भारत रत्न और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का गुरुवार शाम 5.05 बजे निधन हो गया। वे 93 वर्ष के थे। अटलजी के निधन पर 7 दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा गई की।
अटल बिहारी वाजपेयी दो महीने से एम्स में भर्ती थे, लेकिन पिछले 36 घंटों के दौरान उनकी सेहत बिगड़ती चली गई। उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था। इससे पहले वे 9 साल से बीमार थे। राजनीति की आत्मा की रोशनी जैसे घर में ही कैद थी। वे जीवित थे, लेकिन नहीं जैसे। किसी से बात नहीं करते थे। जिनका भाषण सुनने विरोधी भी चुपके से सभा में जाते थे, उसी सरस्वती पुत्र ने मौन ओढ़ रखा था।
अटल बिहारी वाजपेयी का पार्थिव शरीर कृष्ण मेनन मार्ग स्थित उनके आवास पर रातभर रखा जाएगा। सुबह 9 बजे पार्थिव देह भाजपा मुख्यालय ले जाई जाएगी। दोपहर 1.30 बजे अंतिम यात्रा शुरू होगी, जो राजघाट तक जाएगी। वहां महात्मा गांधी के स्मृति स्थल के नजदीक अटलजी का अंतिम संस्कार किया जाएगा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अटल जी की अस्थियां प्रदेश की सभी नदियों में प्रवाहित की जाएंगी।
लेकिन इस बीच सवाल ये उठ रहा है कि उन्हें मुखाग्नि कौन देगा? क्योंकि अटल बिहारी वाजपेयी ने शादी नहीं की थी इसलिए उन्हें, बेटा, बेटी और पोता नहीं है। अब देखना होगा कि अंतिम संस्कार के दौरान उनको कौन मुखाग्नि। जिसके लिए शाम तक का इंतजार करना होगा।
आपको बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी नहीं रहे. उन्होंने एम्स में 5 बजकर 5 मिनट पर अंतिम सांस ली. 93 साल के वाजपेयी लंबे वक्त से बीमार थे और 2009 से व्हीलचेयर पर थे. वे शादीशुदा नहीं थे. उन्होंने शादी नहीं की. उनकी दत्तक पुत्री नमिता हैं. उनके परिवार के बाकी लोग मध्य प्रदेश के ग्वालियर में रहते हैं.
अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर, 1924 को मध्यप्रदेश के ग्वालियर के शिंदे का बाड़ा मोहल्ले में हुआ था. उनके पिता पंडित कृष्णबिहारी वाजपेयी टीचर थे और मां कृष्णा देवी घरेलू महिला थीं.
अटल के परिवार में उनके माता-पिता के अलावा तीन बड़े भाई अवधबिहारी, सदाबिहारी और प्रेमबिहारी वाजपेयी और तीन बहनें थीं. उनकी प्रारंभिक शिक्षा सरस्वती शिक्षा मंदिर, बाड़ा में हुई. इसके अलावा अटल के ग्वालियर में कई रिश्तेदार हैं. इनमें भतीजी कांति मिश्रा और भांजी करुणा शुक्ला हैं. वहीं, ग्वालियर में अटलजी के भतीजे दीपक वाजपेयी और भांजे सांसद अनूप मिश्रा परिवार सहित दिल्ली पहुंचे हैं.
बाड़ा से ही उन्होंने आठवीं कक्षा तक की शिक्षा प्राप्त की. बाद में ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेज में उनका दाखिला हुआ. यहां से उन्होंने इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई की.
कॉलेज जीवन में ही उन्होंने राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेना शुरू कर दिया था. फिर ग्वालियर से स्नातक उपाधि प्राप्त करने के बाद वे कानपुर चले गए. यहां उन्होंने डीएवी कॉलेज में प्रवेश लिया.
हालांकि, राजनीति में जाने के बाद अटल अविवाहित रहे. हालांकि, 1998 में जब वे 7, रेसकोर्स रोड में रहने पहुंचे तो उनकी दोस्त राजकुमारी कौल की बेटी और उनकी दत्तक पुत्री नम्रता और उनके पति रंजन भट्टाचार्य का परिवार भी साथ रहने आया.
राजकुमारी कौल के बारे में बताया जाता है कि जब अटल प्रधानमंत्री थे तब कौल वाजपेयी के घर की सदस्य थीं. उनके निधन के बाद वाजपेयी के आवास से जो प्रेस रिलीज जारी की गई थी, उसमें उन्हें वाजपेयी के ‘घर का सदस्य’ संबोधित किया गया था.
Source : UC न्यूज़