*जीभ*
*ये जो "जीभ" है... इसे चिरकाल जवानी प्राप्त हुई है*
*"इन्सान"*
*जितना भी चाहे बूढा हो जाये... उसका आँखों से दिखना भी बंद हो जाये... लेकिन जीभ कभी भी बूढी नही होती*
*जीभ का आवेश जीवन के आखरी क्षण तक रहता है.. और जीभ को काबू में रखने के लिये भगवान ने बत्तीस दाँत चौकीदार के रुप मे बिठाये है...!!*
*कुछ समय के बाद ये जीभ दाँत को भी उखाड देती है..!!*
*ll दास कबीर ने कहा है ll*
*"दंत" कहे जीभ को.. हम बत्तीस तु अकेली माय.. करकरा चबा जाँऊ तो.. फिरयादी मत कहलाय..!!*
*"जीभ" कहे दंत को, तुम बत्तीस मै अकेली माय*
*लेकिन एक बार टेढी चलूँ तो, बत्तीसी गिर जाय*
*इसलिये कभी भी बोलते समय,* *"पहले तोलो फिर बोलो"*
*◆●स्वयं विचार करें●◆*