!!अहा यार सच में कहा है किसी ने बिना गलती के भी कभी कभी किसी को सजा मिल जाता है !!
आज तूने कर दिखाया।
बेचारा क्या सोच रहा होगा.....
"कैसी आफत से टकरया जो उसे थैंक्स तो कहा नही और बेचारे को आज पिटवा भी देती"
पता है रिद्धिमा वो तो तुझे सपने में भी नही भूल पायेगा।
अरे रिद्धिमा अगर उसे तुझसे प्यार हो गया तो.....
क्या करेगी ?
रिद्धिमा हूं....
बड़ा ने लड़की देखा नही बांहों में भर लिया।
अरे यार तुम खूबसूरत हो ही इतना तो बांहों भर कर बेचारा तुझे बचा लिया गिरने से।
😄😄
बेचारा अपनी शराफत दिखाया।तुम ने उसे जली कटी सुना दिया.
पता नही वो भी सोच रहा होगा की, आज कैसी लड़की से मुझे ये झटके लगे।
बिजली से भी तेज झटके तूने उसे दिया।
हाहाहाहा वो था ही ऐसा.....
अरे यार चलो न क्या फालतू की बातें कर रही हो।
वो यहाँ ऋषिकेश में हम कहाँ पुणे में एक दूसरे से सात जन्मों तक नही मिल सकते हैं.....
अगर मिल गया तो क्या हाल करुँगी न वो तो कभी भूल ही नही पाएगा।
अच्छा चलो न तू क्यों याद कर रही है।
अगर पसंद था तो उससे दोस्ती कर लेती रिद्धिमा ने रीमा से कहा।
अच्छा रास्ते चलते प्यार हो जाय न तो बहुत बड़ी बात होती है जिंदगी में।
रीमा ने हँसते हुए रिद्धिमा को चिढ़ाती है।
अरे आप सब कहाँ चले गए थे।
हमें लगा अकेले चली गई कहीं गुम हो गई तो....
नही वो हम दोनों बस ऐसे ही घूमने चले गए।
अच्छा चलो फिर हम सब समझे तुम दोनों खो गई
हाहाहा ऐसा कैसे होगा फिर सब घूमने निकल जाते हैं।आज रिद्धिमा को भी अच्छा लग रहा था।
सब घूमते हैं खूब मस्ती करते हैं।
रात में रिद्धिमा अकेले ठंडी ठंडी हवा का झोंका उसे बहुत अच्छा लग रहा था , उसे भी उस लड़के की याद आ रही थी उसका बांहों में भरना गुदगुदा रहा था।
फिर वो उन यादों से बाहर आती......
सुबह जाना भी था क्योंकि? उन लोगों को रास्ते में घूमते हुए फिर फ्लाइट से वापस जाना था।
सुबह जल्दी से सब तैयार हो कर निकल जाते हैं......
सब कहते अरे सच में बहुत खूबसूरत जगह थी न,
रिद्धिमा कहती है सच्ची में खूबसूरती नजर से जाने का नाम ही नही ले रही है।
सब फ्लाइट से पहुँच जाते हैं।अपने सामान लेने के लिए रुके हैं।
रिद्धिमा सोच रही है जल्दी घर पहुंच कर आराम करूंगी।
वो अपना बैग लेने लगती है तभी एक आवाज आती है ये मेरे बैग है....
रिद्धिमा गुस्से में.... जी नही मेरा है।
पीछे मुड़ कर देखती और गुस्से तुम.....
वो बेचारा जी ये मेरा बैग है नहीये मेरा है दोनों उलझ पड़ते है
हद हो गई है आप मेरा पीछा करते हुए यहाँ तक आ गए
हद बदतमीज हो ....
कल से मेरा आप पीछा कर रहे हो.....
आप भी हद हैं मैंने कहा ये मेरा बैग है.....
एक तो चोरी ऊपर से सीना जोड़ी मुझे किसी और का सामान लेने का कोई शौक नही है समझी....
दीजिए मेरा बैग.....
नही ये मेरा है ठीक है देख लीजिये.....
सच में वो बैग उसी का था....
रिद्धिमा गुस्से में आप का अक्ल ठिकाने लगाना पड़ेगा।
पहले मेरा बैग दीजिये।
मुझे जाना है आप से उलझने का कोई शौक नही है समझी......
