भाई-बहनो के बीच का संबध अदभुत होता है और इसे दुनिया के हर हिस्से में महत्व दिया जाता है | हालाँकि जब भारत की बात आती है तो यह सबंध और अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है क्योकि भाई-बहन के प्रेम के लिए समर्पित " रक्षाबंधन" नामक त्यौहार भारत में मनाया जाता है |
रक्षाबन्धन हिन्दुओ का महत्वपुर्ण त्योहार होता है जो भारत के कई हिस्सों में मनाया जाता है | भारत के अलावा भी विश्व भर में जहाँ पर हिन्दू धर्म के लोग रहते है वहाँ पर इस पर्व को मनाते है |यह त्यौहार नेपाल और मॉरीशस में भी बड़े धूम - धाम से मनाया जाता है|
यह त्यौहार प्रतिवर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन बहुत धूम-धाम से मनाया जाता है। श्रावण (सावन) में मनाये जाने के कारण इसे श्रावणी (सावनी) या सलूनो भी कहते हैं|
रक्षाबंधन से ठीक सात दिन बाद अष्टमी तिथि को श्री कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है|
ज़्यादातर यह त्यौहार अगस्त के महीने में ही पड़ता है | इस साल यह त्यौहार 26 अगस्त 2018 को मनाया जायेगा |
इस त्यौहार का आध्यात्मिक महत्व के साथ - साथ ऐतहासिक महत्व भी है |
रक्षा बंधन का अर्थ होता है रक्षा का बंधन | रक्षाबन्धन में राखी या रक्षासूत्र का सबसे अधिक महत्त्व होता है। इस दिन बहनें भाई की कलाई पर राखी बांधकर उनकी लंबी उम्र की दुआ करती हैं और भाई भी अपनी बहनों को सदा रक्षा करने का वचन देते हैं।
अब तो प्रकृति संरक्षण हेतु वृक्षों को राखी बाँधने की परम्परा भी प्रारम्भ हो गयी है। हिन्दुस्तान में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पुरुष सदस्य परस्पर भाईचारे के लिये एक दूसरे को
भगवा रंग की राखी बाँधते हैं|
रक्षाबंधन से कुछ पौराणिक कथाएँ भी जुडी है -
पौराणिक कथाओं में भविष्य पुराण के अनुसार देव गुरु बृहस्पति ने देवस के राजा इंद्र को व्रित्रा असुर के खिलाफ लड़ाई पर जाने से पहले अपनी पत्नी से राखी बंधवाने का सुझाव दिया था इसलिए इंद्र की पत्नी शचि ने उन्हें राखी बांधी थी |
एक अन्य पौराणिक कथा के मुताबिक, रक्षाबंधन समुद्र के देवता वरूण की पूजा करने के लिए भी मनाया जाता है| आमतौर पर मछुआरें वरूण देवता को नारियल का प्रसाद और राखी अर्पित करके ये त्योहार मनाते है| इस त्योहार को नारियल को नारियल पूर्णिमा भी कहा जाता है|
ऐतिहासिक संदर्भ के मुताबिक-
ऐसा भी कहा जाता है कि महाभारत की लड़ाई से पहले श्री कृष्ण ने राजा शिशुपाल के खिलाफ सुदर्शन चक्र उठाया था और उसी दौरान उनके हाथ में चोट लग गई और खून बहने लगा तभी द्रोपदी ने अपनी साड़ी में से टुकड़ा फाड़कर श्री कृष्ण के हाथ पर बांध दिया तो इसके बदले में श्री कृष्ण ने द्रोपदी को भविष्य में आने वाली हर मुसीबत में रक्षा करने की कसम दी थी|
ये भी कहा जाता है कि एलेक्जेंडर जब पंजाब के राजा पुरुषोत्तम से हार गया था तब अपने पति की रक्षा के लिए एलेक्जेंडर की पत्नी रूख्साना ने रक्षाबंधन के त्योहार के बारे में सुनते हुए राजा पुरुषोत्तम को राखी बांधी और उन्होंने भी रूख्साना को बहन के रुप में स्वीकार किया था|
