*इंसान के परिचय की शुरुआत*
*भले ही उसके चेहरे से होती होगी*
*लेकिन उसकी सम्पूर्ण पहचान तो*
*उसकी वाणी, विचार एवं कार्यों से होती है*
*मित्र, किताब, रास्ता, और सोच*
*ये चारों जो जीवन में सही मिलें तो*
*जिंदगी निखर जाती है*
*कहते हैं-शब्द मुफ्त में मिलते हैं*
*किन्तु उनके चयन पर निर्भर करता है*
*कि उनकी कीमत मिलेगी या चुकानी पड़ेगी*
*क्योंकि कमाई की कोई*
*निश्चित परिभाषा नहीं होती*
*अनुभव, रिश्ते, मान-सम्मान और सबक*
*सब कमाई के रूप है*
*सब-कुछ हासिल नहीं होता जिंदगी में*
*यहां किसी का काश तो*
*किसी का अगर..रह ही जाता है*