के उन्मूलन के लक्षय के साथ स्वीकार किया है|
राष्ट्रीय रोग नियंत्रक केन्द्र (एनसीडीसी) द्वारा वर्ष 2012 में किसे ये सर्वेक्षण के अनुसार भारत में हेपेटाइटिस वायरल से लगभग 1 लाख 19 हजार होग ग्रसित थे। जो वर्ष 2013 में यह संख्या में यह संख्या बढकर 1 लाख 90 हजार से आसपास हो गई। भारत में इस रोग के रोकथाम एवं उपचार हेतु सरकार कई तरह जागरूकता अभियान चला रही है।
विश्व हेपेटाइटिस दिवस वर्ष 2010 से मनाया जा रहा है| विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा चिह्नित किए गए 8 वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियानों में से एक है|
मई 2010 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक प्रस्ताव पारित कर यह दिवस मनाने की घोषणा की| इससे पहले क्रोनिक वायरल हैपेटाइटिस के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए वर्ल्ड हेपेटाइटिस एलायंस ने वर्ष 2008 में अभियान चलाया था| 28 जुलाई प्रोफेसर बारूक ब्लमबर्ग का जन्मदिन है,उन्होंने हेपेटाइटिस बी वायरस की खोज की थी और उन्हें 1976 में फिजियोलॉजी या चिकित्सा में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था|
विदित हो हेपेटाइटिस ग्रीक शब्द ‘हेपर’ और ‘आईटिस’ से बना है| ‘हेपर’ का अर्थ होता है ‘यकृत’ और ‘आईटिस’ का अर्थ है सूजन|
यह बीमारी हेपेटाइटिस वायरस वायरस के कारण होती है और इसके अतिरिक्त यह ड्रग्स, शराब, रसायन और अन्य संक्रमण और स्व-प्रतिरक्षित बीमारियों जैसे मादक द्रव्यों की वजह से भी होती है|
हेपेटाइटिस दो प्रकार के होते हैं पहला हेपेटाइटिस एक्यूट और दूसरा क्रोनिक। एक्यूट हेपेटाइटिस कम से कम 6 महीनों तक होता है जबकि क्रोनिक की अवस्था तब होती है जब यह लम्बे समय तक बना रहता है। इस बीमारी से प्रायः पीलिया ,आहार में अरूचि एवं शरीर में बेचैनी पैदा कर देता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लू एच ओ) के अनुसार प्रति वर्ष 1.50 मिलियन लोग हेपेटाइटिस के संक्रमण से मरते हैं। इसके अनुसार, विश्व के 81 प्रतिशत बच्चों का हेपेटाइटिस के संक्रमण से सुरक्षा हेतु टीकाकरण किया गया।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लू एच ओ) के अनुसार, विश्व भर में लगभग 400 मिलियन व्यक्ति हेपेटाइटिस ‘बी’ व ‘सी’ से संक्रमित हैं।
हिपेटाइटिस एक संक्रामक रोग है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि ये छूने मात्र से फैल जाता है। इसलिए परिवार के किसी सदस्य को यह रोग होने पर उसे बिल्कुल अलग रखने की ज़रूरत नहीं होती है, हालांकि परिवार के अन्य सदस्यों को संक्रमणमुक्त रखने के लिए कुछ सावधानियां बरतना आवश्यक है।
हेपेटाइटिस के कारण :
1. दूषित आहार और पानी।
2. संक्रमित माता से उसके नवजात शिशु में प्रसारित हो सकता हैं
3. संक्रमित रक्त और सुईयों द्वारा हो सकता हैं।
4. पहले से हेपेटाइटिस बी होना चाहिए।
5. संक्रमित रक्त और संक्रमित सुईयां द्वारा हो सकता हैं।
क्या करें?
1. हेपेटाइटिस के ख़िलाफ़ अपना प्रतिरक्षण अवश्य करवाएं।
2. कम वसा और उच्च रेशा युक्त आहार का सेवन करें। अपने आहार में फल, सब्जियों और साबुत अनाजों को शामिल करें।
3. हाइड्रेटेड रहें तथा अधिक से अधिक मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन करें।
4. स्वस्थ कैलोरी के सेवन को बनाए रखें। यह आपके शरीर के वज़न को संतुलन रखता हैं।
5. कम कैलोरी और गैर दुग्ध उत्पादों का सेवन करें।
क्या न करें ?
1. अल्कोहल, तंबाकू और मनोरंजक दवाओं से बचाव करें।
2. संतृप्त वसा से बचें।
3. अधिक नमक युक्त अथवा लिपटे खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें।
4. सिके पैक्ड आहार, सोडा ,केक और कुकीज जैसे मीठे आहार का सेवन करने से बचें।
5. तनाव से बचें।