वेदांत सोने तो चला जाता है फिर सोचता है आखिर क्या छुपा कर रखी है!!
रिद्धिमा को नींद नही आ रही है वो सोच रही है कैसे उसे बता दूँ अपनी कहानी फिर सोचती है क्यों उसे तकलीफ दूँ।
""ऐसे ही तो कितना उसे गुस्सा करती हूँ फिर भी उसे परवाह नही पड़ता है।""
तभी उसे प्यास लगती है वो सोचती है क्या करूँ गिर तो नही जाऊंगी लेने के देने न पड़ जाय।
तभी वो चलने की कोशिश करती है तभी वो गिरने लगती है तो जैसे कोई थाम लेता है।
रिद्धिमा तुम यहाँ क्या करने आये हो।
वेदांत आपको गिरने का शौक है हमें बचाने का।
अरे कुछ नही बस आपको देखने आया था पर आप इस हालत में कहाँ चल दी।
वो पानी पीना था बस सोची पी लेती हूँ भाभी सो रही थी लगता है भूल गई थी।
अरे मुझे बुला लेते आवाज तो देते हम आ जाते आप बैठो
हम ले कर आते हैं।
रिद्धिमा पानी पी कर उसे थैंक्स बोलती है।
"!वेदांत हँस कर कहता है अरे आज क्या बात है तीखी मिर्ची थैंक्स बोल रही है नशे में तो नही है।!!
😄😄
वेदांत बोलता है आपकी तबियत ठीक तो है न।
रिद्धिमा हाँ अब ठीक है बस थोड़ा दर्द है।
वेदांत कहता है दर्द बाँटने से कम होता है खुद कब तक अकेले कोई सहते रहेगा।
!!रिद्धिमा कहती है अपना दर्द खुद कभी कभी सहना पड़ता है!!
अच्छा एक बात पूछूँ आप चिल्लाना मत वरना सब जग जायेंगे।
हाँ पूछिए आप होली क्यों नही खेलती है क्यों अपनों को रंगों से दूर रखती हैं।
रिद्धिमा रोने लगती है।
वेदांत डर जाता है अरे क्या हुआ?
रिद्धिमा कुछ नही बस ऐसे ही अच्छा मैं चला जाता हूँ।
आपको रोते नही देख सकता हूँ प्लीज प्लीज आप चुप हो जाओ।
अच्छा क्यों आप मुझे रोते नही देख सकते हो रिद्धिमा पूछती है।
वेदांत सोचा आज अगर डर गया तो गया आज काम से।
मैं आपसे बहुत प्यार करता हूँ पर आपके गुस्से की वजह से चुप रहता था।
आप मेरी सच्चाई नही जानते हो न मैं किसी और से प्यार करती थी सबको पता था।
सब मेरी खुशी में खुश थे होली का दिन था सब होली खेलने में मग्न थे।
मैं जिससे प्यार करती थी उनका भी सब परिवार हमारे घर पर आये थे होली खेलने।
रेहान भी आने वाला था हम सबके साथ होली खेलने, लेकिन
ऐसा क्या हुआ जानने के लिए आपको अगले और अंतिम भाग में पता चलेगा की क्या रिद्धिमा को प्यार हो जाएगा या नही
क्रमशः......