मौसम जैसा भी हो, उत्तप्रदेश का राजनैतिक माहौल हमेशा गर्म ही रहता है. भाजपा और समाजवादी पार्टी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का नया दौर शुरु हो चुका है.
पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कहा कि सभी पूर्व CMs को सरकारी बंगला खाली करना होगा. इसकी वजह से अखिलेश यादव को भी अपना आलिशान बंगला खाली करना पड़ा. असली कहानी यहीं से शुरू होती है.
अखिलेश यादव के घर खाली करने के बाद 4, विक्रमादित्य मार्ग स्थित बंगले के भीतर जाने की अनुमति मिल गई. अंदर से जो तस्वीरें बाहर आई हैं उसे राजनीति शुरू हुई. तस्वीरों में बंगले की हालत दयनीय दिख रही है. फ़र्श के टाईल्स उखड़े हुए हैं, एयर कंडिशिंग का Duct क्षतिग्रस्त है, कुछ स्विच टूटे हुए हैं.
न्यूज़ एजेंसी PTI के अनुसार भाजपा के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि अखिलेश यादव के बंगला ख़ाली करने से पहले गुस्से में बंगले को क्षति पहुंचाई गई है. उन्होंने सरकारी पैसे से ख़ुद के लिए आलिशान बंगला बनवाया था. उन्हें अनुमान था कि उनकी पार्टी दोबारा सत्ता में आएगी.
अखिलेश यादव ने जवाब में कहा कि अगर किसी को मानहानी सीखनी हो तो वो भाजपा से सीख सकता है, सरकार को बताना चाहिए कि किस चीज़ की क्षती हुई है और घर से क्या-क्या गायब हैं.
Estates department के अधिकारी योगेश कुमार शुक्ला ने कहा कि विभाग जांच कर के पता करेगी तोड़फ़ोड़ जानबूझ कर की गई है या नहीं.
सुप्रिम कोर्ट के ऑर्डर के बाद राज्य सरकार ने 6 पूर्व मुख्यमंत्रियों को बंगला खाली खरने का नोटिस जारी किया था- नाराणय दत्त तिवारी, मुलायम सिंह यादव, कल्याण सिंह, मायावती, राजनाथ सिंह, और अखिलेश यादव.