!!वेदांत खुद से अरे तीखी मिर्ची तेरे गुस्से की वजह तो मुझे जानना ही है वो भी तू ही खुद ही बताएगी!!
आखिर तेरी उदासी के राज के बारे में वैसे तेरी उदासी की वजह कुछ भी हो कोई मायने नही है मेरे लिए।तुझे अपना तो बना कर मानूँगा में।
पता नही तीखी मिर्ची तू जितना चिढ़ती है मुझे तू उतनी ही प्यारी लगती है।
कुछ न कुछ तो जुगाड़ लगाना ही पड़ेगा तेरे दिल के बंद दरवाजे को खोलने के लिए।😄😄
क्या? कहती है तू इस बारे में।😄😄
रवि अरे गोलगप्पा वेदांत को क्यों जाने दे दी।
प्रिया अरे बाबा उसे हॉस्पिटल भी जाना था काम भी तो था।
रवि प्रिया को अपने पास खींचते हुए अरे मेरी गोलगप्पा तू गुस्सा क्यों हो रही है।
अरे छोडो न रिद्धिमा आ जायगी हटो बड़ा आशकी दिखा रहो। 😄😄
अच्छा तो किसी और के साथ जा रहा हूँ आशकी करने।
अच्छा जरा जा कर तो दिखा दो।😄😄
अरे हम अपनी गोलगप्पा को छोड़ कर कहाँ जाऊँगा। 😄😄
दोनों की नोकझोंक ऐसे ही चलते रहती है।
दोनों में प्यार भी इतना की मत पूछो झगड़े भी इतना की बस खुद ही दोनों सुलझा लेते हैं बातों ही बातों में।
प्रिया क्या बात है आज इतना मक्खन क्यों लगा रहे हो,
क्या बात है।
आज यँही पर इतना मस्का क्यों लगा रहे हो।
बोलो बोलो।
अरे यार जब प्यार करो तो मक्खन और नही करो तो ताने सुनो ।
अरे यार ये बीबी भी न क्या होती है कुछ नही समझ आता है।
अच्छा और ये पति क्या होते है?
रवि कुछ नही सीधा साधा एक बीबी का बंदा जिसके हुक्म पर बस सर झुका कर जीता है।
हाहाहाहा प्रिया हँसते हुए भाग जाती है।
रवि आज तो गोलगप्पा तुझे बताता हूँ।
😄😄
प्रिया भागते हुए रिद्धिमा से टकरा जाती है वो डर जाती है, और कहती है क्या हुआ भाभी क्यों भाग रही हो।
प्रिया हँसते हुए अरे अभी चुप प्लीज अभी कुछ मत बोलो।
रिद्धिमा अपनी बड़ी बड़ी ऑंखें मटकाते हुए कुछ न बोल कर
फिर चुप हो जाती है।
प्रिया अरे रिद्धिमा कोई आ तो नही रहा है।
अरे नही भाभी कोई नही है।
अच्छा बच गई मैं तभी रवि आता है और मुस्कुराते हुए
रिद्धिमा को देख कर चुप हो जाता है।
😄😄
रवि अरे बाबा खाना तो लगा दो आज खाना कहीं हड़ताल पर तो नही चला गया।
प्रिया उसे हँसते हुए कहती है अभी आई।
अरे रिद्धिमा आजा खाने के लिए सब बातें करते हुए खाना खा रहे हैं।
तभी प्रिया कहती है आज खाने की टेबल सुना लग रहा।
वेदांत रहता था तो अपनी बातों से सबको बहलाते रहता है तभी रिद्धिमा को खांसी आ जाता है अरे क्या हुआ
कुछ नही बस ऐसे ही।
रिद्धिमा खुद से कहती है उस अड़ियल का नाम अगर खाने के टाइम में कोई लेगा तो क्या होगा।
हे भगवान जा कर भी लगता है यँही है भूत की तरह।
अगर खाने के वक्त अगर कोई नाम लेगा तो खाना भी डर जाता है।
हूँ..... अड़ियल तेरी वजह से आज मेरा खाना भी चला गया अब खाक खाऊँगी।
रिद्धिमा कहती है अब हो गया मेरा हो गया अच्छा चलती हूँ।
अरे तूने खाया नही क्यों रिद्धिमा?
अरे अब हो गया भाभी आप आराम से खा लो।
वो खुद से उस अड़ियल का नाम और लो न,वरना
खाना का स्वाद भी बेकार हो जाता है आप तो और उसका नाम लेकर बिगाड़ दिया अपने जैसे ।
रिद्धिमा अपने कमरे आती है खिड़की के पास आसमान को देख रही उसमें वो खो जाती है।
तभी लगता है जैसे वेदांत आ कर कहता है अरे तीखी मिर्ची किसे याद कर रही हो।
कहीं आपकी यादों में हम तो नही हैं।
सच्ची बोलना देखो गुस्सा मत होना।
रिद्धिमा डर जाती है उसे लगता है कहीं सच्ची में वो आ तो नही गया है।
अरे क्या हुआ रिद्धिमा क्यों उस अड़ियल के ख्यालों में खो रही है वो तो यंहाँ नही है बेचारा फिर भी उसे क्यों याद कर रही हो।
हूँ.... हम क्यों याद करेंगे उस अड़ियल को हमें क्या करना उसका अचार डालना है 😄जो उस अड़ियल को याद करूँ।
रिद्धिमा सोने जाती है तो नींद जैसे आज रूठ गई हो,
लगता है जैसे नींद उससे खफा सी हो गई है।
तभी लगता है क्या हुआ खूंखार शेरनी आज मेरी याद में तुम्हें नींद भी नही आ रही है।
चुप अपनी बकबक बंद करो मुझे सोना है।
हाहाहाहा अरे हम तो यंहाँ हैं भी नही फिर भी मुझे याद कर रही हो क्यों अपने दिल को डांट रही हो।
हमें ही आपकी याद नही आ रही है आप भी हमें याद कर रहे हो।
रिद्धिमा डर जाती है सोचती कहीं वो सच में तो यँही नही है अड़ियल।
जब देखती तो कोई नही है फिर वो सोने लगती है।
तो वेदांत लगता है उसके कान में धीरे से कहता है अच्छा अब जा रहा हूँ अब आपको परेशान नही करूँगा पर आप मुझे याद मत करना 😄😄
सो जाना सपने में भी हमसे झगड़ा मत करने लगना, समझी तीखी मिर्ची।
रिद्धिमा सोचती है आखिर जितना नही सोचता हूँ, उतना ही वो याद आ जाता है।
हे भगवान ये जाता क्यों नही है
वेदांत हाहाहाहा हम तो ऐसे जाने वाले नही हैं आपको भी
साथ लेकर जाऊँगा। अब अकेले नही रहना है अब तो तीखी मिर्ची के साथ रहना है।
रिद्धिमा जाते हो या नही।
रिद्धिमा का प्रतिबिंम उससे कहता है अरे रिद्धिमा किस पर इतना गुस्सा कर रही हो।
कोई नही है यंहाँ पर देखो तो सही तुम।
रिद्धिमा कहती है क्यों वो मेरे पीछे पीछे चला आता है।
खुद को समझता क्या है।
अरे वो तो चला गया है तू क्यों उसे याद कर रही है बोलो
हूँ.... मैं क्यों उसे याद करूँ मेरी जूती भी न याद करे और मैं तो मैं ही हूँ।
रिद्धिमा खुद से अच्छा मैं सो जाती हूँ वरना यूँ ही उसके वजह से मेरी नींद भी चली जाएगी।
क्रमशः.........