शुभ मुहूर्त में किया गया कार्य सुख-समृद्धि व उन्नति का कारक बनता है। जीवन में शुख-शांति लाने के लिए हरेक व्यक्ति को अपने सामर्थय के अनुसार जरूरतमंद लोगों में दान अवश्य करना चाहिए। जो व्यक्ति दान करता है उस व्यक्ति के परिवार में हमेशा शुख समृद्धि बनी रहती है। यदि यही दान अपनी राशि के अनुसार किया गया हो तो बरकत दोगुनी हो सकती है। नवरात्रों में अष्टमी-नवमी के दिन कन्या पूजन के समय राशि अनुसार यदि आप इन चीजों का दान करें तो आप यह सुख प्राप्त कर सकते हैं।
श्रीदुर्गाष्टमी 17 अक्टूबर बुधवार को है जबिक महानवमी 18 अक्टूबर गुरुवार को है। श्रीदुर्गाष्टमी को श्रद्धालु दोपहर 12.50 बजे से पहले साख प्रवाहित करें।जबकि नवमी के दिन श्रद्धालु दोपहर 3.29 बजे से पहले साख प्रवाहित कर सकते हैं। शारदीय नवरात्रों का समापन 18 अक्टूबर गुरुवार को ही होगा।
श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रोहित शास्त्री ज्योतिषाचार्य के अनुसार इन दो दिनों में देवी दुर्गा के भक्त कन्या पूजन भी करते हैं। कन्याओं को मां दुर्गा के नौ रूपों के नौ स्वरूप मान कर इनकी पूजा की जाती है। इस दिन दुर्गा मां की पूजा के बाद कंजक (कन्याओं) को भोजन कराया जाता है। इनके साथ एक लड़के को भी भोजन कराया जाता है। कन्या पूजन से पहले कन्याओं के पैर साफ पानी से धोएं जाते हैं। व्रती के घर में इस दिन खीर, हलवा-पूरी और काले चने बनाए जाते हैं। यही भोजन कन्याओं को खिलाया जाता है। व्रती सभी कन्याओं से आशीर्वाद लेकर इन्हें भेंट स्वरूप कुछ उपहार या दक्षिणा देते हैं ।
कन्या पूजन के बाद राशि अनुसार करें दान। जन्म के समय आपका चन्द्रमा जिस राशि में होता है, आपकी राशि वहीं होती है।
मेष राशि – इस दिन आप कन्याओं को लाल वस्त्र, लाल रुमाल,लाल कंगन, राजमाश,गुड़,नारियल,घी, केसर,21रुपए कन्याओं को भेंट करें।
वृष राशि – चांदी के कोई आभूषण, आटा,चीनी, चावल,दूध, सफेद वस्त्र भेंट स्वरूप दे सकते हैं।
मिथुन राशि -इस दिन आप कन्याओं को हरे रंग के वस्त्र,कांसे का कोई बर्तन, मूंग की दाल, घी, हरा फल आदि कन्याओं भेंट करें।
कर्क राशि- इस राशि के लोगों के लिए कन्याओं को चांदी का कोई वस्तु जैसे थाली,गिलास,चमच,चावल,मिश्री, सफेद वस्त्र, दूध आदि कन्याओं को भेंट करें।
सिंह राशि – स्वर्ण के आभूषण,तांबे का बर्तन, गुड, घी, माता की लाल चुनरी, केसर और 11 रुपए भेंट करें।
कन्या- कन्या राशि के लोगों के लिए कन्याओं को हरे रंग के वस्त्र,चांदी के सिक्के,किताबे कन्याओं को भेंट करें।
तुला- तुला राशि के व्यक्ति भी कन्याओं को कोई सफेद रंग के वस्त्र कपड़ा, चावल,आटा भेंट करें।
वृश्चिक- वृश्चिक राशि के लोग कन्याओं को माता की लाल रंग के वस्त्र, गुड़, घी आदि
भेंट करें।
धनु राशि – पीले रंग के वस्त्र,कांस्य पात्र,हल्दी, घी, केले आदि भेंट करें।
मकर राशि – चांदी के सिक्के,लोहे की कोई चीज,नीले रंग के वस्त्र, तेल या आयनमेंट आदि का भेंट करें।
कुंभ राशि – चांदी के कंगन, मकर के समान ही कुंभ राशि के लोग भी कन्याओं को नीले रंग के वस्त्र आदि भेंट करना कल्याण कारी रहता है।
मीन राशि- पीले रंग के वस्त्र, सोने के आभूषण, हल्दी आदि कन्या को अवश्य भेंट करें।
सामर्थय अनुसार करें दान
ऊपर लिखित चीजों में यह जरूरी नहीं है कि आप सभी चीजों का दान करें। आप सामर्थय के अनुसार किसी एक चीज का भी दान कर सकते हैं। इस तरह कन्या पूजन समाप्त हो जाता है। कन्या पूजन के बाद नवरात्र का आखिरी काम होता है व्रत खोलना। व्रत खोलने को नवरात्र पारण कहा जाता है। नवरात्र के नौ दिनों की सारी उपयोग में लाई सामग्री, कलश, परात में बोये ज्वार के अंश (देवी दुर्गा की साख) मिट्टी तथा अन्य सभी चीजों को किसी तालाब या नदी में बहा देना चाहिए।
स्वच्छता का रखें ख्याल
नदी में साख प्रवाहित करते समय उसमें पॉलीथीन ना डाले। इससे जल प्रदूषण होता है। इस बात का विशेष धयान रखे। 16 अक्टूबर मंगलवार को शुक्र अस्त होने के कारण आश्विन शारदीय नवरात्रों का उद्यापन (मोख) नहीं होगा। जम्मू (डुग्गर प्रदेश) में शुक्र अस्त को “तारा डूबना” कहते हैं। शुक्र अस्त में शुभ कार्य वर्जित होते हैं जैसे विवाह, मुंडन संस्कार, व्रत उद्यापन, ग्रह प्रवेश आदि।
अष्टमी-नवमी के दिन कन्या पूजन के समय अपनी राशि अनुसार करें दान, चमक जाएगा भाग्य