!!रिद्धिमा आते ही......
अरे भाभी तैयार हो गई है......
हाँ अभी आई........
"रवि धीरे से तेरी भाभी और शॉपिंग न जाय ये तो नही सकता।"
अच्छा क्या चुगली कर रहे हो मैं बहरी नही हूँ......
"अरे गोलगप्पा तेरी शिकयत करके आफत बुलाना है,
हाहाहा दोनों हँसने लगते हैं।"
अच्छा चलो......
सब मॉल में जाते हैं।
प्रिया क्या लेना है।
रिद्धिमा अरे भाभी बस कुछ नही देखने तो दो।
अरे आज तक तुम्हें कोई चीज पसंद इतनी जल्दी आती है
जो आज आएगी।
अच्छा क्या कहा आपने....
कुछ नही तू जा अपने पसंद की कुछ लेगी या बिना कुछ लिए चली जायगी।
आओ न भाभी तुम ही पसंद कर दो न,
प्रिया एक लाल रंग की टॉप देखती है,और कहती है ये ले लो तुम पहनोगी तो खिल जाओगी।
ट्रिप पर तो कोई दिल दे ही देगा।
भाभी आप न कुछ भी बोलती रहती हो, मुझे नही किसी को दिल बिल देना है।
मैं इतनी चटक फटक रंग नही पहनती हूँ, मुझे नही लेना
क्यों नही लेना प्रिया प्यार वाली गुस्से से बोलती है।
अरे रंग से रंगीन हो जाती है जिंदगी,अभी क्या हो गया है। जो तू अपने जिंदगी में कोई रंग ही नही लायेगी।
भूल कर अपनी जिंदगी में प्यार को रंगीन बना ले समझी।
मेरी जिंदगी में मेरी इतनी प्यारी भाभी भाई है तो किसी
और को क्यों लाऊं?
अच्छा चल न कोई तो होगा। जो मेरी प्यारी रिद्धिमा को अपना बना कर ले जायेगा।
उसकी खूबसूरती से नही जो उसके नखरे से प्यार करे
अच्छा.....
रिद्धिमा थोड़ी उदास हो जाती है ऑंखें की पानी को अब उसे आँखों में रखने की आदत सी हो गई है।
बहाना बनाते हुए अभी आई भाभी........
प्रिया सोचती है ये कब अपनी जिंदगी में आगे बढ़ेगी कुछ भी कर लूँ पर ये खुद को उस कैद से आजाद ही नही होना चाहती है।
रवि कहाँ खो गई किसे याद कर रही हो,भरे बाजार में
अरे कुछ नही वो रिद्धिमा कुछ लाने गई है।
देखो न ये रंग कैसा है वो नही ले रही है।
तुम्हें अच्छा लग रहा है तो ले लो न वो पहन लेगी।
अरे बड़े नखरे हैं आपकी प्यारी मोटी की.....
अरे आप सब की हो गई शॉपिंग हो गई। रिद्धिमा ने पूछा
प्रिया मुझे क्या लेना है।
कुछ भी ले लो न भाभी जो दिल करे आपका सोचना क्या?
क्यों भैया.... सही कहा न,
चुप ये तो ऐसे ही मेरा चुना लगाते रहती है।
हाहाहा अच्छा हम और चुना लगाते हैं।
नही किसने कहा.....
रवि जोर से हँसता है।
प्रिया तुझे छोरूंगी नही कुम्भकरण आज तो,
अच्छा क्या करेगी.....
अरे आप दोनों यहाँ भी शुरू हो गए।
अरे चलो न वरना मॉल में आप दोनों की वीडियो बना कर अपलोड कर देंगे.
हाहाहा सही रहेगा इस कुम्भकरण की
अच्छा तू गोलगप्पा ......
सब वापस घर जा रहे हैं तभी रास्ते में रिद्धिमा रुको रुको
भाई गोलगप्पे खाना है प्लीज.....
आज मन कर रहा है, रवि तब तो एक गोलप्पे तो है ही और खा कर तो और डबल गोलगप्पा बन जाएगी।
हाहाहा...... भाई आज तो भाभी 20या 30से कम नही खाने वाली।
अच्छा तुझे मैं पेटू दिखती हूँ क्या?
अरे नही मेरी प्यारी भाभी तुम गुस्से में बहुत प्यारी लगती हो.......
