सहारा इंडिया ने बिहार के लाखों निवेशकों को बहुत बड़ा झटका दिया है . बाजाप्ता अखबार में विज्ञापन छपवाकर कह दिया है कि निवेशकों का जमा पैसा अभी नहीं लौटा सकते . इंतजार करना होगा, लेकिन कितना, यह नहीं बताया गया है . सहारा इंडिया ने ऐसा कर बिहार के उप मुख्य मंत्री सुशील कुमार मोदी के प्रयासों को चुनौती भी दे दी है . मोदी पिछले एक माह से सहारा मामले में कड़ा स्टैंड लिए हुए हैं . निवेशकों का पैसा न लौटाने की शिकायतों पर बिहार भर में सहारा इंडिया के खिलाफ कार्रवाई की बात कह रहे थे .
सहारा इंडिया ने अभी पैसा न लौटाने की बात आज 25 अगस्त को पटना से प्रकाशित ‘हिन्दुस्तान’ में विज्ञापन प्रकाशित कराकर कही है . सहारा का कहना है कि निवेशकों का पैसा लौटाने को पैसे नहीं हैं . सुप्रीम कोर्ट और सेबी का झमेला है . 20 हजार करोड़ की परिसंपत्ति होने का दावा जरुर किया गया है . लेकिन इसके साथ यह भी कह दिया गया है कि अभी बेचकर अथवा गिरवी रखकर निवेशकों का भुगतान संभव नहीं हो पाएगा .
निवेशकों को डरा भी रहा है सहारा इंडिया
सहारा इंडिया ने विज्ञापन के माध्यम से बिहार के निवेशकों को डरा भी दिया है . प्रकाशित विज्ञापन का टोन ऐसा है, जो यह कहता है कि जिनका पैसा जमा है, वे चुपचाप बैठे रहें . कोई हल्ला-गुदाल नहीं करें . शांति से बैठे रहेंगे, तो भविष्य में जमा पैसे का भुगतान संभव है . देरी का ब्याज भी दे देंगे .
लेकिन भय पैदा करने को सहारा इंडिया कह रहा है कि भुगतान प्राप्त करने को अशांति पैदा करने की कोशिश की गई तो भविष्य में क्षति भी हो सकती है . दरअसल, मामला यह है कि सहारा इंडिया में बिहार के निवेशक, जिनके पैसे का भुगतान नहीं हो रहा है, वे परेशान हैं . और इस कारण वे यहां-वहां दौड़ लगा रहे हैं .
सुशील मोदी ने ली है निवेशकों की सुध
सहारा इंडिया के भुगतान से इंकार का आज प्रकाशित विज्ञापन असल में बिहार के डिप्टी चीफ मिनिस्टर सुशील कुमार मोदी के गंभीर होने का नतीजा है . मोदी के पास जब पैसा वापस न लौटने की शिकायत बड़ी संख्या में पहुंची, तो वे सीरियस हो गए . बैठक की . सहारा इंडिया को भुगतान करने को चेताया . न भुगतान करने पर कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी दी . प्रशासन ने एक्शन भी स्टार्ट कर दिया . इस एक्शन से निवेशकों में पैसा वापस लौटने की आस जगी थी .
लेकिन अब सुशील कुमार मोदी के प्रयासों को धत्ता बताने को सहारा इंडिया ने बाजाप्ता विज्ञापन ही प्रकाशित करा दिया है . निश्चित तौर पर इससे बिहार के निवेशक और भी परेशान होंगे . बिहार के निवेशकों की कई सौ करोड़ राशि सहारा इंडिया में फंसी है . इसमें 90 फीसदी से अधिक राशि कामगार तबके के लोगों की है, जो डेली सेविंग्स से कुछ न कुछ बचाकर सहारा इंडिया के एजेंट के पास जमा करा देते थे . अब ऐसे लोगों को अपनी जमा राशि साफ तौर पर डूबती हुई दिखाई पड़ रही है .