*ll पहले तोलो, फिर बोलो, ll*
*जीवन में जो "शब्द" आते हैं, और जो "शब्द" बोले जाते हैं, उनका उपयोग बहुत सावधानी से करने की आवश्यकता होती है, ऐसा कहते है. तीर "कमान" से, और बात "जुबान" से... क्योंकि ये दोनों कभी भी वापस नहीं आते, और फिर कभी मौका भी नहीं देते, ये वो जख्म हैं, जो जिंदगी भर याद से कभी नहीं भरेंगे,*
*इसलिए समय से पहले क्या प्राप्त होता है,? और समय के बाद क्या प्राप्त होता है,? इसकी कीमत मायने नहीं रखती,*
*शब्द सुख लाते हैं, और शब्द दुख भी लाते हैं, शब्द "समस्याएं" पैदा करते हैं, शब्द "उत्तर" भी ढूंढते हैं,*
*शब्द "शाप" भी दे सकते हैं, शब्द "आशीर्वाद" और "शुभकामनाएं" भी दे सकते हैं,*
*शब्द शत्रुतापूर्ण हो सकते हैं, और शब्द मित्र भी जोड़ सकते हैं, शब्द रोगों का भी इलाज हैं,*
*शब्दों से ज्यादा महत्वपूर्ण है, शांत रहना, और बताने से भी ज्यादा है, सुन लेना.....*
*दिल से बोलना और दिमाग को दुरुस्त रखने के लिए बोलना, अगर हम इन के बीच की दूरी को समझ लें तो, ? हम कई आपदाओं से बच सकते हैं.....*