दोस्ती एक ऐसा खूबसूरत रिश्ता है , सगा न होते हुए भी सगे जैसा लगता है | जो किसी भी उम्र के साथ किसी को भी हो सकता है, साथ ही यह किसी अन्य के अलावा अपनों से भी गहरी मित्रता का सम्बन्ध सम्भव है |दोस्ती वह है जिसमे आप हर सुख- दुःख में बिना किसी शर्त के एक दूसरे के काम आते हो| सच्ची दोस्ती कभी साथ नहीं छोड़ती चाहे हालत कुछ भी हो | यह एक ऐसा रिश्ता है जिसे आप उम्र भर संजो के रखना चाहते है और यही कारण है की आज कल हर कोई अपने रिश्तो में दोस्ती का रिश्ता बनाने की कोशिश करते है|
दोस्त की खुशी में खुश और दुख में दुखी. दोस्त ने कोई उपलब्धि हासिल की तो ऐसा लगना ,जैसे खुद ने आसमान छू लिया हो|
फ्रेंडशिप डे का इतिहास: 'फ्रेंडशिप डे' एक ऐसा दिन जो दोस्ती के नाम है| भारत सहित कई देशों में अगस्त महीने के पहले रविवार को दोस्ती का जश्न मनाया जाता है| वैश्वीकरण के इस युग में भारत के युवा पिछले कुछ सालों में बड़ी ही धूमधाम से दोस्ती-यारी के इस दिन को मनाते हैं|
पहले बरसों तक दक्षिण अमेरिकी देशों खासकर पैराग्वे में फ्रेंडशिप डे मनाया जाता रहा है| यहीं पर साल 1958 में पहले अंतरराष्ट्रीय फ्रेंडशिप दिवस का प्रस्ताव रखा गया था| शुरुआत में ग्रीटिंग कार्ड्स का चलन था लेकिन इंटरनेट के प्रचार प्रसार ने भारत और बांग्लादेश जैसे देशों में भी इसे मशहूर कर दिया|
30 जुलाई को होता है इंटरनेशनल फ्रेंडशिप डे: दुनियाभर के अलग-अलग देशों में फ्रेंडशिप डे अलग-अलग दिन मनाया जाता है| 27 अप्रैल 2011 को संयुक्त राष्ट्र संघ की आम सभा ने 30 जुलाई को आधिकारिक तौर पर इंटरनेशनल फ्रेंडशिप डे घोषित किया था| हालांकि भारत सहित कई दक्षिण एशियाई देशों में अगस्त के पहले रविवार को फ्रेंडशिप डे मनाया जाता है| ओहायो के ओर्बलिन मे 8 अप्रैल को फ्रेंडशिप डे मनाया जाता है|
'फ्रेंडशिप डे' मनाने का चलन वैसे तो पश्चिमी देशों से शुरु हुआ, लेकिन भारत में भी पिछले कुछ सालों से युवाओं के बीच काफी पॉपुलर हो रहा है| ग्रीटिंग कार्ड, सोशल मीडिया और एसएमएस के जरिए लोग एक दूसरे को इस दिन पर बधाई देते हैं और आजीवन सच्ची मित्रता निभाने का वचन लेते हैं| लेकिन इसे मनाने के पीछे की कहानी दुनिया के सबसे बड़े युद्धों में से एक से जुड़ी है| कहा जाता है प्रथम विश्व युद्ध के बाद लोगों और देशों के बीच आपसी द्वेष, शत्रुता और नफरत की भावना ने जन्म ले लिया था| इसे समाप्त करने और 1935 अमेरिकी सरकार ने फ्रेंडशिप डे की शुरुआत की थी| उस समय ये तय किया गया कि अगस्त के पहले रविवार को इसे मनाया जाएगा| संभवत: इसके पीछे ये कारण रहा होगा कि इस दिन छुट्टी होती है और इसलिए लोग ये दिन पूरी तरह से अपने दोस्तों के साथ एंजॉय कर सकें|
दुनिया के कई हिस्सों में फ्रेंडशिप डे मनाने की तारीख भी अलग है| भारत के साथ कई दक्षिण एशियाई देशों में अगस्त के पहले रविवार को फ्रेंडशिप डे मनाया जाता है| वहीं कुछ जगहों पर इसे अगस्त के पहले रविवार को नहीं बल्कि दूसरी तारीख को मनाया जाता है. ओहायो के ओर्बलिन में 8 अप्रैल को फ्रेंडशिप डे मनाया जाता है|
बता दें कि 1997 में अमेरिकी सरकार ने प्रसिद्ध कार्टून करेक्टर 'विनी द पू' को फ्रेंडशिप डे का ब्रांड एंबेसडर बनाया था| 27 अप्रैल 2011 को संयुक्त राष्ट्र संघ की आम सभा ने 30 जुलाई को आधिकारिक तौर पर 'इंटरनेशनल फ्रेंडशिप डे' मनाने की घोषणा की थी|
