!!रिद्धिमा गुस्से में कहती है !!
"इस उल्लू को नींद भी नही आता है जो रात में भी इसे चैन नही है अब न ये मेरा जीना लगता है मुश्किल कर देगा।"
जब तक यहाँ रहेगा।
रिद्धिमा धीरे से....
!!हेलो... कहाँ छुप गए उल्लू आप अंधरें में भी दौड़ लगा रहे थे ये आपका विदेश नहीं है ये मेरा घर है!!
हेलो... वेदांत आप उल्लू हो न आपको लाइट जला कर खाना चाहिए न की अंधरे में।
किसी को खाते देखा है अँधेरे में....
हेलो.... आप चुपचाप जाओ यहाँ से ये मेरा घर है जो मर्जी वो करूँगा आपको क्या करना।
आप मेहमान हो मेहमान बन कर रहो वरना जँहा से आये हो वंहाँ चले जाओ।
सब को शांति मिलेगी।
वेदांत अकेले थोड़े जाऊंगा किसी और को भी ले कर जाना।
आपने,कुछ कहा क्या ?
जी नही आप को कुछ सुनाई दिया क्या?
ये मेरी दिदु का घर है समझी आप
जब देखो खूंखार शेरनी की तरह ऑंखें दिखाती रहती हैं
कभी प्यार से भी बात कर लिया करो।
सुरत तो इतनी प्यारी है बातें एकदम तीखी मिर्ची की तरह करती हैं।
आपने कुछ बोला....
जी कुछ नही आपको बिना देखे और बिना बोले सुनने की
बीमारी लग गई है।
किसी डॉक्टर से दिखा लीजिए।
क्यों आप डॉक्टर हो क्या जो डॉक्टर से मिलने,
की सलाह दे रहे हो।
क्यों आपको बताना जरुरी है जो बताऊँ?
हम क्या हैं या नही है।
जरा प्यार से पूछा होता तो जरूर बता भी देता।
पर क्यों बताऊँ बोलो?
हेलो आप न अपनी बहन के पास अपनी शरीफी दिखाना समझे हम आपको अच्छी तरह से समझते हैं।
वेदांत मुस्कुराते हुए सच्ची में......
जी हाँ सच्ची में तो
हम आपकी हाँ समझ जाएँ।
आपकी हाँ हो तो दिदु से बात कर लूँ 😄😄
रिद्धिमा गुस्से में
आप जा रहे हो या बुला दूँ सबको....
वेदांत उसके मुँह को दबाते हुए उसे कमरे में छोड़ देता है।
और कहता है एक दम चुपचाप रहो यहाँ ऋषिकेश नही है समझी आप.....
एक और आवाज मत करना वरना सब जग जायँगे।
जब देखो तब अपनी मर्जी दिखाते रहती है।
रिद्धिमा छोडो मुझे आपकी इतनी हिम्मत
कैसे हुई मुझे छूने की
हेलो.....
मुझे कोई शौक नही है आप से बात करने का और, आपको अपने बांहों में लेने का।
पर आप अगर चिल्ला देंगी तो मेरे जीजू मुझे गलत न समझ लें।
और मेरा कचुमर ना निकल दें मेरी दिदु भी आपके तरफ हो जाएगी समझ गई आप न.....
हाहाहाहा सही होगा हमें बहुत ख़ुशी होगा।
समझे आप....
हेलो..।.
मेरी ख़ामोशी को मेरी कमजोरी मत समझना समझे
हूँ....
मुझे कोई शौक नही है आपको समझने के लिए रिद्धिमा गुस्से में कहती है।
अच्छा जा रहा हूँ वैसे मुझे रात में चलने की बीमारी नही है
वो रात में नींद नही आ रही थी इस लिए सोचा थोड़ा टहल लूँ छत पर
लेकिन हमें क्या पता?
कोई अपने घर में चोरी भी करता है।
हेलो में चोरी नही कर रही थी समझे आप
मेरा घर मेरी मर्जी
अच्छा बाबा....
हम चले सोने अब तो बिना नींद के भी नींद आ जायगी
आप के डर से।
आप जाओ न....
आपकी वजह से मुझे भूखे रहना पड़ा।
हमने क्या किया।
आपको भूख नही था तो हमारे खाने से पेट भर जाता।
आप कहो तो कल से खा लूँगा आपके लिए भी।
वैसे मेरी दिदु बहुत अच्छा खाना बनाती है
खा लो पेटू लगता है कभी खाना नही खाये हो....
खाया है न लेकिन आप के जैसे तीखी मिर्ची नही खाया है 😄😄
अच्छा हम चले
!!अच्छे से सो जाना वरना रात भर हम से लड़ने के बारे में मत सोचते रहना!!
आपके बारे हम क्यों सोचे।
!!वेदांत चला जाता है धीरे से रिद्धिमा के कानों में कह कर
सो जाना और सोने देना मेरे बारे में मत सोचना।
रिद्धिमा ये उल्लू क्यों हम से टकरा गया है।
क्यों इसके ही ख्याल आ रहे हैं मुझे।
वो अपने आप से कहती रिद्धिमा.....
