"रविअपनी मोटी से कहता है क्या हुआ तू कमरे में है, चल न कुछ खिला दे।"
बहुत दिनों से तेरे हाथ की बनी कुछ खाया नही है।तू किसी से कम नही है चल गोलगप्पे का भाई बना रहा है तो हम क्यों पीछे रहेंगे ।
चल मोटी आ बाहर।
अरे नही भाई आप न कुछ भी बोल देते हो।
वैसे मुझे नही पंगा लेना है उस अड़ियल से खुद से बोलती है।
रवि उसे जबरदस्ती खींच कर कहता है चल तू जब से ट्रिप से आई है तब से तू बदली बदली सी रहने लगी है।
प्रिया कह रही है।आजकल तू गुस्से में रहती है,कोई परेशानी है तो बता दे।
तू ठीक है न मोटी।
हाँ भाई ठीक हूँ अच्छा चलो वरना आप ऐसे ही परेशान होते रहोगे।भाभी ऐसे ही कुछ बोल देती है अभी उनका भाई आया हुआ है न इसलिए।
रिद्धिमा गुस्से में क्या करूँ इस अड़ियल की वजह से मुझे
गुस्सा आता है।आखिर किस को बताऊँ सब मजाक न बना दे।
रिद्धिमा अब चलो उस अड़ियल की शक्ल देखने सड़ी सा 😄
प्रिया ये हुई न बात।
अब चलो मजा आएगा चाय के साथ कुछ खाने भी मिलेगा रिद्धिमा के हाथ की बनी नमकीन से।
अरे वेदांत जानता है रिद्धिमा के हाथ में जादू है।
हूँ.... वेदांत इस तीखी मिर्ची के खाने में बस मिर्ची ही होगी
खुद मिर्ची है तो बनाएगी भी मिर्ची ही न जादू खाक होगी। इसके हाथ में बस मिर्ची ही मिर्ची।
रिद्धिमा ऐसे क्या देख रहे हो तुम्हारी चाय बने ना बने मेरी नमकीन जरूर बन जायगी।
वेदांत हूँ बड़ा ने आई है चाय के साथ नमकीन बनाने।
क्यों आपको नही खाना है।
नही मुँह का स्वाद बिगड़ जायेगा आप के हाथ का खा लूँगा तो। 😄😄
रिद्धिमा उसे दिखती है तो वेदांत कहता खा जाने का इरादा है क्या?
रिद्धिमा हूँ....
अपने कमरे में रहती एक कप कम चाय बनाना पड़ता।
क्यों आपको बेचैनी हो रही थी मेरी चाय पीने की।
जो चली आयीं यहाँ।
रिद्धिमा कुछ काम तो है नही तो घर का ही काम करो फ्री का खाना मिल रहा तो कुछ काम भी कर दो अच्छा रहेगा,
और यहाँ रहने के लिए मिल जायेगा और मेरा सर खाने के लिए। पक गया हूँ आपकी बक बक से।
चुपचाप चाय बनाओ आप और मुझे अपना काम करने दीजिए समझे अड़ियल।
वेदांत देखो आप के लिए चाय बना रहा हूँ तारीफ कर देना झूठी ही सही ऑंखें मत दिखना।
वैसे जो एक बार पी लेता है न मेरी हाथ का चाय वो दीवाना बन जाता है मेरी चाय का समझी आप।
रिद्धिमा मुझे नही समझना है समझे।आप आपकी चाय से अच्छी है बिना चाय के रह जाऊं पर आपकी चाय न पियूँगी समझे अड़ियल।
!!आपकी चाय की तारीफ जो भी करेगा वो दुनिया में सबसे बेकार होगा मैं तो आपको एक मिनट भी बर्दास्त नही करती और आपके हाथ की चाय तो क्या जहर भी नही पीती मैं!!
"वेदांत तुझे तो तीखी मिर्ची चाय और जहर तो छोड़ दो मैं मिर्ची ही पीला देता तब मुझे मजा आता"।
😄😄
!!आपको झेलना मेरी मज़बूरी है पता नही कहाँ से मैं आपसे टकरा गई और आफत को गले लगा कर अपने घर
पंहुचा दिया झेलने के लिए!!
चुपचाप आप काम करो अपनी बकबक को आराम करने दो। मुझे आपकी की बकबक में कोई दिलचस्पी नही है, समझे अड़ियल।
वेदांत अरे मेरी बकबक को आराम कहाँ है जब तक वो हमसे झगड़ा ना करे तो उसे लगता है खाना हजम नही होता है पर मुझे तो है दिलचस्पी आप को नही है तो क्या करूँ। 😄😄
रिद्धिमा आपने कुछ बोला क्या?
जी नही खुद से बोलना भी मना है आपके घर में क्या जो आपसे पूछ कर बोलूं आप को लगता है बीच में बोलने की बीमारी लग गई है।
!!आप दिखा लो हमें तो लग रहा है कोई खतरनाक बीमारी तो नही हो गई है आपको!!😄😄
हेलो मुझे आप से मिलना और बातें करना अच्छा नही लगता है समझे आप रिद्धिमा गुस्से में कहती है।
वेदांत भी गुस्से में,
हेलो मुझे भी आपसे मिलना अच्छा नही लगता है मेरे पीछे लड़कियों की भीड़ लगी रहती है सब लाइन में लगे रहते हैं समझी आप।
मैं कितना खूबसूरत हूँ और हैंडसम वो तो आप लड़कियों से जा कर पूछो तो समझ आएगी।
घर की मुर्गी दाल बराबर होती है आपने सच कर दिया मुझे ये कह कर।
!!हेलो मुझे कोई शौक नही है आपकी तारीफ सुनने का आप के पीछे लड़कियां भागती है या बकरियां हमें क्या लेना देना!!
"आप देखते रहो की मेरे पीछे लड़कियां आ रही है या बकरियां समझे अड़ियल।"😄😄
क्यों?आपको जलन हो रही है मेरी तारीफ से।
मेरी जिंदगी में आपकी बातें सुनने और समझने के लिए वक्त नही है।वो तो भाई की वजह से यहाँ आ गई और आपको झेल रही हूँ।
हाँ तीखी मिर्ची हम भी समझ रहे हैं तू इतनी तीखी है नही पता नही क्यों मेरे साथ तू तीखी मिर्ची बन जाती है।
!!हमें तो पता लगाना पड़ेगा ही की इतनी तीखी मिर्ची के राज की वजह को हमें तुम जो समझ रही हो वो तो हम भी नही हैं न हमें तो तेरी तरह तीखी मिर्ची नही बनाना है!!
पर तुझे अपनी तीखी मिर्ची तो बना ही लूँगा हार तो नही मानूँगा चाहे कुछ भी हो जाय पर अपना तो तुझे बना ही कर मानूँगा समझी मेरी खूंखार शेरनी।
तभी प्रिया कहती है आज कुछ बनेगा या तुम दोनों के झगड़े से पेट भरना है हम सब को।
अरे नही दिदु ऐसी बात नही है धीरे से प्रिया के कानों में ये चुप रहती नही है चुप रहने के लिए मुझे ही चुप रहना पड़ता है,बड़ी तीखी मिर्ची है बाप रे।
क्रमशः.....