!!वेदांत गुस्से में कहता है कभी तो प्यार से बात तो करलो पता नही मुझसे क्या दुश्मनी है तुम्हारी!!
अरे बाबा धीरे बोलो न.
रिद्धिमा नही बोलना है धीरे पता तो चले आपकी शरीफी सबको।
आप कैसे हो बस हमें पता है समझे।
"वेदांत यही तो अच्छी बात है आप समझ लो इससे बड़ी बात क्या हो सकती है।"😄
रिद्धिमा गुस्से में दाँत पीसते हुए एक तो जला दिया ऊपर से नींद क्यों ख़राब करने आ गए हो।
हेलो मैं ने जलाया है हद हो आप।
तब किसने जलाया है आपकी वजह से न हम जल गए अगर आप चाय नही बनाते तो।
वाह आपकी तो तारीफ करनी पड़ेगी खुद की गलती
जिम्मेदार कोई और।
अच्छा कहाँ से सीखा है जरा हमें भी बता सकते हैं।
चुपचाप जाओ अब मुझे सोने दो तुम्हारी बकबक सुनने के लिए मेरे पास वक्त नही है।
वैसे तुम सच में बहुत जिद्दी हो दिदु कह रही थी।
अभी पता भी चल गया है।
अच्छा चला जाता हूँ पर तुम गुस्सा मत करना।
अब जाओगे या बोलते ही रहोगे।
तुम्हें समझ नही आती है मेरी बातें पता नही कहाँ से चले आये हो।
अच्छा आप इतनी तीखी हमेशा से हो क्या?
वेदांत ने पूछा तो रिद्धिमा गुस्से में नही जब से आप से मिला तब से।
अच्छा ये बात है तो पहले बता दिया होता तो हम चले जाते आपकी गुस्से की वजह हम हैं।वैसे आप हो बहुत प्यारी।
चुप जब देखो अपनी नाक घुसेर देते हो।
कुछ काम तो है नही।
हेलो तीखी मिर्ची बहुत सारा काम है। अपनी कीमती नींद को भगा कर आप से मिलने आया हूँ।
अपनी नींद के साथ दूसरी की नींद की परवाह भी करते।
क्या जरुरत थी किसी की नींद ख़राब करने की।
अच्छा गलती हो गया माफ कर दो।
मैं इतना भी बेकार नही हूँ जितना आप समझती हो
जब आपको यकीन होगा न तब आपको समझ आएगा।
वैसे मैं जा रहा हूँ मुझे याद तो नही करोगी
😄😄
पक्का बताना रिद्धिमा तुम जैसे अड़ियल को क्यों याद करुँ मेरे पास फालतू काम के लिए समय नही है।
वेदांत धीरे से उसके कान के पास जा कर कहता है सो जाना रात भर मेरे ख्यालों मत खोये रहना समझी उसके होठों पर अंगुली रख कर चला जाता है।
रिद्धिमा को अजीब सी गुदगुदाहट होती है वो गुस्से में अजीब इंसान है जितना इसे डांटती हूँ उतना ही मुझसे उलझता है पता नही क्या चाहता है।
मेरी जिंदगी में आ कर ये पता नही क्या करेगा।
चाहे कुछ भी हो जाय इसे तो दूर ही रखना पड़ेगा क्यों उसे तकलीफ दूंगी।
वैसे दिल का बड़ा ही अच्छा है।
वेदांत तीखी मिर्ची तू सच में तीखी मिर्ची है लेकिन मैं भी तुम से ज्यादा जिद्दी हूँ तुझे अपना न बना लिया तो कहना।
मैं भी तुझसे बड़ा वाला जिद्दी हूँ समझी तीखी मिर्ची।
वेदांत उससे दिल की बात कैसे करेगा यही सोचते सो जाता है।
सुबह रिद्धिमा सोचती है आज ऑफिस जाऊं या नही
अगर यहाँ रही तो इसकी बकबक सुननी पड़ेगी उससे अच्छा है ऑफिस ही चली जाऊं।
प्रिया रिद्धिमा के कमरे आती है और रिद्धिमा को जगे देख कर डर जाती है अरे क्या हुआ तबियत ठीक है न।
हाँ भाभी सब ठीक है आज ऑफिस जाएगी या नही।
अरे भाभी आप भी न चलो चाय बनाती हूँ कितने दिनों से
आप और हम सुबह की चाय नही पियें हैं।
रिद्धिमा जाती है और चाय लेकर आती है तो देखती है अड़ियल भी आया हुआ है इसे नींद नही आती है या इसे नींद में भी चलने और लड़ने की बीमारी है।
अब क्या करूँ हूँ... अब खाक चाय पिऊँगी इसको सुबह सुबह देख लिया पता नही कैसा दिन गुजरेगा।
वेदांत अरे वाह आज तो टाइम पर जगा हूँ।सुबह और बिना मांगे चाय मिल जाय तो समझो जिंदगी में कुछ अच्छा होने वाला है।
प्रिया अच्छा ये बात हमें तो पता नही था लेकिन चाय दो कप है तेरे लिए नही बना है बदमाश।
अरे दिदु कैसी है तू एक दम सी बदल गई है पहले कैसे मिल कर चाय पीते थे आज भी वैसे ही देखो वो एक प्लेट में थोड़ी सी चाय लेकर सुर..... करता है तो प्रिया को जोर से हँसी आ जाती है😄😄। तू एक दम नही बदला है बदमाश कहीं के।
रिद्धिमा गुस्से में पता नही इस अड़ियल को क्या हो गया है जो सुबह सुबह मेरा सर दर्द करा रहा है।
रिद्धिमा का दिल कहता वो कुछ भी करे तुझे क्या करना है क्यों उसके बारे में इतना सोच रही है।
रिद्धिमा उसे ऑंखें दिखाती हुई चली जाती है।
वेदांत मुस्कुराते हुए खुश होता है।
अच्छा हुआ तीखी मिर्ची तू जितना गुस्सा करेगी हम तुम्हें उतना ही तंग करेंगे।
जब तक तुम अपना गुस्सा नही छोड़ोगी तब तक तुझे हम तंग करना नही छोड़ेंगे।
तभी रवि आता है और कहता है आज क्या बात है सुबह से हल्ला मचा रही है मेरी गोलगप्पा।
अरे कुछ नही बस वो वेदांत बदमाशी कर रहा था आज देखो न सुबह सुबह हँसा हँसा कर सबको परेशान कर रहा है।
अरे वाह साले साहब क्या बात है।
तभी रिद्धिमा आती है तो रवि कहता है अरे मोटी कैसी है कहाँ चल दी आज आराम कर लेती।
रिद्धिमा खाक आराम करुँगी इस अड़ियल की वजह से इससे अच्छा है ऑफिस चली जाऊं तो अच्छा है।
अरे नही भाई ठीक हूँ इतना सब होते रहता है।
अच्छा चलती हूँ देर हो जाऊंगी वरना ऑफिस तो आज गया।😄
बाय करते हुए जाने लगती है तभी उसे याद आया वो कुछ भूल गई है कमरे में जैसे ही वो मुड़ती है तो उसका पैर फिसल जाता है वो गिरते गिरते किसी की बांहों में गिर जाती है और किसी की मजबूत बाहें ने उसे थाम लिया ।
क्रमशः.....