अमेरिका में कार्नेगी विज्ञान संस्थान के स्कॉट एस शेफर्ड की अगुवाई में शोधकर्ताओं ने प्लूटो से आगे विशाल ग्रह की मौजूदगी की तलाश करने के दौरान पिछले साल पहली बार इन चंद्रमाओं को ढूंढा था| वैज्ञानिकों ने बृहस्पति ग्रह की परिक्रमा कर रहे 12 नये चंद्रमा की खोज की है|इसके साथ ही सौर मंडल के सबसे बड़े ग्रह के प्राकृतिक उपग्रहों की संख्या 79 हो गयी है| शेफर्ड ने बताया कि आकाश में बृहस्पति हमारी खोज क्षेत्र के नजदीक स्थित था जबकि हम बहुत दूर स्थित सौर मंडल के पिंड को तलाश रहे थे| इसी बीच हमें बृहस्पति के चारों तरफ नये उपग्रह दिखायी दिये| इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन के ग्रेथ विलियम्स ने बताया कि बृहस्पति के चारों तरफ कक्षा में एक पिंड की पुष्टि के लिए कई दफा अवलोकन किया गया। इसलिए पूरी प्रक्रिया में एक साल लग गया|
नये चंद्रमा में से नौ तो एक ही झुंड में मिले जो बृहस्पति के घूमने की विपरीत दिशा में चल रहे थे| वहीं, दो नये चंद्रमा बृहस्पति के घूमने की दिशा में ही चल रहे थे|
खगोलशास्त्रियों ने इनमें से एक चांद के लिए 'विचित्र गोला' शब्द का इस्तेमाल किया है क्योंकि इसकी कक्षा (ऑर्बिट) असामान्य है। वैज्ञानिकों का कहना है कि ये चांद पहले नहीं दिखे थे क्योंकि ये आकार में काफी छोटे हैं। बृहस्पति के इन नए चन्द्रमाओं की खोज और पुष्टि के लिए चिली, हवाई और ऐरिजोना के दूरबीनों का इस्तेमाल किया गया।
सबसे ज्यादा चांद के मामले में बृहस्पति के बाद शनि दूसरे पायदान पर है, जिसके 61 चांद हैं।
वैज्ञानिकों ने सौरमंडल से बाहर स्थित एक ग्रह पर कई धातुओं की मौजूदगी के सुरागों का पता लगाने के साथ ही यहां पानी होने के संभावित संकेतों की पहचान की है| यह ग्रह अभी तक खोजा गया सबसे कम घनत्व वाला बाहरी ग्रह है| ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ कैंब्रिज और स्पेन के इंस्टीट्यूटो डे एस्ट्रोफिजिका डे केनरियास की टीम ने ग्रेन टेलीस्कोपियो
केनरियास का इस्तेमाल कर डब्ल्यूएएसपी-127 बी का अवलोकन किया| बड़े आकार के इस ग्रह का आसमान आंशिक रूप से साफ है और इसके वायुमंडल में धातुओं की मौजूदगी के ठोस संकेत मिले हैं|