" यह दुखद है लेकिन आश्चर्यजनक नहीं है" दिल्ली से आभा नारायण लम्बाह ने फ़ोन पर कहा जब उनको एस्प्लनेड में हुए हादसे के बारे में पता चला | लगभग दो हफ्ते पहले, संरक्षण वास्तुकार जो भारतीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा था उसने मुंबई के विक्टोरियन गोथिक और आर्ट डेको को आखिरकार १४ साल के संघर्ष के बाद यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट का टैग दिलाया था | दस्तावेज में उल्लेख की जाने वाली परिशुद्धता में से एक इमारत में यह इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी शामिल है, जो शायद भारत की सबसे पुरानी कच्ची लोहा संरचना है।
रविवार की रात हेरीटेज इमारत का स्लैब गिर जाने से एक टैक्सी पूरी तरह टूट गई थी। हालांकि टैक्सी चालक टैक्सी से बाहर शरबत पीने के लिए गया था। इस वजह से उसकी जान बच गई। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए म्हाडा रिपेयर बोर्ड ने इस इमारत का पुनर्विकास करने का निर्णय लिया है | 2005, में भी इस बिल्डिंग का कुछ पोरशन ढह गया था जिससे पैदल यात्री मर गया था |
एसप्लनेड मेंशन म्हाडा रिपेयर बोर्ड के तहत जारी की जाने वाली जर्जर इमारतों की सूची में पिछले १० साल से शामिल है। लेकिन मामला कोर्ट के अधीन होने के कारण इमारत को खाली नहीं कराया जा सका। इसके पुनर्विकास के लिए वकीलों द्वारा प्लान भी बनाया गया था,लेकिन अब तक उस पर कुछ भी काम न होने की जानकारी म्हाडा ने दी है।
म्हाडा के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रविवार के दिन जो हादसा हुआ, वह यदि सोमवार को होता तो इसकी चपेट में आम राहगीर आ जाते। इससे उनकी जान माल को खतरा होता। इसलिए हम कोर्ट में याचिका दायर कर इमारत के पुनर्विकास करने के अधिकार की मांग करेंगे,फिर से ऐसा हादसा न हो।
इसके अलावा अधिकारी ने बताया कि इमारत में से बीएमसी ने यहां रह रहे निवासियों से बिल्डिंग खाली करा दी है। हालांकि हादसे के बाद बीएमसी द्वारा इमारत की जल और विद्युत आपूर्ति खंडित कर दी गई इसके बावजूद सोमवार को निवासी उसमें अपना काम करने गए।
एसप्लनेड मेंशन वर्ष १८६३ में बनाई गई थी। अब यह १५५ वर्ष पुरानी और जर्जर हो गई है। लेकिन इस इमारत का पुनर्विकास मालिक और निवासियों के बीच मतभेद को लेकर रुका हुआ है। मामले में बंबई उच्च न्यायालय द्वारा स्टे लगाया गया है।
सालों से जर्जर अवस्था में भी खड़ी एसप्लनेड मेंशन का पुनर्विकास करने के लिए अब म्हाडा कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा क्योंकि इमारत मालिक द्वारा न तो अब तक इमारत को खाली कराया गया है और न ही इसके पुनर्विकास के लिए बनाया गया प्लान आगे बढ़ाया गया है। इससे निवासियों की जान को खतरा होने की बात म्हाडा रिपेयर बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी ने कही है।