रिद्धिमा अपने ऑफिस के लोंगो के साथ होटल चली जाती है
!!अरे यार अपने बॉस यंहाँ होटल में आने की क्या जरूरत थी!!
रीमा अरे क्यों गुस्से में हो चल जल्दी से अपना काम निबटा लेते हैं फिर आयें हैं तो कहीं घूम भी लेंगे।
रिद्धिमा जा तुझे तो बस घुमना ही है।
अच्छा और तुझे क्या हो गया जो तू आज चिढ़ी सी है।
अरे नही कुछ बस ऐसे ही।
!!वेदांत हॉस्पिटल में सोच रहा है अच्छा आज तो तीखी मिर्ची से मिलूंगा ही न!!
फिर वो मुस्कुरा कर कहता है अरे उसकी तीखी बातें सुनने के लिए तू इतना खुश हो रहा है।
तभी कुछ लोग आते हैं और कहते हैं अरे कोई है एक लड़की का एक्सीडेंट हो गया है पता नही बेचेगी भी या नही।
तभी सिस्टर आती है और वेदांत को कहती है अरे सर एक केस आ गया आप जल्दी चलो।
वेदांत का दिल धड़क जाता है,सोचता है क्या हुआ उसे।
वो चला जाता है देखता खून से लिपटा चेहरा जाना पहचाना सा वो डर जाता है।
कहीं ये रिद्धिमा तो नही है।
तभी प्रिया और रवि भी आते हैं प्रिया उससे लिपट कर रोने लगती है।
अरे वेदु मेरी रिद्धिमा को बचा लो।
अरे कुछ नही होगा आप चुप हो जाओ दिदु हम हैं न आपकी रिद्धिमा को कुछ नही होगा।
फिर वो जीजू से कहता है आप दिदु को सम्भालो हम आते हैं।
वेदांत रिद्धिमा की हालत देखकर वो भी डर जाता है।
वो भगवान से कहता है प्लीज भगवान जी आप मेरी आज मदद कर दो।
बड़ा ही वो डर रहा था कुछ हो न जाय रिद्धिमा को।
वेदांत कभी सोचा ही नही था की आज कुछ ऐसा भी हो जाएगा।
वो हिम्मत जुटा कर ऑपरेशन करने चला जाता है।
इधर प्रिया की हालत भी देखी नही जा रही है रवि उसे समझा रहा है अरे कुछ नही होगा।
अरे वेदांत तो है न
वो अपनी रिद्धिमा को कुछ नही होने देगा तुम खुद को सम्भलो तो सही अपनी हालत तो देखो।
रवि आज पता नही मुझे लग रहा था कुछ अनहोनी तो नही होगा।
मेरा डर सही ही निकला बेचारी कितनी तकलीफ से गुजर रही है क्या करूँ।
तभी वेदांत आता है।प्रिया उससे लिपट जाती है, और कहती है कैसी है वो?
अभी कुछ नही कह सकती हूँ दिदु जब तक वो होश में नही आ जाती है।
वेदांत खुद बहुत परेशान था वो सोचा भी नही था की रिद्धिमा के साथ कुछ ऐसा होगा बेचारी कितनी तकलीफ में है क्या करूँ?
बस वो ठीक तो हो जाएगी न यही वो सोच रहा है।
तभी सिस्टर आती है और कहती है सर उस लड़की की हालत बहुत नाजुक है।
वेदांत बोलता गुस्से से तुम चुप रहो उसे कुछ नही होगा।
वेदांत दौड़ कर जाता है तो देखता है सच में वो भी डर जाता है।
वेदांत की आँखों में आँसू आ जाता है।
!!तभी डॉक्टर नाथ कहते अरे सर आप ऐसे कैसे कर सकते हैं आप हिम्मत मत हारो आपके मरीज को कुछ नही होगा।
वेदांत हारा हुआ चला आता है, तभी रवि कहता है।
क्या? हुआ वेदांत तुम परेशान हो मेरी रिद्धिमा ठीक तो है न।
वेदांत हिम्मत जुटा कर कहता है हाँ जीजू वो ठीक है, लेकिन अभी कुछ कहा नही जा सकता है।
रवि भी फुटफुट कर रोने लगता है तो वेदांत कहता है नही जीजू आप ऐसे मत करो फिर दिदु का क्या होगा।
वेदांत सबको तो समझा देता है की कुछ नही होगा लेकिन खुद क्या करे अपने दिल को कैसे समझाये।
क्या करे वो कुछ समझ नही आता है।
तभी प्रिया आती है और उसे झकझोर कर पूछती है तू बता ने तू क्यों उदास है।
रिद्धिमा ठीक तो हो जाएगी न।
पता नही कहाँ से इतनी हिम्मत ला कर कहता है। हाँ दिदु तेरी तीखी मिर्ची को कुछ नही होगा तू डरना छोड़ दे,
वरना तेरे घर में हमसे कौन झगड़ा करेगा।
हाँ वेदांत आज मुझे पता नही था,की मेरी रिद्धिमा के साथ इतना बड़ा हादसा हो जाएगा।अगर पता होता तो आज उसे जाने नही देता।
पर दिदु वो हमारी हॉस्पिटल के पास क्या करने आई थी।
अरे वेदु उसका ऑफिस का कुछ काम था इधर इसी लिए इधर आई थी वो अपने ऑफिस के लोंगो के साथ।
अब किसे पता था की आज कुछ ऐसा होगा।वो तो साथ में रीमा भी थी नही तो हमें क्या पता आज क्या हो जाता।
अरे कुछ नही होगा वो खूंखार शेरनी है।
दिदु एक बात बोलूं वो जब होश में आएगी तो मेरे बारे में कुछ भी नही बताना वरना वो हॉस्पिटल से कूद कर भाग जाएगी।
अरे चुप तू पागल है कैसे नही बताऊंगी ।
जो अपनी जान की परवाह छोड़ कर उसके लिए परेशान है उसके बारे में नही बता कर कैसे झूठ बोल दूँगी।
वेदांत उसे कसम दे देता है और कहता है अच्छा दिदु आप जा कर वंहाँ रहो हम आते हैं।
वेदांत बहाना बनाकर चला जाता है वो सोचता है अगर इस हालत में मुझे देख कर उसकी तबियत और बिगड़ न जाय तो वो अपने आप को माफ नही कर पाएगा।
तभी सन्नी का फोन आता है अरे यार कहाँ है तू।
वेदांत बोलता है अरे यार आज हॉस्पिटल से आने में काम बहुत है आज नही आ पाऊँगा।
अरे क्या हुआ अरे कुछ नही एक एक्सीडेंट का केस आ गया है, बस उसी वजह से अरे पुलिस केस तो नही है अरे नही मेरे यार।
अच्छा ठीक है मिलने पर तुझे बताऊंगा सारी बात अच्छा चल अभी बाद में बात करता हूँ ।
सन्नी हम अभी आते हैं तेरे हॉस्पिटल रुक तू
अरे नही अभी हम व्यस्त हैं तू मत आ
नही हम आ रहे हैं।
वेदांत सन्नी को मना कर रहा है पर वो नही सुनता है वेदांत की बात और वो सोचने लगता है।
अब उसे क्या बोलूं वो कुछ समझेगा ही नही है।
क्रमशः......