पटना: शास्त्रों के अनुसार तुलसी को देवी का रूप माना जाता है। घर के आंगन में तुलसी का पौधा लगाने की और उसकी पूजा-अर्चना करने की परंपरा पुरानी है। ऐसा करने वालों को देवी-देवताओं की विशेष कृपा मिलती है। साथ ही साथ हर तरह की नकारात्मक ऊर्जा से घर-परिवार की रक्षा होती है।
तुलसी से जुड़ी कुछ विशेष बातों का ध्यान हर किसी को रखना चाहिए। इन बातों को अनदेखा करने पर अशुभ परिणाम झेलने पड़ सकते हैं। तुलसी सूख जाने पर क्या करें? कौन से भगवान को तुलसी चढ़ाना वर्जित है? ऐसे तमाम सवालों के जवाब इस स्टोरी में मौजूद हैं।
अगर आपके घर में तुलसी का पौधा है तो फिर इस स्टोरी को आखिर तक जरूर पढ़ें। इसी बहाने यहां कुछ रोचक बातें जानने को मिलेंगी। देर मत कीजिए। तुरंत शुरू कीजिए स्टोरी को पढ़ना। आखिर आपको भी तो कुछ बातें जानना हैं।
हिंदू धर्म में तुलसी को पूजनीय माना जाता हैं। इसके पत्ते दांतों से चबाना अशुभ होता है। इसीलिए तुलसी के पत्तों को बिना चबाए ही निगलना चाहिए।
शिवपुराण के अनुसार, असुर शंखचूड़ की पत्नी तुलसी के पतिधर्म की वजह से उसे कोई भी देव हरा नहीं सकता था। इसलिए भगवान विष्णु ने धोखे से तुलसी के पतिव्रत को खंडित कर दिया था। तभी भगवान शिव, असुर शंखचूड़ का वध कर पाए थे। इसी छल से क्रोधित होकर तुलसी ने यह प्रण ले लिया कि उसका प्रयोग शिवजी की पूजा में कभी नहीं किया जाएगा।
एकादशी, रविवार, सूर्य या चंद्र ग्रहण के दिन तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ना चाहिए। इसके अलावा बिना किसी वजह तुलसी के पत्ते तोड़ना भी अशुभ होता है। अनावश्यक रूप से तुलसी के पत्ते तोड़ना, तुलसी को नष्ट करने के समान माना गया है।
हर रोज तुलसी पूजन करना चाहिए। साथ ही हर शाम तुलसी के पास दीपक जलाना चाहिए। मान्यताओं के अनुसार, जो लोग शाम के समय तुलसी के पास दीपक जलाते हैं, उनके घर में महालक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है।
शास्त्रों के अनुसार, तुलसी कभी भी अपवित्र नहीं होती। पूजा में उपयोग किए जाने के बाद उसे अगले दिन साफ पानी से धोकर फिर पूजा में रखा जा सकता है। बस एक बात का ध्यान रखना चाहिए कि तुलसी कटी-फटी न हो। घर-आंगन में तुलसी होने पर वास्तु दोषों से छुटकारा मिलता है। साथ ही घर में सकारात्मकता बनी रहती है।
एक बार तुलसी ने श्रीगणेश के सामने विवाह का प्रस्ताव रखा था। श्रीगणेश कभी भी विवाह नहीं करना चाहते थे, इसलिए उन्होंने इनकार कर दिया। इसी बात से नाराज होकर तुलसी ने उन्हें दो विवाह होने का श्राप दे दिया था। देवी तुलसी का श्राप सुनकर भगवान गजानन उन्हें अपनी पूजा में वर्जित कर देते हैं। इसलिए श्रीगणेश की पूजा में तुलसी चढ़ाने की मनाही होती है।
यदि तुलसी का पौधा सूख जाता है तो उसे किसी पवित्र नदी, तालाब या कुएं में प्रवाहित कर देना चाहिए। तुलसी का सूखा पौधा घर में रखना अशुभ माना जाता है।
मान्यता है कि जिस घर में तुलसी का पौधा होता है, वहां पर किसी की बुरी नज़र नहीं लगती। साथ ही घर के आसपास किसी भी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा पनप नहीं पाती है। तुलसी से घर का वातावरण पवित्र और हानिकारक कीटाणुओं से मुक्त रहता है। इसी पवित्रता के कारण घर में लक्ष्मी का वास होता है और सुख-समृद्धि बनी रहती है।
Source: Live News