अनंत चतुर्दशी भगवान विष्णु का त्योहार है. जो कि इस बार 23 सितंबर को है. इसी दिन गणपति बप्पा के विसर्जन का दिन है. लेकिन क्या आप जानते हैं अनंत चतुर्दशी में भगवान विष्णु के अनंत रुपों की पूजा की जाती है. फोटोः गूगल फ्री इमेज
अनंत चतुर्दशी के दिन सूर्योदय के समय से अगले दिन सुबह के सूर्योदय के समय तक पूजा का विधान है. अनंत चतुर्दशी की पूजा में उपवास किया जाता है. फोटोः गूगल फ्री इमेज
इतना ही नहीं, अनंत चतुर्दशी का विशेष फल प्राप्त करने के लिए विशेष धागा बनाया जाता है. आगे गुरूजी पवन सिन्हा बताएंगे कि ये विशेष धागा कैसे बनाएं. फोटोः गूगल फ्री इमेज
विष्णु जी को खुश करने के लिए अनंत चतुर्थी के दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ किया जाता है. क्या आप जानते हैं अनंत चतुर्थी के दिन भगवान विष्णु की पूजा से कर्ज का बोझ उतरता है. फोटोः गूगल फ्री इमेज
अनंत चतुर्थी के दिन पूजा करने का सही तरीका ये है कि हल्दी का तिलक लगाकर भगवान विष्णु की पूजा करें.फोटोः गूगल फ्री इमेज
यदि शादी में परेशानी हो तो अनंत चतुर्थी के दिन जरूरतमंदों में भोजन बांटें. फोटोः गूगल फ्री इमेज
अनंत चतुर्थी के दिन बुजुर्गों की सेवा करने से लाभ होता है और बुजुर्गों को चांदी का उपहार देने से भी लाभ होता है. इतना ही नहीं, बुजुर्गों से आशीर्वाद लेकर धागा बनाकर पहनने से भी लाभ होता है. फोटोः गूगल फ्री इमेज
अनंत चतुर्थी के दिन कमल का फूल भगवान विष्णु को अर्पित करके ऊं नारायण नमो नम: का जप करें. भगवान विष्णु की पूजा के बाद जरुरतमंदों को भोजन कराएं. फोटोः गूगल फ्री इमेज
आपको बता दें, अनंत चतुर्थी की पूजा सबसे पहले भगवान श्रीकृष्ण ने कराई थी. पांडवों को संकट से उबारने के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने अनंत चतुर्थी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करके एक धागा तैयार करके पहनने को कहा था. फोटोः गूगल फ्री इमेज
पौराणिक कथा के अनुसार, सुमंत ऋषि को पत्नी दीक्षा से सुशीला नाम की पुत्री थी. दीक्षा की मौत के बाद सुमंत ऋषि ने कर्कशा से शादी की. कर्कशा सुशीला को परेशान करती थी. सुशीला की शादी ऋषि कौंडिल्य से हुई. सुशीला और कौंडिल गरीबी में जी रहे थे. अनंत चतुर्थी के व्रत और धागे ने सुशीला की स्थिति सुधार दी . ऋषि कौंडिल ने अनंत चतुर्थी के महत्व को नकार दिया लेकिन बाद में कौंडिल ने अनंत चतुर्थी के महत्व को स्वीकार किया. फोटोः गूगल फ्री इमेज
बुधवार और बृहस्पतवार को भगवान विष्णु की पूजा करने से वैवाहिक जीवन की समस्या हल होती है. फोटोः गूगल फ्री इमेज
अनंत चतुर्थी का धागा बनाने के लिए सबसे पहले पीला धागा ले. ऊं नारायण नमो नम: के 1100 जप से उसे सिद्ध करें .पीले धागे को सिद्ध करने के बाद 14 गांठें लगाएं. गांठे लगाने के बाद घर के बुजुर्ग या शिक्षक के हाथों दाहिनी कलाई या गले में धारण करें. फोटोः गूगल फ्री इमेज