!!आप सब ने पिछले भाग में पढ़ा रिद्धिमा और वेदांत दोनों एक दूसरे से टकराते हैं फिर दोनों की किस्मत एक ही जगह ला देती है जिसके लिए दोनों तैयार नही थे!!
!दोनों की लड़ाई बहुत ही खतरनाक है।
दोनों एक दूसरे से बस झगड़ते रहते हैं।
!! वेदांत से रिद्धिमा की दोस्ती हो जाता है लेकिन वो तो एक सपना था जो वेदांत ने देखा था!! 😄😄
!!अब आगे बढ़ते हैं अब आगे क्या होगा सच्ची में प्यार होगा या ये सपना सपना ही रह जायगा वेदांत के लिए तो पढ़ते रहें!!
!!वेदांत की नींद खुलती है प्रिया उसे जगा रही है. अरे भाई कितना सो रहे हो!!
उठो न चलो चाय पीने।
"Ohoh.... दिदु आह अभी मेरे सपने में तेरी तीखी मिर्ची आयी हुई थी एक दम बदली बदली सी."
.....
अरे दिदु हमने जो सपना देखा अगर सच हो गया तो मैं तो गया काम से।
फिर मेरा क्या होगा हे भगवान बचा लेना इस तीखी मिर्ची से ये तो बस मेरी दिदु और जीजू ही झेल सकते हैं इसके
नखरे।
अच्छा.....
हाँ दिदु..... वैसे वो भाग गई होगी न अब या अभी भी यँही है।
ऑंखें खोल कर देखने में डर लग रहा है।😄
अरे चुप बदमाश 😄
नही आज उसे ऑफिस जल्दी जाना था प्रिया हँसते हुए कहती है।
वेदांत खुशी से....
वाह आज घर खाली हो गया न अब अकेले रहना है भाई बहन को।
हाँ रवि भी चला गया।
"वैसे तेरी तीखी मिर्ची बहुत ही तीखी है दिदु"
.......
क्यों पहले कभी लड़की नही देखा है जो बेचारी के पीछे पड़ गया है।
!!अरे दिदु ऐसी तीखी मिर्ची से पहली बार टकर हुआ है। वो भी बड़ी जोरदार का हमें तो पता ही नही था की मेरी प्यारी दिदु और रसमलाई जीजू के घर में कोई तीखी मिर्ची भी रहती है, अगर पता होता तो उलटे पैर वापस चला जाता अपने पैर में खुद क्यों कुलहाड़ी मारता है!!
"हाहाहा प्रिया खूब हँसती है और कहती है अरे भाई कहीं दिल न चुरा लेना मेरी ननद का।"
अरे बाप रे......
ऐसी गलती हम नही करने वाले......
वैसे दिदु तेरी तीखी मिर्ची है बड़ी ही तीखी... 😄😄
अच्छा अब चल न वरना पानी डाल दूंगी।
मेरी प्यारी ननद के पीछे पड़ गया है तू......
वैसे तुम दोनों के झगडे देख कर डर लगता है। तुम दोनों के बीच पीस न जाऊंगा बाप रे।
हाहाहाहा ननद और भाई के लड़ाई में तुम चटनी मत बन जाना।
!!अरे दिदु तेरी तीखी मिर्ची से न हो सामना तो अच्छा....
क्यों क्या करती है मेरी रिद्धिमा तुझे!!
!!अरे दिदु तुम देखती नही हो वो मुझे देखती है ऐसे जैसे खा जायगी बाप रे बड़ी खतरनाक है!!
अरे दिदु सपने में तो बड़ी प्यारी लग रही थी अगर हकीकत में ऐसी होती तो कितना अच्छा होता सच्ची में....
हकीकत में तो मुझे देख कर एक दम से खूंखार शेरनी बन कर जैसे मुझे खा जायगी कच्चे 😄😄
हट बदमाश तू न अभी भी वही है जैसे पहले था एक दम सा प्यारा और बातों को हँसी में उड़ा देता है।
अब चल बहुत लेट हो गया है।
अरे दिदु बहुत दिनों बाद तो थोड़ी छुट्टी मिली है तो सोचा सबसे मिल लूँ और तू यंही थी तो तेरे से मिलने के लिए रोक नही पाया अब क्या करता?
पर यहाँ आ कर तू किसी खूंखार शेरनी के साथ रहती है
पता नही कैसे इसको तुम सब झेल लेती हो।
हम से तो एक पल नही होगा।
"अच्छा बच कर रहना नही तो तू जितना बोलता है न सामने में वो सच्ची में तुझे खा जाएगी और हम तुझे बचा भी नही पाऊँगी"। 😄😄
अरे दिदु तुम भी न मुझे इसके हाथों यूँ ही मरने मत देना
पाप लगेगा ऐसा भाई कहाँ मिलेगा तुझे.....
लालटेन लेकर भी नही 😄😄समझी मेरी दिदु.....
अच्छा अब चलेगा या रिद्धिमा को बुला दूँ 😄😄😄
अरे दिदु वो आने वाली नही है वैसे मुझे देखते ही वो तुम सब के सामने दुबक जायगी।
अकेले में वो जितना गुस्सा कर ले.....
मुझ पर
समझी मेरी दिदु 😄😄
नही समझा जब रिद्धिमा आएगी तब वो खुद तुमको समझा देगी आँखों से।
नही दिदु ऐसा जुलम मत करना वरना तेरी ननद सच्ची में मुझे खा जाएगी।
प्रिया हँसती हुई चली जाती है
अच्छा आता हूँ दिदु आप चलो।
हम अभी आते हैं वरना वो आ न जाय।
इधर रिद्धिमा ऑफिस में गुस्से में उस अड़ियल की वजह से मुझे ऑफिस जल्दी आना पड़ा पता नही कब तक उसे झेलना पड़ेगा समझ नही आता है.....
हे भगवान कहाँ ला कर मुझे फंसा दिए हो मुझे तो कुछ समझ नही आ रहा है।
मैं तो उसे एक पल न बर्दास्त करुँगी पर क्या करूँ भाभी की वजह से उसे झेलना पड़ेगा।
उस अड़ियल को पता नही कौन सी दुश्मनी मुझसे, निकालने मेरे घर आ गया है।
अरे लेकिन क्यों मुझे उसके ही ख्याल आ जाते हैं बार बार
हूँ.....
हम क्यों सोचें उसके बारे में।
मुझे अपना काम करना है वो जाने उसका काम मुझे क्या करना।
आज प्रिया को भी काम करने में मन नही लग रहा था वो भी सोच रही है रिद्धिमा के बारे में।
वो भगवान से कहती है कितने प्यारे लगते है दोनों झगड़ते हुए 😄😄
सच्ची में अगर वेदांत उसकी जिंदगी में आ जाय तो मुझे सबसे बड़ी खुशी मिलेगी।
रवि भी बहुत खुश हो जायेगा अपनी मोटी की खुशी की खुशी में
लेकिन ऐसा होगा या नही पता नही दिल कुछ कहता है। ऑंखें कुछ और समझती है।
क्रमशः......