ढाका - बांग्लादेश रविवार को एक अधिकारी ने कहा कि अपनी टेस्ट टीम को बढ़ावा देने के लिए उन खिलाड़ियों पर कड़ी करवाई करेगा जो घरेलू प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलने से बचने के लिए 'प्रीटेक्स' का इस्तेमाल करते है|
बांग्लादेश ने 2000 में टेस्ट स्टेटस प्राप्त करने के बाद से 108 मैचों में से सिर्फ 10 मैच में जीत दर्ज़ की है|अपने पिछले सात में से छह मैच हारे हैं जिसमे इसी महीने वेस्टइंडीज से हारे हुए मैच भी शामिल है|
वे अपनी पिछली छठी पारी में से किसी एक में भी 200 रन बनाने में नाकाम रहे और पहले टेस्ट में कैरीबियाई में 43 रनों पर आउट हो गए जो उनका अब तक का सबसे कम स्कोर है|
बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (बीसीबी) के अधिकारियों के मुताबिक, बांग्लादेश की टेस्ट टीम की इस हालत के पीछे का प्रमुख कारण खिलाड़ियों की टेस्ट और प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलने में रुचि की कमी है।
'हमें एक दीर्घकालिक नीति मिली है कि खिलाड़ियों को राष्ट्रीय टीम के लिए तब तक नहीं माना जाएगा जब तक कि वे घरेलू प्रथम श्रेणी के क्रिकेट नहीं खेलते। लेकिन जब भी राष्ट्रीय क्रिकेट लीग या अन्य प्रथम श्रेणी के मैच खेलने की बात आती है तो हमारे खिलाड़ी परिवार के कारण दिखाते हैं या बीसीबी के प्रवक्ता जलाल यूनुस ने कहा, 'इससे बचने के लिए अन्य परेटेक्सट।'
'अब तक हमने इसके प्रति नरम दृष्टिकोण दिखाया है। लेकिन अब हम सख्ती से नीति का पालन करेंगे। क्योंकि हमने देखा है कि कुछ खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट खेलने में भी रूचि नहीं रखते हैं।'
जलाल की टिप्पणियां बीसीबी के अध्यक्ष नजमुल हसन के दो दिन बाद आईं कि स्टार खिलाड़ियों शाकिब अल हसन, मुस्तफिजुर रहमान और रूबेल हुसैन टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए अनिच्छुक थे।
हसन ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा,'वह (शाकिब) टेस्ट क्रिकेट खेलना नहीं चाहते हैं। मुस्तफिज (मुस्तफिजुर रहमान) भी टेस्ट क्रिकेट खेलना नहीं चाहते हैं।'
हसन ने कहा कि कुछ खिलाड़ी 'टेस्ट क्रिकेट खेलना नहीं चाहते हैं क्योंकि इसे खेलना बहुत मुश्किल है'।