विचार करे संसार से मिलने वाली खुशी ज्यादा देर टिकने वाली नही है क्योकि संसार ही टिकने वाला नही है क्योकि संसार हर पल बदल रहा है तो उस संसार से मिली हुई खुशी कैसे स्थिर रह सकती है।
याद रखे संसार से मिलने वाली खुशी जितनी ज्यादा होगी उस खुशी मे दुख की सम्भावना भी उतनी ही ज्यादा होगी।
जो खुशी बिना कारण अंदर से आती है आपके अस्तित्व से आपके होने से आती है वो खुशी सदा सर्वदा है और कभी जाने वाली नही है ये बिल्कुल आपके श्वांस के साथ हर पल रहेगी और इस खुशी की अनुभूति तब होगी जब आपके विचार आपका ध्यान बाहरी वस्तुओ से ,विचारो से हटेगा, जब आप स्वस्थ होंगे स्वयम में स्थित होंगें, जब आपके हृदय रूपी सरोवर में विचारो की तरंगे शांत होंगी ।