!!अरे चुप बदमाश प्रिया डांटते हुए कहती है!!
चल अब दोनों कुछ खिला पिला तो दो।हम सब को अगर तुम दोनों की लड़ाई बंद हो गई हो तो।
रिद्धिमा गुस्से से देखते हुए चली जाती है कुछ बोल कर भी नही बहुत कुछ बोल देती है जैसे।
वेदांत उसकी बड़ी बड़ी आँखों से डरता कम है खो जाता है उसमें ज्यादा।
😄😄
वेदांत को उसे चिढ़ाने में बड़ा मजा आने लगा है,और रिद्धिमा को उसे देख कर बिना गुस्सा के भी गुस्सा आने लगा। 😄😄
आ जाओ भाभी पहले खा लो लगता है।चाय तो अगले जन्म में मिलेगी पीने। 😄😄
वेदांत गुस्से में प्यार से नही बोल सकती है। जब देखो टेढ़ा ही बोलेगी पता नही किस जन्म का दुश्मनी निकल रही है।
कभी तो प्यार से बोल देती लगता है,प्यार से इसकी दुश्मनी है तभी तो या मुझसे केवल टेढ़ा बोलती है। 😄
सच्ची में इसका नाम खूंखार शेरनी रखा हूँ अगले जन्म में पक्का शेरनी होगी तभी तो सूरत इतनी प्यारी और आँखों से खूंखार शेरनी लगती है।
रिद्धिमा सोच रही है अभी वो गुस्से में होगा अच्छा है गुस्से रहेगा तो यहाँ नही आएगा अपने कमरे में चला जायेगा।
तभी आ जाओ दिदु जीजू आ गई मेरी चाय. मेरी चाय के आगे नमकीन की छुट्टी।
हूँ..रिद्धिमा गुस्से में कहती है अपने आप से खुद पीना मुझे तेरी सड़ी चाय और तेरी सड़ी सी शक्ल देख कर तो गुस्सा आता है पर क्या करुँ।
प्रिया अरे भाई सच्ची में तू चाय मस्त बनाया है।
वेदांत रिद्धिमा को आँख मार कर कहता है देखा न एक घूंट पी कर तो देखो गुस्सा हवा में चला जएगा।
रवि वाह साले साहब आप तो छुपे रुस्तम निकले अरे नही जीजू बस कभी कभी बना लेता हूँ कोई बनाने वाली मिलती ही नही तभी तो।
अच्छा इस बार तो पक्का आपके लिए लड़की ढूढ़ना पड़ेगा।
वेदांत खुद से लड़की तो सामने है पर है तीखी मिर्ची पर क्या करुँ?
प्रिया क्या हुआ किन ख्यालों में खो रहे हो।
प्रिया अरे रिद्धिमा चाय तो पी लो सच्ची में अच्छी बनी है।
हाँ पीती हूँ..
रिद्धिमा जैसे चाय लेती सारा चाय उसके हाथों पर गिर जाता है।
आह..
क्या हुआ अरे सॉरी भाभी चाय गिर गई अरे जला तो नही
अरे नही कुछ वो दौड़ कर जाने लगती है तभी वेदांत उसके लिए आइस लेकर आ जाता है।
अरे नही कुछ नही हुआ मुझे नही लगना है।
अरे बैठ यहाँ ला वेदांत इसे तो अपनी फिक्र रहती नही है। कितना जल रहा होगा और कहती है कुछ नही।
रवि तू न मोटी कैसे चाय गिरा ली खुद जला ली।
अरे कुछ नही हुआ है आप सब ऐसे ही परेशान हो जाते हो।
वेदांत नही पीने का इरादा था तो नही पीती न खुद को क्यों जला ली।
वेदांत उदास हो गया।
रिद्धिमा अपने कमरे में चली जाती है आह कितना दर्द हो रहा है इस अड़ियल की वजह से क्या जरुरत थी उसे चाय बनाने की ना खुद चैन से रहता है और न मुझे रहने देता है।
उसे क्या फर्क पड़ेगा दर्द मुझे हो रहा है हूँ...सबको दिखाने के लिए आइस लेकर आ गया।
हूँ....बड़ा ने अपने आप को ओवर स्मार्ट समझता है।
आह कितना दर्द हो रहा है सबके सामने बोल भी नही पाई सब परेशान हो जाते।
इधर वेदांत का चेहरा उतरा सा था।
अरे भाई क्यों क्या हुआ तू तो डरा है कुछ नही हुआ है ऐसे छोटे छोटे तूफान आते रहते हैं कोई बड़ी बात नही है।
अरे दिदु तेरी तीखी मिर्ची समझेगी नही वो तो अभी गुस्से में होगी मुझे डर लग रहा है वैसे मैं डरता नही हूँ।
पर क्या करूँ तेरी वजह से चुप रह जाता हूँ वरना उसकी एक मिनट में छुट्टी कर देता।
चल फूट यहाँ से आज तेरी तीखी मिर्ची तो पक्का खा जाएगी बच कर रहना।
अरे दिदु आप बचा लेना वरना इस सीधा साधा बकरी को चाय की वजह से अपनी जान की कुर्बानी न देना पड़ जाय।
फिर इतना प्यारा भाई कहाँ से लाएगी और शादी में मस्ती कैसे करेगी कितने सारे सपने देखती होगी।
जीजू के पैसे भी तो खर्च करेगी न।
हाँ भाई मैं तो भूल ही गई थी अब तो तुझे बचाना ही पड़ेगा वरना तू और तेरे जीजू लूटने से बच जायँगे वो तो
होने नही दूंगी।
तभी तो दिदु मेरी पार्टी में आ आ जाओ उस तीखी मिर्ची के टीम को बदल कर फिर देखना।
रवि अरे क्या बातें हो रही है।
प्रिया कुछ नही ये डर रहा है रिद्धिमा में।
हाहाहाहा अरे डरने की बात नही है मेरी मोटी वैसी नही है आपको कुछ नही करेगी।
वेदांत खुद से अरे जीजू आपको क्या पता वो कैसी ये तो बस इस दिल को पता है। अभी वो कितने गुस्से में होगी। पर गुस्से में भी बड़ी प्यारी लगती है वैसे।
रिद्धिमा देखो न मेरी हाथ जल गई है दर्द हो रहा उसे तो मजा आ रहा होगा मेरा हाथ जो जल गया उसे ख़ुशी हो रही होगी देखो न कितना बकबक कर रहा है लगता है जैसे मेरे जलने की ख़ुशी मना रहा है।
रिद्धिमा का दिल कहता है क्या हुआ क्यों सोच रही हो। उसके बारे में क्यों वो सोचेगा तुम्हारे बारे में कभी ठीक से बात करती नही हो।
"कितनी पत्थर की बन गई हो ऐसी तो थी नही फिर क्यों वेदांत के लिए तुम इतनी पत्थर बन गई हो।"
!!क्या?करूँ तो क्यों उसे तकलीफ दूँ वो मेरी सूरत देखा है न मेरा सच नही ना सच वो सुनकर अगर वो अगर बदल गया तो उससे अच्छा है अभी ही पत्थर बन कर अच्छी हूँ!!
उसका दिल कहता है एक बार बदल कर देखो तो।
प्लीज मुझे नही बदलना है मैं जैसे हूँ ठीक हूँ।
चुप बदमाश कुछ भी बोलते रहता है रुक आती हूँ रिद्धिमा से मिल कर।
क्रमशः.......