वो सोच रहा है एक ही लड़की से दुबारा टकरा जाना
बाप रे कैसे उसके घर वाले झेलते होंगे....
इतनी तीखी मिर्ची को.....
रिद्धिमा गुस्से में सोचा नही था इससे दोबारा मुलाकत होगी...
हे भगवान अब आगे न तिबारा मुलाकत हो जाय।
रिद्धिमा गुस्से में घर पहुँचती टेक्सी लेकर....
डोरबेल बजाती है।प्रिया सोची लगता है रिद्धिमा आ गयी
वो दौर कर दरवाजा खोलती है और उसे बांहों में भर लेती है और कहती है आ गई।
हाँ भाभी....
क्या हुआ गुस्से में है कुछ हुआ क्या?
रिद्धिमा कहती है नही बस थकी हूँ....
झूठी तुझे खुद से ज्यादा जान गई हूँ.....
कुछ हुआ तो नही मुझे डर लग रहा है।
नही भाभी कुछ नही हुआ है बस ऐसे ही एक लड़के से थोड़ी सी नोकझोंक हो गई थी।बड़ा बदतमीज था।
प्रिया डर जाती है, अरे कुछ नही हुआ बस ही.....
रिद्धिमा कहती है।
अच्छा आती हूँ, फ्रेश होकर फिर बताती हूँ सारी राम कहानी समझी आप जल्दी से चाय और कुछ खाने दे दो।
इतना बोल कर,
वो अपने कमरे में चली जाती है।
तभी डोरबेल बजता है।प्रिया सोचती है अब कौन आया?
जैसे वो खोलती है तो खुशी और आश्चर्य से ऑंखें फार फार के देखते रह जाती है, अपने भाई को....
अरे क्या हुआ दीदी भूल गई दोनों एक दूसरे को गले लगाते हुए।
अरे नही भाई को कोई भूलता है बिना बताये कैसे आया
क्यों बहन से मिलने के लिए बताना जरुरी था क्या?
अरे नही.....
तो तेरे चेहरे की खुशी कैसे मैं देखता।
अरे दीदी रुको न बहुत थक गया हूँ, पता है दीदी यहाँ की लड़की बहुत ही तीखी मिर्ची होती है।
क्या हुआ भाई.....
कुछ नही दीदी दो बार तो मिल गई है अब न मिले तो ज्यादा अच्छा है।
क्यों वो इतनी डरावनी थी....
मत पूछ दीदी....
वाह भाई तू आते के साथ ही लड़की से टकरा गया कहीं दिल तो नही दे दिया।
अरे बाप रे पता नही उसके घरवाले कैसे झेलते होंगे।
अच्छा तो ये बात है....
प्रिया हँसते हुए...
अरे तेरी बातों में मैं खो गई चल आराम कर अभी आयी
नही तो तू कहेगा अरे दीदी तुम कंजूस हो गई हो
कुछ खिलाया भी नही अपने भुखर भाई को....
हाहाहाहा वो तो कहूंगा न....
रिद्धिमा सोच रही है लगता है भाई आ गए हैं आती हूँ मिल कर।
वो नहा कर पिंक कलर के नाईट सूट पहन कर बाल गिले लपेटे हाल में आती है तभी प्रिया आ गई तू आ देखो कौन आया है तुझे मिलवाती हूँ.....
अरे आज भैया आ गए.....
नही तो आओ तो सही.....
रिद्धिमा जैसे ही हाल में आती है और देखते ही चीखती है
तुम वो भी तुम यहाँ ....
हेलो तुम्हारी इतनी हिम्मत मेरा पीछा करते करते यहाँ तक आ गए हो. .
अरे रिद्धिमा ये मेरा भाई है....
अरे ये झूठ बोल रहा है भाभी ये मुझे ऋषिकेश में भी मिला था, फिर अयेरपोट पर भी मिला था
अरे ये मेरी मौसी का बेटा है.....
झूठ है...
प्रिया हँसते हुए कहती है सच्ची में...
वेदांत नाम है. .
भाभी ये आपका भाई है वरना इसे एक मिनट नही बर्दास्त करती.....
रिद्धिमा गुस्से में चली जाती है अपने कमरे में।
क्रमशः.....