बरेली से एक दूल्हा अपनी दुल्हन को लेने 35 बरातियों के साथ पाकिस्तान पहुंच गया। वहां रस्मों रिवाज से निकाह कर दुल्हन के साथ इंडिया वापस लौटा। इस दौरान देश के दोनों बॉर्डर पर सेनाओं और अफसरों ने स्वागत किया। कोई नजर उतार रहा तो कोई बलाएं लेने में लगा है। 30 दिन के लिए आई इस पाकिस्तानी दुल्हन को देखने दूल्हे के घर रिश्तेदारों का मजमा लगा हुआ है।
मामला बरेली के बिहारीपुर का है। यहां के वसीम इम्तियाज ने 2 साल पहले बेटे अलीशान(30) का निकाह लाहौर के सुहेल अख्तर की बेटी अफसा(28) से तय की। 5 दिसंबर 2017 को 35 बारातियों के साथ दूल्हा बरेली से लाहौर रवाना हुआ। हवाई जहाज और ट्रेन से बराती वाघा सीमा पहुंचे। 9 दिसंबर को लाहौर के हुजरा फार्म हाउस पर दोनों का निकाह हुआ। 25 दिसंबर को दुल्हन और उसकी नानी कनीज फातिमा को लेकर दूल्हा बरेली लौटा। दूल्हे आलीशान का कहना है, ”जब वो बरात लेकर बॉर्डर पर पहुंचा तो वहां पर भी लोगों ने उसका स्वागत किया। दोनो देशों की सेनाओं से रूबरू हुआ और अफसरों ने भी उसको बधाई दी।”
”हमारे बीच कभी कोई बातचीत नहीं हुई, रिश्ता घरवालों की तरफ से ही तय हुआ था। बीकॉम के बाद बॉडी पावर के नाम से एक जिम चला रहा हूं।” दुल्हन का कहना है, ”इंडिया की बहू बनकर बहुत प्राउड फील हो रहा हूं। इंडिया और पाकिस्तान के बीच जो तनाव है, चाहे तो उसे कम हो सकता है।” परिजनों के मुताबिक, ”दुल्हन अफसा के दादा बंटवारे के दौरान पाकिस्तान चले गए थे। बरेली में उनके रिश्तेदारों की मदद से रिश्ते की बात चलाई गई।”
धूमधाम से निकाह तो हो गया, लेकिन दावत-ए-वलीमा बीच में ही लटक गया। इसके लिए लाहौर से मेहमान इंडिया आना चाहते हैं। अभी तक उन्हें वीजा नहीं मिल पाया है। इसलिए आयोजन को आगे बढ़ा दिया गया है। वहीं, दुल्हन का वीजा भी सिर्फ 30 दिन का ही है। दूल्हे पक्ष ने वीजा दिलवाने के लिए केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार से लेटर लिखवाकर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से सहयोग मांगा है। बता दें, 15 दिसंबर को वलीमा का आयोजन होना था, लेकिन बरात को लाहौर से वापस आने में देरी हो गई। दूल्हा-दुल्हन को तमाम कागजी दस्तावेज लगाने पड़े।
Source: live news