डीएमके प्रमुख एम. करुणानिधि की मौत के छह दिन बाद ही पार्टी की कमान संभालने के लिए उनके बेटों के बीच जंग छिड़ गई है| मीडिया से बातचीत के दौरान अलागिरी ने कहा, 'पिता सही कहते थे की पूरा परिवार मेरे साथ है| पार्टी के समर्थक भी मेरे साथ हैं और वे सभी मुझे प्रोत्साहित कर रहे हैं इसलिए अब आने वाला वक़्त ही जवाब देगा |अलागिरी को कुछ साल पहले पार्टी से निकाल दिया गया था और तब से वह मुख्य राजनीति से बाहर हैं और लगभग एक साल पहले उनके छोटे भाई स्टालिन को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था |
करुणानिधि और उनकी पत्नी दयालु की संतान है स्टालिन और अलागिरी |पार्टी की कार्यकारी समिति की बैठक मंगलवार को होनी है। बैठक करुणानिधि को श्रद्धांजलि देने के लिए रखी गई है लेकिन सभी पार्टी नेताओं के लिए इस बैठक में शामिल होना अनिवार्य है।
अलागिरी पर पार्टी विरोधी गतिविधियां चलाने और वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ बयानबाजी करने के आरोप के चलते मार्च 2014 में करुणानिधि ने अलगीरी को पार्टी से निकाल दिया था। करुणानिधि ने 2014 में ही स्टालिन को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था और जनवरी 2017 में स्टालिन को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया था। अलागिरी ने पार्टी से निष्कासन के बाद कहा था कि करुणानिधि उनके और स्टालिन के बीच भेदभाव करते हैं।
द्रमुक के महासचिव के. अनबालगन ने कहा कि अलगीरी डीएमके में ही नहीं हैं तो उनको स्टालिन के खिलाफ टिप्पणी करने का कोई हक नहीं है|