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आरक्षण

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मेरे घर का निर्माण कार्य चल रहा था, लेकिन तभी मेरी नानी की तबियत खराब हो गई। उन्हें  कैंसर की शिकायत थी और उनका इलाज चल रहा था। मैंने सोचा था कि मेरे घर का निर्माण होने से पहले नानी की तबियत ठीक हो जा

संयुक्त परिवार का महत्व हमारे घर पर एक पुराना लैंडलाइन फोन था। एक दिन अचानक उसकी घंटी बजी। मैंने फोन उठाया तो दूसरी तरफ एक महिला की आवाज आई। उसने मेरा परिचय पूछा, और जब मैंने अपना नाम बताया, तो उसने

एक बार एक विद्यार्थी था ,वह एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ता था वह पढ़ने में अच्छा था और होनहार भी था। यह उन दिनों की बात है, तब हमारे देश में एक बीमारी चल रही थी जिसका नाम कोरोना था ।एक दिन वह अपनी कक्षा

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MP Elections 2023: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महिला आरक्षण के आधार पर टिकट बांटने को लेकर कहा कि, जब कानून लागू होगा तो हम भी आरक्षण के हिसाब से ही टिकट बांटेंगे। MP Election 2023 News: मध्

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महिला आरक्षण विधेयक और वैदिक कालीन नारी महिला आरक्षण बिल यानी नारी शक्ति वन्दन विधेयक लम्बी चर्चा के बाद लोक सभा और राज्य सभा दोनों में बहुमत से पास हो गया है – इसके लिए सभी महिलाओं को सबसे पहले तो ह

1. **उन्नत रचनात्मकता**: विविध टीमें अलग-अलग पृष्ठभूमि, दृष्टिकोण और अनुभव वाले लोगों को एक साथ लाती हैं, जिससे अधिक नवीन समाधान और विचार सामने आते हैं। 2. **बेहतर समस्या-समाधान**: विविध टीमें

चंद्रायन - 3 को सफलतापूर्वक चांद पर भेजने के बाद खुद को खुद की पहचान देने निकला है भारत.. भारत इंडिया नहीं भारत है। आप कहेंगे अरे ये क्या बोल रहे हैं भाई साहब? कोई पानी पिलाओ इन्हें। पर मैं कहूंग

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बादा का वादा था, लेकिन जाम आधा था,  पूरा भरकर ले आते,  मेरा पूरा का इरादा था ।  @नील पदम्  बादा = शराब                    

स्वार्थ के पेड़ पर  जब लोभ भी चढ़ जाता है,  जंगल के गीत सबसे ज्यादा  लकड़हारा गाता है ।  @नील पदम्                     

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काली अंधियारी रात में  चाँद का टुकड़ा जैसे,  रोती रेत के बीच में हरियाली का मुखड़ा जैसे, जब तूने खोल कर अपनी  सुरमई आँखों से देखा, मुझे ऐसा ही कुछ लगा था  उस वक़्त विल्कुल ऐसे ।      @नील

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है दौर चला कैसा, है किसकी कदर देखो, पैसों की सिगरेट है, मक्कार धुआं देखो। सीधे-सरल लोगों की दाल नहीं गलती, अब टेढ़ी उंगली है हर सीधी जगह देखो । @नील पदम्

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तेरा नाम नहीं लेंगे  पर तू ही निशाना है, तेरे भरोसे उन्हें, व्यापार चलाना है ।    @नील पदम्                   

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काल के कुचक्र के रौंदें हुए हैं हम,  महामारियों के दौर में पैदा हुए हैं हम,  पर्यावरण,  पृथ्वी, आवो-हवा से हमें क्या,  बस  खोखले विकास में बहरे हुए हैं हम  ।             @नील पदम्           

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शतरंज की बिसात सी बनी है ज़िन्दगी, खुली हुई क़िताब के मानिंद कर निकल। भूल जा हर तलब, हर इक नशा औ जख्म, अब तो बस एक रब का तलबगार बन निकल। (c)@दीपक कुमार श्रीवास्तव “नील पदम्”

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जब अजनबी से बढ़ी नजदीकियां, तो जाना कि कितना है अजनबी वो ।   @नील पदम्                 

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मैं तुझे ज़िन्दगी पुकारूँगा,  मैं तेरा नाम कुछ सुधारूँगा ।   @नील पदम्          

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तब कहती थीं कि नहीं,  अभी कुछ भी नहीं, अब कहती हो की नहीं, अब कुछ भी नहीं, सच कब बोला तुमने,  अब या तब, झूठ कब कहा तुमने, अब या तब । @नील पदम्

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पता नहीं कब सच कहा उसने,  पता नहीं कब झूठ बोला उसने,  उसकी आँखों को कभी पढ़ा ही नहीं,  क्योंकि कभी गौर से देखा नहीं हमने।   @नील पदम्                         

भारत में जनसंख्या वृद्धि में योगदान देने वाले कारक बहुआयामी हैं। इनमें उच्च प्रजनन दर, बेहतर स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं, बढ़ी हुई जीवन प्रत्याशा, शिशु मृत्यु दर में गिरावट और कुछ क्षेत्रों में परिवार न

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