तेज है, औ वेग है,
है गति, संवेग है,
अग्रता है, है त्वरण,
स्फुरण, तरँग है,
ओज रग-रग भरा,
मन में उमँग है,
कुलाँच भर रहा हृदय,
ऊर्जित हर अंग है,
जोश की कमी नहीं,
होश का भी संग है,
हर तरफ बिखेरता,
इन्द्रधनुषी रंग है,
रथ थका पर वो नहीं,
पथ थका पर वो नहीं,
सूर्य-चन्द्र थक गये,
थकी धरा पर वो नहीं,
उर्जा असीम है,
सोच अति नवीन है,
देखता गगन है क्या,
और क्या जमीन है,
ज्ञान से विज्ञान से,
तौलता महीन है,
हथेलियों पे कर्म कर,
उकेरता लकीर है,
प्रगति पसंद है मगर,
प्रकृति के भी करीब है,
है अमन से दोस्ती,
शांति का दूत है,
भविष्य को है देखता,
देखता न भूत है,
और वर्तमान भी
जी रहा वो खूब है।
ध्येय हैं बड़े-बड़े,
मंजिलें आकाश हैं,
कोई पथ कठिन नहीं,
अवरोध भी बकवास हैं।
है यदि ये उर्जा,
है अगर चरित्र ये,
है यदि विश्वास ये,
ध्येय यदि पवित्र है,
तो जानिये आप कि
अब तलक युवा ही हैं
और यदि युवा नहीं हैं तो,
युवाओं के ही साथ हैं।
(c)@दीपक कुमार श्रीवास्तव " नील पदम्"