भारतीय राजनीति के दिग्गज नेता एम करुणानिधि का आज चेन्नई के कावेरी हॉस्पिटल में निधन हो गया। 94 वर्षीय करुणानिधि पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। करुणानिधि जैसे नेता की कमी शायद ही कोई पूरी कर पाए। वह भारतीय राजनीति में बेहद अलग थे। उनके नाम हर चुनाव जीतने का एक ऐसा रिकॉर्ड है जो पूरी राजनीति में किसी के पास नहीं है।
वे पांच बार (1969–71, 1971–76, 1989–91, 1996–2001 और 2006–2011) मुख्यमंत्री रह चुके हैं। 60 साल के करियर में उन्होंने कभी चुनाव नहीं हारा था। इसके अलावा उन्होंने 13 बार विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की है। 1957 में पहली बार विधानसभा चुनाव जीतने वाले करुणानिधि सिर्फ 1984 में विस चुनाव में हिस्सा नहीं लिया था। वे 56 सालों तक विधानसभा सदस्य रहे हैं।
इसके अलावा करुणानिधि पिछले 49 सालों से पार्टी की कमान संभाल रहे थे। द्रमुक अध्यक्ष सीएन अन्नादुरई की मृत्यु के बाद उन्होंने पहली बार 27 जुलाई 1969 में अध्यक्ष पद संभाला था। पिछले कुछ सालों में बीमार रहने के चलते उन्होंने अपने छोटे बेटे एम के स्टालिन को डीएमके कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त कर दिया था। स्टालिन तमिलनाडु विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं। करुणानिधि ने तीन शादियां की थी जिनसे उनके चार बेटे और दो पुत्रियां हैं। उनकी छोटी बेटी कनिमोझी फिलहाल राज्यसभा सांसद हैं।
– 28 जुलाई से कावेरी अस्पताल में भर्ती थे करुणानिधि
– 7 अगस्त की सुबह से ही उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ने लगी
– 7 अगस्त की शाम 6 बजे उन्होंने आखिरी सांस ली।
– मुत्तुवेल करुणानिधि का जन्म 3 जून 1924 को हुआ था।
करुणानिधि का निधन: 56 साल विधानसभा में रहे, 49 सालों तक पार्टी अध्यक्ष, 5 बार मुख्यमंत्री बने