शिया बहुल ईरान को अलग-थलग करने के साथ ही उसकी अर्थव्यवस्था पर चोट करने के लिए अमेरिका द्वारा लगाये गये भारी-भरकम प्रतिबंधों का असर दिखने लगा है|अंगरेजी अखबार के मुताबिक आर्थिक संकट से जूझ रहे ईरान की करंसी लगातार नीचे जा रही है|डॉलर के मुकाबले ईरानी रियाल की कीमत शनिवार को 112000 तक पहुंच गयी| जबकि पहले एक डॉलर की कीमत 98000 रियाल थी रियाल थी|
सरकार की ओर से निर्धारित विनिमय दर डॉलर के मुकाबले 44070 थी| एक जनवरी को इसकी कीमत 35186 थी|डॉलर की तुलना में रियाल की वैल्यू में आधी गिरावट सिर्फ चार महीनों में आयी है. यह पहली बार मार्च में 50,000 के स्तर से नीचे गया था| सरकार ने अप्रैल में दर को 42000 पर स्थिर करने की कोशिश की. कालाबाजारी करनेवालों पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी थी|
हालांकि यह अभी भी जारी है| ईरान के लोग अर्थव्यवस्था में गिरावट को लेकर चिंता में हैं| अपनी बचत या निवेश को डॉलर के रूप में सुरक्षित रखना चाहते हैं|
ईरान के अर्थशास्त्रियों का कहना है कि राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कोई निर्णायक क़दम नहीं उठाया तो मामला हाथ से निकल जाएगा| आठ मई को जब अमरीका ने ईरान से परमाणु समझौते को ख़त्म करने का ऐलान किया तब से ईरानी मुद्रा रियाल की क़ीमत में 40 फ़ीसदी की गिरावट आई है| ईरान पर फिर से अमरीकी प्रतिबंधों का ख़तरा है. इस ख़तरे के डर से ईरान की पूरी अर्थव्यवस्था और बाज़ार में भगदड़ जैसी स्थिति है| ईरान के निर्यात और आयात बुरी तरह से प्रभावित होने वाले हैं|ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा है कि संकट की घड़ी में ईरानी शांति और एकता के साथ रहें|
पिछले सप्ताह प्रेजिडेंट हसन रूहानी ने सेंट्रल बैंक के चीफ को बदल दिया था। इसके पीछे एक बड़ी वजह संकट से निपटने में असफलता को बताया जा रहा है। अमेरिका ने 6 अगस्त और 4 नवंबर को ईरान पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया। इससे कई विदेशी कंपनियों को ईरान के साथ कारोबार बंद करना पड़ा। इसके बाद से ईरान की करंसी में लगातार गिरावट बनी हुई है|