*जिन्दगी वही है जो हम आज जी लेते है*
*कल हम जो जीयेंगे वो उम्मीद होगी*
*अपनी सुन्दरता का आंकलन दर्पण में नहीं*
*लोगों के हदय में ढूंढ़े*
*कहते हैं मकड़ी भी नहीं उलझती*
*अपने बनाये जालों में*
*जितना हम उलझते हैं अपने बनाये ख्यालों में*
*मित्र वो जिसके साथ बात करने से ही*
*खुशी दोगुनी और दुःख आधा हो जाए*
*तारीफ चरित्र कि हो तो*
*ज्यादा बेहतर है चित्रों की नहीं*
*कारण चित्र बनाने में कुछ दिन*
*कुछ समय लगता हैं*
*चरित्र बनाने में पूरा जीवन*