!!रिद्धिमा सो जाती है इधर वेदांत भी उसे याद कर रहा है!!
वेदांत को भी नींद नही आ रहा था।वो करवट बदल रहा है। वो बेचरा बेचैन हो कर पार्क में चला जाता है।
टहलने लगता है और खुद से कहता है अरे तीखी मिर्ची कब तुझसे दिल की बात करुँगा या दिल की बातें दिल में ही न रह जाय।
तभी उसे लगता है कोई है तो नही देखता है सन्नी है।
अरे यार तू यंहाँ क्या कर रहा है इतनी रात में कुछ नही यार बस नींद नही आ रही थी,तो सोचा थोड़ा यंहाँ घूम लूँ।
अरे पागल है जो नींद नही आ रही है क्या हुआ तुझे
अरे कुछ नही बस ऐसे ही,तू क्यों नही सोया बस ऐसे ही तुझे वहाँ नही देखा तो डर गया।
हाहाहाहा.....अरे मच्छर तू अभी तक डरता ही रहता है।
अरे यार तू ऐसा तो नही कुछ तो छिपा रहा है।
अरे नही यार कुछ भी नही है अगर होता तो तुझे बता देता।
सन्नी अरे किसी को दिल बिल तो नही दे दिया है उसकी याद में तो नींद तुझे से रूठ तो नही गई है।
😄😄
अरे नही चल तू सोने वरना मेरा सर खा जायेगा।
अच्छा नही जाऊँगा अब तो तू अपने दिल की बात बता दे।
अरे चल मेरे दिल में कोई हलचल नही है चल मुझे नींद आ रही है।
वेदांत सोचता क्या तुझे बताऊँ वो तो कुछ बताएगी तभी न अपने दिल की बात बताऊंगा।
वेदांत और सन्नी अपने कमरे में चले आते हैं।
वेदांत अपनी तीखी मिर्ची को याद करते हुए सो जाता है।
और सपने में देखता है की तीखी मिर्ची कहती है तुझे रात में नींद नही आती है जो आत्मा बन कर घूमते रहते हो।
वेदांत हैल्लो हम कोई आत्मा नही है जो भटकते रहते हैं। आप को नींद नही आती है तो मैं क्या करूँ।
अच्छा ये बताओ आत्मा बनकर कौन घूम रहा है हम या आप बोलो बोलो।😄😄
तभी वेदांत जग जाता है और कहता है अरे बाप रे तीखी मिर्ची तो सपने में भी आने लगी है।
खूंखार शेरनी तुम सच में बड़ी खतरनाक है।
वेदांत मुस्कुरा कर कहता अरे तीखी मिर्ची सोते जगते बस तू ही दिखती है।
वेदांत सोचता अरे मेरी प्यारी नींद तू मत गुस्सा कर प्लीज आ जाओ।
वेदांत सो जाता है सुबह लेट तक सोया रहता है। जब जागता है तो सन्नी तैयार हो रहा था।
वेदांत कहाँ चला बन संवर कर।😄😄
अच्छा तेरे तरह नही हूँ रात में जागता हूँ दिन में सपने देखता हूँ।
हाहाहाहा अरे यार जब तेरे शहर आया न तब से ऐसा हो गया हूँ ।
अच्छा मेरे शहर में ऐसी क्या बात थी जो मुझे तो नींद आ जाती है तू शायद अजनबी है न इसलिए।
अच्छा पहले बता देता तो तेरे शहर नही आता हमें वैसे भी अपनी नींद बड़ी प्यारी है।
हाहाहाहा चल मुझे भी तैयार होना है।
वेदांत हॉस्पिटल जाने के लिए तैयार होने चला जाता है।
प्रिया अरे रिद्धिमा आज ऑफिस नही जाना है। कितने देर तक सोयी है,लेकिन रिद्धिमा अपने कमरे में नही थी।
प्रिया डर जाती है अरे आज रिद्धिमा कहाँ है, तभी रिद्धिमा बाहर से आते दिखती है।
अरे क्या बात है कहाँ चली गई थी,बस ऐसे ही आज नींद हमें जल्दी छोड़ दी तो सोचा जरा सुबह की ताज़ा हवा खा कर आती हूँ।
अरे तू तो हमें डरा ही दी।
अरे क्या हुआ भाभी आप सो रही थी तो सोचा क्यों? आपकी नींद को आपसे जुदा करूँ।
एक तो मेरी नींद उस अड़ियल की वजह से दूर हो गई है.
अगर मिले तो उसका सर फोड़ दूँ।
प्रिया क्या हुआ किसका सर फोड़ देगी।
हाहाहाहा अरे नही भाभी कुछ नही।
अरे बाप रे आज बच गई भाभी की कान बड़ी तेज है।😄😄
अच्छा चलो हम चले अपने ऑफिस भी जाना है।प्रिया सोचती है रिद्धिमा ठीक तो है न आज क्या हुआ उसे जो वो सुबह सुबह घूमने चली गई।
हे भगवान सब अच्छा ही करना हमें तो डर लग रहा है।
अरे भाभी क्या सोच रही हो दाना पानी तो दे दो।
हाँ अभी आई तुम रुको तो।
रिद्धिमा का भी आज मन ऑफिस जाने का नही था। पर काम की वजह से उसे जाना ही पड़ रहा था।
तभी फोन बजता है प्रिया कहती है आज तू आएगा या नही।
हाँ आ जाऊँगा पर तेरी तीखी मिर्ची मुझे भगा दी तो अभी कितने चैन से होगी मुझे देखते ही खूंखार शेरनी बन जाती है।
अरे चुप आ तुझे बताती हूँ।
अच्छा ठीक है आता हूँ अच्छा उसे मत बताना वरना हम गए।
अच्छा ठीक है तू आ तो सही फिर बातें करुँगी।
फोन रख कर रिद्धिमा से बातें करने लगती है रिद्धिमा समझ जाती है उस अड़ियल का ही फोन होगा।
इस वक्त कौन होगा जो बात करेगा वही तो फालतू है उसी के पास फालतू समय भी रहता है कुछ काम तो है नही।
रिद्धिमा प्रिया को बाय करके अपनी स्कूटी से ऑफिस चली जाती है ।
प्रिया सोच रही है वेदांत आएगा तो कहीं सब मिलकर घूमने चलेंगे।
रवि आता है और कहता क्या सोच रही हो।
अरे कुछ नही वो वेदांत फोन किया था।
अरे उसे बुलाया नही हाँ बुलाया तो बोला आऊंगा आज।
अच्छा चलो हम भी चले।
रिद्धिमा ऑफिस पहुंच जाती है लेकिन आज उसका सर भारी भारी जैसा लग रहा।
रीमा आती तो पूछती क्या हुआ तू ठीक तो है वो कहती है
हाँ ठीक हूँ बस ऐसे ही तू बता।
अरे कुछ नही बॉस बोल रहे हैं आज मीटिंग है होटल में सबको चलना है तू भी चल रही है न।
अच्छा ठीक है चलते हैं बस रुक अभी आती हूँ।
रिद्धिमा सोचती है अब आज कहाँ कहाँ भटकना है सोची ऑफिस न जाऊं लेकिन अब ये सब चलने जाने के लिए कह रहे हैं और इससे अच्छा होता ऑफिस नही आती तो अच्छा होता।
एक तो ऐसे ही दिमाग़ खराब है।
क्रमशः....