श्रीगनर : जम्मू-कश्मीर के उधमपुर जिले में बुधवार को मारे गए जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकियों में से एक के शव को सुरक्षाबलों द्वारा रस्सियों से खींच कर ले जाने के मामले में अब विवाद शुरू हो गया है. मानवाधिकार संगठनों ने इस मामले पर आपत्ति जताई है और इसे बर्बरतापूर्ण करार दिया है. वहीं इस पर सेना के रिटायर ब्रिगेडियर अनिल गुप्ता ने सेना का बचाव किया है. उन्होंने कहा है कि आतंकियों के शरीर में बम बंधे होने की आशंका होती है, इसलिए ऐसा एहतियात बरतने की आवश्यकता होती है.
बता दें कि बुधवार को सीआरपीएफ के एक जवान और फॉरेस्ट गार्ड पर आतंकियों ने हमला कर दिया था. आतंकी हमला करके ककरियाल के जंगलों में फरार हो गए. सेना द्वारा चलाए सर्च ऑपरेशन में गुरुवार को 3 आतंकी मारे गए. आतंकियों और सेना के बीच हुई मुठभेड़ में सेना के 12 जवान भी घायल हुए हैं. घायलों में एक पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं. पिछले 12 घंटे से चल रहा सेना का सर्च ऑपरेशन और मुठभेड़ दोपहर बाद खत्म हुई थी.
बुधवार को जम्मू एवं कश्मीर में तीन अलग-अलग मुठभेड़ों में गुरुवार को आठ आतंकवादी मारे गए थे. इनमें से एक मुठभेड़ में पुलिस, अर्धसैनिक बल व सेना के 12 कर्मी घायल हो गए. मारे गए 8 आतंकवादियों में से तीन पाकिस्तानी थे. इसमें से तीन को पाकिस्तान से लगे कुपवाड़ा जिले के केरन सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास मार गिराया गया. जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के दो आतंकवादियों को सोपोर कस्बे में व जेईएम से ही संबद्ध तीन पाकिस्तानी आतंकवादियों को रियासी जिले में 33 घंटे चली लड़ाई में मार गिराया गया.