अपने आप को रोक लो वो तुम्हारे सच जान कर अगर तुझे से दोस्ती और प्यार न करेगा तो।
वो अपने आँसू को रोक नही पाती है अकेले में।
हे भगवान क्यों इसे मेरी जिंदगी में ले कर आये हो।
मुझे लड़के से नफरत सी हो गई है।
उसका दिल कहता है नही सभी एक जैसे नही होते हैं।
क्या पता वो खुद से भी ज्यादा तुम्हें चाहे तो
नही ऐसा कभी नही होगा।
अब जैसे हूँ वैसे ही ठीक हूँ।
वेदांत सोच रहा है ये जितनी खूंखार शेरनी दिखती है उतनी है नही।
पर मुझसे क्यों ऐसे करती है
आखिर हमने ऐसा क्या कर दिया?
वेदांत हूँ....
क्यों जब से मिली है तब से इसके ख्याल आते हैं
दोनों एक दूसरे के ही ख्यालों में उलझे हुए हैं।
सुबह रिद्धिमा इस अड़ियल की वजह से मुझे लेट जागना पड़ा।
अरे बाप रे....
वो जगती है तो प्रिया उसके लिए चाय लेकर आती है उसके कमरे
आज मेरी चाय तुझे ढूढ़ रही थी।
सॉरी भाभी वो लेट तक सोये रह गए।
अरे कोई बात नही
अच्छा भाभी मुझे ऑफिस जाना है आज जल्दी....
अरे तुम जब से ट्रिप से आयी हो कुछ बदली बदली सी लग रही हो
किसी से प्यार तो नही हो गया।
नही भाभी आप भी न...
किसी को प्यार तो मुझसे होगा न हमारे सच से नही न
इस लिए जैसे हूँ अच्छी हूँ
फिर से उस तरफ नही जाना है।
चल बड़ी आयी है....
यही सच है भाभी....
अच्छा चलती हूँ......
प्रिया समझ जाती है रिद्धिमा को लेकिन कुछ नही बोल पाती है।
सही तो कह रही है उसकी खूबसूरती और उसके सच में बहुत फर्क है।
रिद्धिमा सोचती है हे भगवान प्लीज प्लीज उससे सामना न हो तो अच्छा
आखिर वो क्यों आ रहा है मुझे याद....
हूँ... उस अड़ियल को क्यों याद करुँ......
रिद्धिमा वेदांत के ख्यालों को वहीं छोड़ कर चली जाती है।
रिद्धिमा ऑफिस जाते हुए।
बाय बाय भाभी......
प्रिया रिद्धिमा और वेदांत के बीच उलझ जाती है
दोनों झगड़ते हुए बड़े प्यारे लगते हैं और साथ में कितने अच्छे लगेंगे।
आज कुछ आईडिया लगती हूँ दोनों को प्यार है की नही
ये जानना जरुरी है.
सोचती है आखिर क्या होगा, अगर वेदांत रिद्धिमा के सच को जानकर इंकार कर दे तो।
नही ऐसा नही होगा।
रवि जगते हुए अरे मेरी गोलगप्पा कहाँ है
आजकल किन ख्यालों में उलझी हुई है
अरे कुछ नही अभी आई।
प्रिया आती है और कहती वो आज रिद्धिमा ऑफिस जल्दी जाना था इस लिए.....
आ जाओ चाय पीने।
रवि उसे अपने पास खींचते हुए अरे आ ना
हटो छोडो न कोई देख लेगा।
अरे क्या देख लेगा अपनी गोलगप्पा को ही बुला रहा हूँ
हट चुप.....
अरे वेदांत यहीं है वो जग जायेगा।
अरे यार तुम भी न कभी रिद्धिमा कभी वेदांत.....
अरे हम कहाँ है।
प्रिया हाहाहाहा हँसते हुए आप अपनी नींद के पास।
रवि अच्छा मेरी नींद और तुझमें दोस्ती करानी पड़ेगी समझी।
प्रिया वो कैसे
रवि नींद के साथ दोस्ती करा दूंगी तो फिर हमसे ज्यादा मेरी नींद तुझे प्यारी लगने लगेगी।
अच्छा चलो अब चलता हूँ, साले साहब अभी सो रहे हैं
हाँ अभी तक सो रहा है।
अच्छा अब भाई बहन खूब बातें करना
हम चले अब ऑफिस थोड़ी देर में।
अच्छा रवि एक बात पूछूँ
हूँ... क्या बोलो न
आप गुस्सा नही होगे न
नही बाबा बोलो तो सही....
अगर रिद्धिमा और वेदांत दोनों में दोस्ती और प्यार हो जाय तो
अरे वेदांत रिद्धिमा से शादी करेगा वो इतना बड़ा सर्जन है
उसके पास एक से एक रिश्ते आएंगे।
वो रिद्धिमा से क्यों करेगा शादी
वो भी इतना बड़ा सर्जन।
अरे देखती हूँ न....
मुझे तो लगता है वो रिद्धिमा को पसंद करने लगा है और रिद्धिमा भी।
ठीक है देखो अगर वेदांत सच जानने के बाद इंकार कर दे तो।
प्रिया अरे नही कुछ नही होगा।
आप न डरो और न हमें डराओ बस....
बस रिद्धिमा को पता नही चलना चाहिए अगर कुछ भी गड़बड़ हुई तो वो बिखर जायगी।
अच्छा मेरे दिमाग में एक आईडिया है रिद्धिमा के लिए
अगर कहो तो हम कुछ करें।
ठीक है मेरी गोलगप्पा...
बस कुछ गड़बड़ न हो......
अरे कुछ नही होगा आज लग जाती हूँ अपने मिशन पर।
क्रमशः......