*ख़्वाईशो के बोझ में,...*
*क्या क्या हम कर रहें हैं....,*
*इतना तो जीया भी नहीं*.......
*जितना हम मर रहें हैं |......*
*"शुभचिंतक" वो नही होते जो
आपसे रोज़ मिलें और बातें करें*
*"शुभचिंतक" वो है जो आपसे
रोज़ ना भी मिल सकें फिर
भी आपकी ख़ुशी के लिए प्रार्थना करें
*अच्छे लोगों की इज्जत*
*कभी कम नहीं होती*
*सोने के सौ टुकड़े करो,*
*फिर भी कीमत*
*कम नहीं होती*।
*भूल होना "प्रकृत्ति" है,*
*मान लेना "संस्कृति" है,*
*और उसे सुधार लेना "प्रगति" है.*