*जब समुद्र की लहर आती है, उसके साथ बहुत से मोती किनारे आकर बिखर जाते हैं। लेकिन बगुला केवल मछलियों को खाता रहता है क्योंकि वो मोतियों की क़ीमत नहीं जानता। इसके इतर हंस मोतियों को चुनता है।*
*अब आपको बगुले के समान बनना है या हंस के समान, यह आप ही चुन लीजिए क्योंकि यह विश्व भी उसी समुद्र के समान है। जहाँ हर प्रकार की बातें, लोग, रास्ते और कार्य हैं।*
*बुद्धिमान लोग सही निर्णय लेकर शांति, पवित्रता व आत्मिता को उद्देश्य बनाकर चलते हैं, वहीं मूर्ख लोग सांसारिक मोह में बिना दूर की सोचे अव्यावहारिक निर्णय लेते जाते हैं। अतः जितनी बुद्धि की लाइन क्लीयर और क्लीन होगी उतना निर्णय शक्ति सही होगा।*
*!!!..."जीवन में ज्यादा रिस्ते होना जरूरी नहीं है,*
*बल्कि जो रिस्ते हैं उनमें जीवन होना जरूरी है...!!!"*