फ्रेंडशिप डे रविवार को होता है और उसके एक दिन पहले यानी शनिवार से ही सोशल मीडिया पर फ्रेंडशिप डे को लेकर युवाओं की उत्सुकता साफ तौर पर देखी जा सकती है| फेसबुक से लेकर ट्विटर पर लोग अपने अपने तरीके से फ्रेंडशिप डे की बधाईयां देना शुरु कर देते है| इस बार 5 अगस्त 2018 को दोस्ती का त्यौहार यानी फ्रेंडशिप डे है और इसके मद्देनजर सोशल मीडिया पर बधाईयों का दौर पहले से ही शुरु हो जायेगा | इस दिन लोग अपने दोस्तों को फ्रेंडशिप बैंड बांधकर अपनी मजबूत दोस्ती का इजहार करते हैं|
केवल इतना ही नहीं इस दिन लोग अपने फ्रेंड को फ्रेंडशिप बैंड के साथ साथ फ्रेंडशिप फोटो फ्रेंम, फ्रेंडशिप चॉकलेट ,फ्रेंडशिप कार्ड और फ्रेंडशिप डीओ भी गिफ्ट करना पसंद करते हैं| इसके साथ ही कई लोग अपने फ्रेंड के साथ इसे अनोखे अंदाज में भी सेलिब्रेट करना चाहते हैं|
फ्रेंडशिप डे की शुरुआत को ले कर बहुत सी कहानियाँ है जैसे एक कहानी की अनुसार माना जाता है की दोस्ती के प्रतीक के रूप में जाने वाले इस दिन की शुरुआत सन 1919 में हुई, जिसका श्रेय हॉलमार्क कार्डस के संस्थापक जॉएस हॉल को जाता है लोग उन दिनों अपने दोस्तों को फ्रेंडशिप डे कार्ड भेजा करते थे| उन दिनों से शुरू हुआ यह सिलसिला बदस्तूर आज भी जारी है|
आपको बता दें कि आम तौर पर फ्रेंडशिप डे की शुरुआत 1960 के दशक में यूनाइटेड स्टेट अमेरिका से मानी जाती है| उस समय अमेरिका में राजनैतिक रैलियों से फ्रेंडशिप बैंड बांधने की परंपरा शुरू हुई थी जो अब पूरी दुनिया में फैल चुकी है और हर देश के यंग लड़के और लड़कियां फ्रेंडशिप बैंड बांधकर अपनी दोस्ती का इजहार करते है|
फ्रेंडशिप डे की बात हो और स्टाइलिश फ्रेंडशिप बैंड का नाम ना आए ऐसा तो हो ही नहीं सकता है| जी हां इन दिनों मार्केट में अलग अलग डिजाइन के फ्रेंडशिप बैंड लोगों को काफी पसंद आ रहे हैं| इसके साथ ही यंगस्टर्स अपने नाम के फर्स्ट लेटर का बैंड पहनना और उसे अपने फ्रेंड को देना ज्यादा पसंद करते हैं| इसके अलावा एंजल बैंड, स्टार बैंड, हर्ट बैंड, डबल चेन बैंड, पंपकिन बैंड, क्रिसमस ट्री बैंड भी लोगों को काफी पसंद हैं|
दोस्ती के अफसाने और उन पर बहुत सी फिल्में तो साल 1965 से ही बनने लगी थीं| लेकिन यहां फ्रेंडशिप डे साल 2000 के बाद ज्यादा ट्रेंड में आया| इसके बाद जब से सोशल साइट्स का ट्रेंड बढ़ा, इसके साथ ही फ्रेंडशिप डे का चलन तेजी से बढ़ गया. दोस्तों का ये खास दिन पूरे देश में खूब धूमधाम से मनाया जाने लगा|
इस दिन का इंतजार दोस्तों को पूरे साल होता है| इस दिन सभी अपने अपने फ्रेंड्स ग्रुप के साथ घूमते-फिरते हैं और एक-दूसरे को फ्रेंडशिप बैंड बांधकर जिंदगी भर की दोस्ती में बांध लेते हैं|
भारत में प्राचीन सभ्यता से ही दोस्ती की कई मिसाले देखने को मिलती है | राम जी ने दोस्ती की वजह से ही सुग्रीव की मदद की थी, श्री कृष्णा जी और सुदामा की दोस्ती के बारे में कौन नहीं जानता है| पश्चिम के मुकाबले भारत में दोस्ती व्यापक पैमाने में फैली हुई है लेकिन भारत में लोग समाज में ज़्यदा घुल मिलकर रहते है | इस साल दुनिया 60वां फ्रैंडशिप डे मनायेगी|