ओहो सॉरी मेरी प्यारी भाभी
अच्छा दिखा दूँ आप की सेल्फी.....
अच्छा तो तुम दोनों भाई बहन गुस्सा दिला रही हो मुझे।
हाहाहा सही कह रही है रिद्धिमा.......
रवि हँसते हुए।
अच्छा किसने बाजी जीता.....
भाभी ने रवि वो खाने में कभी किसी से नही हार सकती है। वो हारा सकती है सबको।
क्यों मेरी गोलप्पा सही कहा न।
हाँ कुम्भकरण जी अब चलो रात यूँ ही गुजारनी है क्या?
अरे हाँ चलो बाबा सब.....
आज गोलगप्पे के साथ यहीं गुजर जाएगी तो कल हम कैसे जायँगे?
सब वापस आते हुए कहते हैं आज न बड़े दिनों बाद ऐसा गोलगप्पा खाया मैंने।
रवि प्रिया की खींचाई करते हुए।
तुम गोलगपप्पे खाते खाते खुद तो गोलगपप्पे बन गयी
हाहाहा......
सच्ची में रवि बड़े दिन बाद ऐसा स्वाद मुँह में घुला।
तब तू उस स्वाद में घुली रहोगी या,पेट पुजा भी कराने का इरादा है। 😄😄
तुम को छोडूंगी नही आज.....
अच्छा क्या करेगी रवि ऑंखें दबाते हुए कहता है......
चुप जाओ यहाँ से।
अरे भाभी मेरी पैकिंग कर दो न मुझे कुछ समझ नही आ रहा है।
क्या लूँ क्या नही,
कुछ समझ नही आता है।
अगर आप मेरी भाभी नही होती तो मेरा क्या होता।
वही होता जो मंजूरे मेरी ननद चाहती.......
तुम भी न भाभी बात बात पर छक्का मार देती हो......
अच्छा आती हूँ तेरे कुम्भकरण भाई को पेट पुजा करा कर फिर तेरी पैकिंग कर देती हूँ।
अच्छा ठीक है भाभी आ जाओ।
तब तक हम आते हैं ठीक है।
रिद्धिमा चलो देखो क्या रखना है।
अरे आप को जो ठीक लगे वो रख दो न कुछ भी पहन लूँगी।
क्यों तू बात बात पर ऐसे बोलती है
अरे खूबसूरत हो तो फिर क्यों अपने साथ ऐसा करते रहती हो।
ये जुल्म.....
तेरे जैसे खूबसूरत होने के लिए लोग सोचते हैं,और तू न
बस ऐसे ही अपनी खूबसूरती को छुपा कर खुश है।
अच्छा सॉरी भाभी दिल नही करता है।
चल बड़ा न आई दिल वाली बनने।
अच्छा मैंने सारी पैकिंग कर दी हूँ अच्छे से एन्जॉय करना
पुरानी यादों से बाहर निकल कर।
क्या पता कोई तुझसे वहाँ टकरा जाय जो तेरे को बदल दे
ऐसा कुछ नही होगा आप ना खुली आँख से सपना देखना बंद कर दो मेरी प्यारी भाभी .......
नही क्यों बंद करूँ मैं तो भगवान से रोज प्रार्थना करती हूँ, की मेरी प्यारी ननद को कोई ऐसा मिल जाय जो उसे खूब प्यार करे उसकी सारी खुशियाँ बस तेरे नाम हो जाय।
ऐसा कभी नही होगा समझी मेरी भाभी जान......
ऐसा तो होगा मेरी प्यारी ननद रानी.....
अरे क्या हुआ रवि पूछता है?
रिद्धिमा अपनी भाभी का मुँह बंद कर देती है।
प्लीज कुछ मत बोलना भाई से।
अच्छा ठीक है जब तू मेरी बात मानेगी तब
अच्छा जब ऐसा कुछ होगा तब.....
अब मुझे सोने दो न जाओ न भाई बुला रहे हैं।
अपनी गोलगप्पा को बुला रहे हैं जाओ न.......
अच्छा जा रही हूँ तुम सो जाओ आराम से,
दोनों की बातें ऐसी होती जैसे दोनों भाभी और ननद न हो कर दोनों दोस्त जैसे बातें करते रहते हैं एक दूसरे से।
क्रमशः......