कौन सा पेशंट है जिसके लिए तू इतना परेशान है।
चुप यार ये वही लड़की है जिससे मेरी मुलाक़ात हुई थी।
अरे तू इसे जानता है।
हाँ बाबा पर बाद में बताऊँगा अच्छा तू रुक हम अभी आये।
रवि वेदांत को ढूंढ रहा है अरे वेदांत तुम चले जाओ न,
प्रिया के साथ घर नही जीजू आप चले जाओ यहाँ कोई परेशानी नही होगा मेरी पेसन्ट को आप सुबह चले आना।
अब कोई नही जाने को तैयार हो रहे थे लेकिन जाना तो पड़ेगा ही न सब थोड़े हॉस्पिटल में रुकते।
वेदांत प्रिया और रवि को घर भेज देता है।वो सिस्टर को वहीं रहने बोलता और चुपके चुपके उसे देख भी लेता था, और कहता था हूँ देखो न अभी भी जैसे बेड पर से कूद जाएगी हमसे लड़ने के लिए।
सन्नी अरे किसे तू देख रहा है।
वेदांत चुप मेरी पोल मत खोल देना समझा।
सन्नी खोल दूँगा क्यों नही बोल रहा तब आखिर चक्कर क्या है मेरे भाई।
अरे कुछ नही है मेरे मच्छर बस ये लड़की मेरी दिदु की ननद है जिसका जिम्मा मेरे ऊपर आ गया है। मुझे नही पता था की ये यहाँ आज आ जाएगी।
अरे यही थी जिसे देख कर हम अपनी सुधबुध खो बैठे है, पर ये है एकदम तीखी मिर्ची अभी भी बेड पर से देख रही है तो लगता है जैसे मुझे खा जाएगी।
अरे तो दिल की बात क्यों नही बताया।
अरे डर लगता है मुझे वो अगर बिगड़ गयी तो।
अच्छा चल मैं कर देता हूँ।
नही तू चल अभी बाद में करना अरे यार रुक तो देख तो लेने दे फिर चला जाऊंगा।
वेदांत नही जा तू सन्नी अरे नही ले जाऊँगा डर मत।
वेदांत उसे बाहर से दिखा कर कहता चल पतली गली मच्छर।
वेदांत सोचता अरे बाप रे सब को तो चला दिया तो अच्छा चला गया मच्छर।
अब थोड़ी देर बैठ जाता हूँ और चाय पी लूँ इस तीखी मिर्ची को तो आफत लाने का लगता है शौक है कभी गिरती है कभी लड़ती है।
रिद्धिमा लेटे लेटे सोच रही है ये यहाँ क्या करने आया है।
हद है गिर गयी तो क्या इस हॉस्पिटल में ये डॉक्टर है क्या जो यहाँ आया है।
हूँ...बड़ा ने खुद को डॉक्टर समझ रहा है आता तो कुछ नही है बस बातें जितना कर ले।
फिर रिद्धिमा सो जाती है सिस्टर आ कर वेदांत को कहती है सर वो पेशंट सो गयी है अभी तो सब ठीक है।
वेदांत सोचता है एक बार जा कर देख लूँ कैसी है वो फिर सोचता है।अगर देख ली तो फिर वो मास्क लगा कर जाता है देखता है एक दम आराम से सो रही है।
तभी रिद्धिमा कहती है पानी पानी वो डर जाता है,और डरते डरते मास्क लगा कर उसे पानी पीला देता है।।
रिद्धिमा थैंक्स कहती है बेचारे वेदांत का दिल जोर जोर से धड़क रहा था फिर वो सो जाती है।
वेदांत बाहर आ कर लम्बी सांस लेता है और कहता अरे बाप रे बच गया।
फिर वो रात भर वंही रहता है सिस्टर कहती है सर आप आराम कर लो।
वो खुद से कहता है मैं आराम कैसे करूँगा ये इतनी तकलीफ में है और मैं आराम करूँ नही ऐसा नही हो सकता है।
वो वंही रात भर बैठा रह जाता है सुबह होते ही वो अपने केबिन मे चला जाता है।
रिद्धिमा जगती है तो कुछ अच्छा सा उसे लग रहा है,तभी सिस्टर आती है और gm बोलती है और पूछती है।
कैसी हो आप।
रिद्धिमा कहती है ठीक हूँ।
सिस्टर कहती है आप तो ठीक रहोगी ही न आपके लिए डॉक्टर रात भर जगे रहे हैं।
अच्छा आप उन्हें थैंक्स बोल देना मेरी वजह से उन्हें तकलीफ उठानी पड़ी।
अरे आप ज्यादा मत सोचो।
आप आराम करो सिस्टर चली जाती है.
रिद्धिमा सोचती है आखिर डॉक्टर किस लिए मेरे लिए जगे होंगे।
तभी प्रिया रवि आते हैं प्रिया कैसी है अब ठीक है न।
हाँ भाभी आप सब परेशान हो रही हो न क्या करूँ मुझे माफ कर दो।
मेरी गलती नही थी वो ट्रक आ जाता है।
रवि कुछ मत बोल तू जिन्दा है यही बड़ी बात है
रवि उसके सर पर हाथ फेरते हुए।
तभी वेदांत आ जाता है और कहता लगता है हम गलत टाइम पर आ गए हैं।
प्रिया से पूछता है कैसी है आपकी ननद दिदु।
प्रिया तेरे होते इसे कुछ हो सकता हैलेकिन फिर तुझे कैसे पता चला मेरी ननद यहाँ हैं।
रिद्धिमा अब ये यहाँ किस लिए आ गया है
क्रमशः........