एक और कथा के अनुसार यह माना जाता है कि चित्तौड़ की रानी कर्णावती ने सम्राट हुमायूं को राखी भिजवाते हुए बहादुर शाह से उनके राज्य की रक्षा करने को कहा था क्योकि बहादुर शाह रानी कर्णावती का राज्य हड़पना चाहता था| अलग धर्म होने के बावजूद हुमायूं ने कर्णावती की रक्षा का वचन दिया था |
रक्षा बंधन का त्योहार भाई-बहन मनाते हैं पर ऐसा माना जाता है कि यह त्योहार भाई-बहन ने नहीं बल्कि पति पत्नी ने शुरू किया था और तभी से संसार में रक्षाबंधन का त्योहार मनाने की परम्परा शुरू हुई |
रक्षाबंधन का त्योहार बिना राखी के पूरा नहीं होता लेकिन राखी तभी प्रभावशाली बनती है जब उसे मंत्रों के साथ रक्षासूत्र बांधा जाए।
वामन पुराण की एक कथा के अनुसार भगवान विष्णु ने जब राजा बलि से तीन पग में उनका सब कुछ ले लिया था तब राजा बलि ने भगवान विष्णु से एक वरदान मांगा। वरदान में बलि ने विष्णु भगवान को पाताल में उनके साथ निवास करने का आग्रह किया। भगवान विष्णु को वरदान के कारण पाताल में जाना पड़ा और इससे देवी लक्ष्मी बहुत दुखी हुईं।लक्ष्मी जी भगवान विष्णु को वामन से मुक्त करवाने के लिए एक दिन वृद्ध महिला का वेष बनाकर पाताल पहुंची और वामन को राखी बांधकर उन्हें अपना भाई बना लिया। वामन ने जब लक्ष्मी से कुछ मांगने के लिए कहा तो लक्ष्मी ने वामन से भगवान विष्णु को पाताल से बैकुंठ भेजने के लिए कहा। बहन की बात रखने के लिए वामन ने भगवान विष्णु को देवी लक्ष्मी के साथ बैकुंठ भेज दिया। भगवान विष्णु ने वामन को वरदान दिया कि चतुर्मास की अवधि में वह पाताल में आकर रहेंगे। इसके बाद से हर साल चार महीने भगवान विष्णु पाताल में रहते हैं।
पांडवो से भी जुडी है रक्षाबंधन की|ऐसा माना जाता है की जब युधिष्ठिर ने भगवान कृष्ण से पूछा कि कैसे मैं सभी संकटों से मुक्ति पा सकता हूं तो तब भगवान कृष्ण ने युधिष्ठिर और उनकी सेना की रक्षा के लिए राखी का त्योहार मनाने की सलाह दी थी और इसी वजह से उन सभी को रक्षा सूत्र बांधने को कहा था।
रक्षाबंधन से जुडी कुछ रोचक बातें :
1. सावन के आखिरी दिन रक्षाबंधन मनाया जाता है
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2. राखी वासी तो भाई बहन का त्यौहार हैं लेकिन हमारे देश में ब्राह्मणों, गुरु और नेता या प्रतिष्ठित व्यक्ति को भी राखी बांधने का भी प्रचलन है।
3. हमारे देश में कई जगह भगवान को और पेड़ो को भी राखी बांधने की परंपरा है।
4. महाराष्ट्र में इस त्योहार को नारियल पूर्णिमा कहा जाता है।
5. तमिलनाडु, उड़ीसा, महाराष्ट्र और केरला के दक्षिण भारतीय ब्राह्मण इस त्यौहार को अवनि अवित्तम के नाम से मनाते हैं।
6. राजस्थान में इस त्यौहार पर राम राखी और चूड़ा राखी या लूंबा बांधने का प्रचलन भी है जबकि भगवान को केवल राम राखी बांंधी जाती है और नंदें भाभियों को चूड़ा राखी बांधती हैं।
7. रक्षाबन्धन के दिन अमरनाथ यात्रा भी पूरी होती है और ऐसा माना जाता है कि इसी दिन हिमानी शिवलिंग भी पूर्ण आकार ग्रहण को प्राप्त करता है।